भिंड। चुनाव सिर पर हैं, कभी भी निर्वाचन आयोग तारीखों की घोषणा कर सकता है. ऐसे में प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी के कई दिग्गज नेता और मंत्री एमपी में दौरे कर रहे हैं. इसी क्रम में भिंड में आयोजित बीजेपी के प्रबुद्धजन सम्मेलन में शामिल होने विदेश और संस्कृति केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी जिला मुख्यालय पहुंची. इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को गिनाया. वहीं ईटीवी भारत से भी चर्चा की.
'कांग्रेस के भ्रष्टाचार की वजह से बना था इलेक्शन कमीशन': ETV भारत से बात करते हुए सवाल किया कि कांग्रेस आरोप लगा रही है की बीजेपी को इलेक्शन कमीशन का सपोर्ट है. बीजेपी को पता है कि चुनाव की घोषणा कब होगी, इसीलिए वे अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहे हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि" इनके आरोपों का क्या सिर पैर है, इनको शायद पता नहीं कि इनके भ्रष्ट कर्तव्यों के कारण इलेक्शन कमीशन बनाया गया था, क्योंकि इनके समय पर बूथ कैप्चरिंग होती थी. इसलिए नहीं कि जनता इन्हें वोट दे दी थी, इनके समय में बूथ कैप्चर होते थे, इसीलिए यह 60 साल तक सरकार में बने रहे.
ऐसे में जो इंडिपेंडेंट बॉडी है, भारत निर्वाचन आयोग है, चुनाव कब कराने हैं, यह निर्णय लेना निर्वाचन आयोग का काम है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी समय के अनुसार देखते हुए कहां कितनी तैयारी है. एक रणनीति के तहत अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रही है. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आपको भी कुछ शिक्षा लेनी है, तो आप भी कर दो आप क्यों बैठे हैं."
वन नेशन-वन इलेक्शन पर कहा- जब आएगा तो पता चल जाएगा: वही पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन पर फोकस किए जाने को लेकर सवाल किया गया कि मध्य प्रदेश में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव है. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री वन नेशन वन इलेक्शन पर ज़ोर दे रहे हैं. आखिर प्रदेश में चुनाव होने वाले भी हैं या नहीं? इस बात का जवाब टालते हुए उन्होंने कहा कि "जब आएगा तो इसके बारे में आपको पता चल जाएगा यह कोई घर में रहने वाली चीज़ नहीं है, आपको भी दे देंगे इसके बारे में जानकारी.
'सोच समझ कर लिया गया मंत्री सांसदों को चुनाव लड़ाने का निर्णय': केंद्रीय राज्यमंत्री लेखी से जब प्रदेश के चुनाव में केंद्र के मंत्रियों और सांसदों को उतारने के पीछे के कारण जानने के लिए जब उनसे पूछा कि क्या स्थानीय क्षेत्र पर भरोसा न था या पार्टी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई रिस्क नहीं लेना चाहती तो केंद्रीय मंत्री का कहना था कि" ऐसा नहीं होता जब तक देश में 11 करोड़ लोगों की जब पार्टी होती है, जो विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनती है तो इस इलेक्टोरल पार्टी में इलेक्टोरल पॉलिटिक्स को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाते हैं. यह प्रक्रिया है कभी आप सरकार में रहते हैं, कभी संगठन में रहते हैं और कभी संगठन से प्रदेश में भेज दिए जाते हैं. कभी प्रदेश से राष्ट्रीय राजनीति में आ जाते हैं, यह तो एक प्रक्रिया है और जो प्रक्रिया के तहत काम नहीं करते हैं. उन्हें शायद यह एक अजूबा लगता होगा लेकिन हमें पता है की ये प्रक्रिया है."