भिंड। मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र इस बार चार दिन का होगा. 9 अगस्त से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. सरकार की ओर से इसकी घोषणा के साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस हमलावर हो गई है. पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने शिवराज सिंह और भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं.
बहानेबाज सरकार
अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब डॉक्टर गोविंद सिंह ने सरकार की नीयत को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि कोरोना के बहाने सरकार विधानसभा सत्र को छोटा करके विपक्ष के हमलों से भागने का काम कर रही है. जब से दूसरी बार शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने हैं तब से उन्होंने विधानसभा का ठीक से सत्र बुलाया ही नहीं है. बेरोजगारी, महंगाई,महिलाओं और बेटियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. सरकार जानती है की विपक्ष इन मुद्दों को पूरे दम-खम से उठाएगा, इसलिए सत्र को छोटा कर इन मुद्दों से बचने का प्रयास शिवराज सरकार कर रही है .
कोरोना में फेल हुए शिवराज
इसके साथ ही पूर्वमंत्री ने कोरोना काल में मध्य प्रदेश सरकार की नाकामियों को भी गिनाया. उन्होंने जमीनी हकीकत को अपने अंदाज में बताया. स्वास्थ्य सुविधाओं के फेलुअर का जिक्र किया. बताया कैसे ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी के चलते सैकड़ों लोग काल के गाल में असमय समा गये.
उन्होंने आम लोगों की पीड़ा को कुछ इस तरह बयान किया- कई परिवार जिनका कमाने वाला सदस्य चला गया और आज उनके परिवार संकट के दौर से गुजर रहे है जिनका कोई सुनने वाला नहीं है. इन तमाम मुद्दों को लेकर विपक्ष विधानसभा में सीएम शिवराज सिंह और उनकी सरकार को घेरने का मन बना चुकी है. इसलिए सरकार सत्र को छोटा करके जनता के मुद्दों पर जवाब देने बचने का प्रयास कर रही है.
सत्र का समय बढ़ाएं सरकार
सरकार की खामियां बताने के साथ ही कांग्रेस सत्र को बढ़ाने की बात कर रही है. डॉक्टर गोविंद सिंह ने मांग की है कि वर्षा कालीन सत्र को कम से कम तीन सप्ताह का किया जाए, जिससे जनता के हित से संबंधित मुद्दों को विधानसभा में उठाया जा सके.