भिंड। कोरोना महामारी का दंश आज दुनिया के 200 से ज्यादा देश झेल रहे हैं और अब तक इसकी कोई कारगर दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सिर्फ बचाव ही सुरक्षा का मंत्र है और इसके लिए सामाजिक दूरी और मास्क सबसे ज्यादा जरूरी है. भारत में भी शुरुआती दौर में लॉकडाउन लगाया गया. हर संभव प्रयास किए गए, लेकिन लॉकडाउन से अनलॉक में आते ही अब लोगों ने कोरोना के लिए बताए गए सारे नियमों को ताक पर रख दिया है. भिंड में भी हालत ऐसे ही हैं. अब शहर के ज्यादातर लोग ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं.
जिसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. पिछले 10 दिनों में ही करीब 160 मरीज सामने आ चुके हैं. ऐसे में अब प्रशासन ने स्थिति को कुछ हद तक काबू में लाने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लेने का मन बना लिया है. अब बिना मास्क बाजार या सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा. खास बात यह है कि, यह व्यवस्था दुपहिया और चारपहिया वाहनों के चालकों के लिए की गई है, जिन पर अब शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी.
अब तक सिर्फ चेकिंग पॉइंट लगाकर ही जुर्माने की कार्रवाई की जाती रही है. लेकिन अब एसपी मनोज सिंह के सुझाव पर कलेक्टर ने ये आदेश जारी किए हैं. अब तक 21 लोगों के घर सीसीटीवी कैमरे के जरिए पहचान कर चालान भेजा भी जा चुका है. भिंड एसपी मनोज सिंह का कहना है कि, कोरोना काल में लोगों को इस बीमारी की गंभीरता समझने की जरूरत है. पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी की जाती है, जिसकी उपयोगिता के साथ ही अब इन कैमरों से लोगों पर नजर रखी जाएगी और उनकी पहचान कर जुर्माना उनके घर भेज जाएगा. जिससे लोग जागरूक हो सकें, हालांकि इसके लिए फिलहाल जुर्माना राशि 100 रुपए रखी गई है.
रेडक्रॉस सोसाइटी में जमा होगी राशि
जुर्माना राशि को लेकर जब भिंड कलेक्टर वीरेंद्र सिंह रावत से बात की गई तो उनका कहना था कि, जो जुर्माना वसूला जाएगा. वो भी रेडक्रॉस सोसाइटी में जमा होगा. जिससे जरूरतमंद लोगों की मदद भी हो सके. स्थानीय लोगों का मानना है कि, पहल तो अच्छी है लेकिन जुर्माने की जगह प्रशाशन को मास्क उपलब्ध कराने चाहिए, क्योंकि रोज कमाकर खाने वाले लोग आज कोरोना कि वजह से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, उनके पास खाने का पैसा नहीं होता जुर्माना कहां से भरेंगे.
यह रहेगी कार्रवाई की प्रक्रिया
सुनने में तो ये बड़ा आसान लगता है, लेकिन वाकई इस जुर्माने के लिए 4 विभागों को प्रक्रिया का हिस्सा बनाया गया है. जुर्माना वसूलने के जिम्मेदारी नगर पालिका को सौंपी गई है. लेकिन इस प्रक्रिया की शुरूआत पुलिस विभाग से होगी. सबसे पहले शहर भर में लगे सार्वजनिक स्थानों पर 400 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी.
जो लोग बिना मास्क सीसीटीवी में दिखेंगे उनकी फोटो निकली जाएगी. जिसके बाद वे जिस वाहन पर चल रहे होंगे, उसका नंबर नोट कर यातायात विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी. इस काम के लिए बनाई गई यातायात विभाग की टीम उन नंबर्स को नगर पालिका सीएमओ को उपलब्ध कराएगी, जो आरटीओ विभाग से इन नंबर के वाहन मालिकों की जानकारी जुटाकर उनका एड्रेस उपलब्ध कराएंगे और नगर पालिका उनके घर जुर्माना भेजेगी.
यहां आएगी परेशानी
लोगों के हित और जन जागरूकता के लिए शुरू की जा रही इस व्यवस्था में एक बड़ी परेशानी ये भी है कि, भिंड शहर में ही अन्य शहरों और राज्यों से रजिस्टर्ड वाहन भी हैं, ऐसे में सिर्फ भिंड जिले के वाहन ही कार्रवाई के अंतर्गत आएंगे, इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क बाइक या कार से चल रहा है, जो किसी और के नाम रजिस्टर्ड हो, तो जुर्माना भी वाहन मालिक पर लगेगा, जबकि बिना मास्क चलने वाला शख्स साफ बच जाएगा.
भारत एक ऐसा देश है, जहां लोग हेलमेट हो या मास्क सिर्फ जुर्माने से बचने के लिए पहनते हैं. लेकिन भिंड के हालात बिल्कुल अलग हैं, यहां न लोगों को अब जुर्माने का डर है, ना कोरोना का भय, जिला प्रशासन अब पुलिस की मदद से सीसीटीवी के आधार पर लोगों को जागरूक करने का यह अनोखा प्रयास कर रहा है, लेकिन बिना आमजन के सहयोग और समझ के इन तमाम प्रयासों का कोई फायदा नहीं होगा.