भिंड। जिले में बीते 5 सितंबर को शहर के अटेर रोड स्थित चंदनपुरा इलाके में नीलेश जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वो अपने एक दोस्त के विवाद में मदद करने गया था, जहां आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग में उसे मौत के घाट उतार दिया था. घटना के बाद से ही आरोपी फरार थे. वहीं पुलिस पर भी इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का दबाव बना हुआ था. इस केस को सुलझाने के लिए देहात थाना पुलिस के साथ ही 5 विशेष टीम बनाई गई थी. साथ ही साइबर सेल टीम की भी मदद ली गई. जिसमें मुखबिर तंत्र और तकनीकी मदद के जरिए आरोपियों से संबंधित जानकारी इकट्ठा की गई. वहीं, पुलिस को सूचना मिली की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी देहात थाना क्षेत्र के मुड़ियाखेरा इलाके में छिपे हुए हैं और फरार होने की फिराक में हैं. इस पर तुरंत बताए गए स्थान पर पुलिस की सभी टीमों ने दबिश दी और मौके से 6 आरोपियों को हिरासत में लिया है.
बहन से छेड़छाड़ पर हुआ था विवाद: देहात थाना प्रभारी सुधीर सिंह कुशवाह ने बताया कि, "ये पूरा मामला एक स्कूली छात्रा के साथ छेड़छाड़ से जुड़ा हुआ है. निलेश की दोस्त की बहन से ये आरोपियों में से तीन बाइक सवार बदमाश छेड़छाड़ करते थे. जिसकी शिकायत उसने अपने भाई और निलेश के दोस्त से की थी. उसी दोस्त की मदद के लिए निलेश जाटव घटनास्थल पर गया था."
पुलिस के मुताबिक घटनाक्रम: देहात टीआई के मुताबिक, जब छात्रा ने छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों के बारे में बताया तो उसके भाई एक अन्य दोस्त और नीलेश ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तीनों आरोपी भाग निकले. लेकिन उनकी बाइक वहीं छूट गई. कुछ समय बाद वे अपने साथियों के साथ बाइक वापस लेने आये तो दोनों पक्षों में विवाद हुआ, जिसमें आरोपी पक्ष ने अवैध हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में गोली लगने से निलेश जाटव की मौत हुई.
मृतक का दोस्त भी बना आरोपी: पुलिस के मुताबिक, इस मामले में आरोपी अवनीश डीके, पवन बघेल, सत्यम शर्मा, धीरज राजपूत, नारायण मिश्रा और सूरज अटल को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि सूरज अटल स्कूली छात्रा का ही भाई है, जिसने निलेश को मदद के लिए बुलाया था लेकिन उसे भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. क्योंकि उसके पास भी घटना के दौरान अवैध कट्टा मिला था. जिसका उपयोग उस विवाद में फायरिंग के दौरान हुआ था. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 315 बोर के दो अवैध कट्टे भी बरामद किए हैं. हालांकि, अभी दो और आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर हैं. जिनकी जानकारी आरोपियों से पूछताछ कर जुटाई जा रही है.