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Jwalamukhi Yog 2023: जीवन को हिला सकता है अशुभ 'ज्वालामुखी योग'! जानें कौन से काम रहेंगे वर्जित

ज्वालामुखी योग 2023: जब भी कोई ग्रह अपनी दशा में बदलाव करता है और कुंडली में किसी अन्य ग्रह के साथ उसका मिलाप होता है, तो ज्योतिष शास्त्र में अक्सर विशेष लोगों का निर्माण होता है. कुछ लोग बहुत शुभ माने जाते हैं और कुछ ठीक है न के विपरीत जीवन में अशुभ योग लेकर आते हैं, ऐसा ही एक योग है ज्वालामुखी योग.. जो बेहद अशुभ माना जाता है. ज्योतिष ज्ञानियों के मुताबिक इस योग में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है.

Jwalamukhi Yog 2023
ज्वालामुखी योग 2023
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Published : May 20, 2023, 7:25 AM IST

Jwalamukhi Yog 2023: जब भी कुंडली या राशि में किसी योग का निर्माण होता है, तो यह विशेष तिथि या नक्षत्र के संयोग से निर्मित होता है. यही वजह है कि जब भी कोई शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है, तो इसके लिए शुभ योग भी देखे जाते हैं. ग्रह और नक्षत्र की गणना के अनुसार शुभ योग में ही उस कार्य को करने में सफलता मानी जाती है, लेकिन इन सबके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें बहुत ही खराब या अशुभ माना जाता है. इन दिनों में शुभ कार्य करना भी वर्जित होता है, इन्हीं में से एक योग है ज्वालामुखी योग. जो अगले माह के शुरुआती हफ्ते में ही बनने जा रहा है.

इस तारीख को बनेगा ज्वालामुखी योग: ज्योतिष एक्सपर्ट की मानें तो आने वाले महीने में यानी 5 जून 2023 को ज्वालामुखी योग का निर्माण होने जा रहा है. यह योग सुबह 3:23 से शुरू होगा और करीब 3 घंटे 15 मिनट बाद सुबह 6:38 पर समाप्त हो जाएगा. इस समय अवधि में जब ज्वालामुखी योग निर्मित होगा तो उस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य आयोजित नहीं होंगे.

  1. तीन परिस्थितियों में बेअसर हो जाता है शनि की साढ़े साती का प्रभाव, इन उपायों से कुंडली में मजबूत होती है दशा
  2. वक्री से मार्गी हुई बुध की चाल, इन 4 राशि वालों की चमकेगी किस्मत..
  3. गुरु के गोचर से बना गजलक्ष्मी योग, इन 4 राशियों को मिलेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैया से राहत

कब होता है ज्वालामुखी अशुभ योग का निर्माण: अब सवाल आता है कि इस योग का निर्माण किस तिथि और नक्षत्र में होता है, तो आपको बता दें कि ज्वालामुखी योग का निर्माण प्रतिपदा तिथि के दिन अगर मूल नक्षत्र पड़ता है तो यह ज्वालामुखी योग का निर्माण करता है. इसके साथ ही पंचमी तिथि के दिन भरनी नक्षत्र होने से भी इस योग का निर्माण होता है, वहीं अष्टमी को कृतिका, नवमी को रोहिणी या दशमी को अश्लेखा नक्षत्र पड़ने पर भी ज्वालामुखी अशुभ योग बनता है.

ज्वालामुखी योग में ये काम रहेंगे वर्जित: ग्रह दशाओं में जब ज्वालामुखी योग का निर्माण हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है, क्योंकि यह योग एक अशुभ योग है. इसलिए 5 जून की सुबह 3:23 से 6:38 तक किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत पूरी तरह वर्जित रहेगी, यदि इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य किया गया तो उसमें असफलता और व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही किसी भी तरह के मांगलिक कार्य उदाहरण के लिए विवाह, सगाई, मुंडन जैसे कार्य भी रोक के दायरे में आते हैं. वहीं भूमि पूजन हो या नया घर या वाहन खरीदना हो, ऐसे कार्य भी इस समयावधि में पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं.

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी मान्यताओं ज्योतिष गणना और ज्योतिष एक्सपर्ट की जानकारी पर आधारित है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है .

Jwalamukhi Yog 2023: जब भी कुंडली या राशि में किसी योग का निर्माण होता है, तो यह विशेष तिथि या नक्षत्र के संयोग से निर्मित होता है. यही वजह है कि जब भी कोई शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है, तो इसके लिए शुभ योग भी देखे जाते हैं. ग्रह और नक्षत्र की गणना के अनुसार शुभ योग में ही उस कार्य को करने में सफलता मानी जाती है, लेकिन इन सबके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें बहुत ही खराब या अशुभ माना जाता है. इन दिनों में शुभ कार्य करना भी वर्जित होता है, इन्हीं में से एक योग है ज्वालामुखी योग. जो अगले माह के शुरुआती हफ्ते में ही बनने जा रहा है.

इस तारीख को बनेगा ज्वालामुखी योग: ज्योतिष एक्सपर्ट की मानें तो आने वाले महीने में यानी 5 जून 2023 को ज्वालामुखी योग का निर्माण होने जा रहा है. यह योग सुबह 3:23 से शुरू होगा और करीब 3 घंटे 15 मिनट बाद सुबह 6:38 पर समाप्त हो जाएगा. इस समय अवधि में जब ज्वालामुखी योग निर्मित होगा तो उस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य आयोजित नहीं होंगे.

  1. तीन परिस्थितियों में बेअसर हो जाता है शनि की साढ़े साती का प्रभाव, इन उपायों से कुंडली में मजबूत होती है दशा
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  3. गुरु के गोचर से बना गजलक्ष्मी योग, इन 4 राशियों को मिलेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैया से राहत

कब होता है ज्वालामुखी अशुभ योग का निर्माण: अब सवाल आता है कि इस योग का निर्माण किस तिथि और नक्षत्र में होता है, तो आपको बता दें कि ज्वालामुखी योग का निर्माण प्रतिपदा तिथि के दिन अगर मूल नक्षत्र पड़ता है तो यह ज्वालामुखी योग का निर्माण करता है. इसके साथ ही पंचमी तिथि के दिन भरनी नक्षत्र होने से भी इस योग का निर्माण होता है, वहीं अष्टमी को कृतिका, नवमी को रोहिणी या दशमी को अश्लेखा नक्षत्र पड़ने पर भी ज्वालामुखी अशुभ योग बनता है.

ज्वालामुखी योग में ये काम रहेंगे वर्जित: ग्रह दशाओं में जब ज्वालामुखी योग का निर्माण हो तो कुछ बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है, क्योंकि यह योग एक अशुभ योग है. इसलिए 5 जून की सुबह 3:23 से 6:38 तक किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत पूरी तरह वर्जित रहेगी, यदि इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य किया गया तो उसमें असफलता और व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही किसी भी तरह के मांगलिक कार्य उदाहरण के लिए विवाह, सगाई, मुंडन जैसे कार्य भी रोक के दायरे में आते हैं. वहीं भूमि पूजन हो या नया घर या वाहन खरीदना हो, ऐसे कार्य भी इस समयावधि में पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं.

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी मान्यताओं ज्योतिष गणना और ज्योतिष एक्सपर्ट की जानकारी पर आधारित है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है .

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