भिंड। भिंड दौरे पर पहुंचे चंबल आईजी मनोज शर्मा ने जिले में बेहतर पुलिसिंग और व्यवस्थाएं बनाने को लेकर सुझाव मांगे. साथ ही विभागीय कर्मचारियों को आ रही समस्याओं के बारे में भी चर्चा की. हाल ही में सीसीटीवी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए नए गाइडलाइन की जानकारी भी आईजी ने दी.
चंबल आईजी का भिंड दौरा
आईजी ने बताया कि उनके दौरे का उद्देश्य ही भिंड में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों से रूबरू होना था. ताकि वह अपनी समस्याएं और परेशानियों के बारे में बता सकें. साथ ही पेंडिंग केस को लेकर विभाग की क्या स्थिति है, उसकी समीक्षा भी की जानी थी. सबसे प्रमुख समस्या पुलिस क्वार्टर की है, जो वाकई परेशानी वाली बात है. इसके लिए जल्द ही मध्यप्रदेश हाउसिंग कॉर्पोरेशन से चर्चा की जाएगी क्योंकि भिंड में 128 क्वार्टर बनकर तैयार हैं, सिर्फ फिनिशिंग का काम रह गया है. लेकिन फंड खत्म होने की वजह से वह काम रुक गया. ऐसे में क्वार्टर को तैयार कर दिया जाए तो करीब 100 पुलिसकर्मी उनमें शिफ्ट हो सकते हैं. जिससे पुराने कंडम हो चुके आवास को गिराकर वहां अन्य प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव ऊपर भेजा जा सके.
सीसीटीवी गाइडलाइन की दी जानकारी
आईजी ने थानों में लगे सीसीटीवी कैमरों के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में कई थानों में सीसीटीवी पहले से लगे हैं. जिन्हें विभाग की ओर से मेंटेन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़े प्रोजेक्ट के लिए नया दिशा निर्देश जारी किया है. जिसमें सभी थानों में आगे सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं, लेकिन ये लंबी प्रक्रिया है इसमें समय लगेगा क्योंकि केंद्र से इसके लिए बजट आवंटित होगा. उसके बाद सामान की उपलब्धता होगी, तब जाकर प्रोजेक्ट पूरा हो पाएगा.
पत्रकारों ने दिए सुझाव
पत्रकारों से चर्चा के दौरान आईजी ने राष्ट्रीय राजमार्ग 92 पर हो रहे हादसों को लेकर भी चर्चा की. इन हादसों को रोकने के लिए डिवाइडर बनाने के साथ ही अंधे मोड़ पर कॉर्नर मिरर लगाने के भी सुझाव पत्रकारों ने दिए. जिससे मोड़ के दूसरी तरफ से आ रहे वाहनों को देखा जा सके. साथ ही सड़क के दोनों ओर मिट्टी का एक्स्ट्रा भराव करने का भी सुझाव दिया है. जिस पर आईजी ने जल्द ही एमपीआरडीसी से बातचीत कर इस समस्या को दूर करने की बात कही है.