भिंड। आर्मी की ट्रेनिंग के लिए गोवाहाटी आर्मी बेस में पदस्थ भिंड़ की बेटी लेफ्टिनेंट शिवानी भदौरिया का बीते शनिवार को आर्मी के सिविल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई, वे अपेंडिक्स से पीड़ित थी. मरणोपरांत उनका शव गृह गांव लाया गया, जहां पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि मेहगांव जनपद के ग्राम पर्रावन में पिछले साल जब शिवानी भदौरिया का चयन आर्मी अफसर के लिए हुआ था, तब पूरे गांव ने जश्न मनाया था, लेकिन किसे पता था कि गांव का नाम रोशन करने वाली उनकी अपनी ट्रेनिंग भी पूरी ना कर पाएगी. रविवार को गोवाहाटी से जब शिवानी भदौरिया की पार्थिव देह गांव पहुंची तो पूरा परिजन शोक में डूब गया. शिवानी ट्रेनिंग के दौरान इस दुनिया को अलविदा कह गई.
अपेंडिक्स इन्फेक्शन से ग्रसित थी शिवानीः शिवानी के पिता राकेश सिंह ने बताया कि वह गोवाहाटी नारंगी कैंट 151 हॉस्पिटल आर्मी बेस पर पदस्थ थी और ट्रेनिंग ले रही थी. हाल ही में उसे अपेंडिक्स इन्फेक्शन हो गया था. उनके कर्नल ने फोन पर सूचना दी थी कि उसका ऑपरेशन होने जा रहा है. सूचना राकेश सिंह भिंड से गोवाहाटी अपनी बेटी के पास पहुंचे जो आर्मी के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती थी. डॉक्टर ने बताया की उसके पास समय नहीं है और शायद उसकी जान भी ना बच सके. रात में पिता राकेश शक्तिपीठ कामाख्या देवी के मंदिर पर प्रार्थना को गए, लेकिन जब वापस आये तो उनकी सोनचिरैया उड़ चुकी थी. शिवानी की सांस थम चुकी थी.
आर्मी सम्मान के साथ विदा की पार्थिव देहः शनिवार को बेस पर उसे आर्मी सम्मान के साथ विदाई दी गई. इसके बाद पार्थिव देह को पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया. वहीं रविवार को पिता के साथ आर्मी जवान लेफ्टिनेंट शिवानी का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी. उनकी अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल रहा.
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कारगिल युद्ध में ऑपरेशन रक्षक और मेघदूत का हिस्सा रहे पिताः बता दें कि लेफ्टिनेंट शिवानी के पिता राकेश सिंह भदौरिया खुद एक्स-आर्मी मेन है जो पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल में ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन मेघदूद का हिस्सा रहे है. इस दौरान देश के लिए गोली भी खाई थी. उन्होंने 1991 से 2010 तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी और हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. अब इच्छा है कि उनकी छोटी बेटी जब 18 वर्ष की हो तो वह भी आर्मी में जाए.