बैतूल। बैतूल जिले की प्रमुख विधानसभा भैंसदेही अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. भारतीय जनता पार्टी ने यहां से महेंद्र सिंह चौहान को एक बार फिर उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस टिकट बंटवारे में बढ़त बना ली है, लेकिन फिलहाल यहां कांग्रेस काबिज है. 2023 के विधानसभा चुनाव में क्या हो सकते हैं, समीकरण समझिए.
3 बार विधायक रह चुके हैं महेंद्र सिंह चौहान: भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने विधायक महेंद्र सिंह चौहान पर एक बार फिर विश्वास जताया है. उन्हें पार्टी ने यहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया है. इस आदिवासी सीट से महेंद्र सिंह पहले भी 3 बार विधायक चुने जा चुके है. महेंद्र पूर्व विधायक केशरसिंह के पुत्र हैं. इसके पहले महेंद्र सिंह 1998, 2003 और 2013 में विधायक चुने गए थे. 2003 में उन्होंने कांग्रेस के रामा ककोड़िया को शिकस्त दी थी. जबकि 2013 में उन्होंने मौजूदा विधायक धर्मूसिंह को हराया था. पार्टी ने उन्हें 2018 में भी उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे धरमू से 13 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. 2008 में भी उन्हें 6 हजार वोटो से शिकस्त मिली थी.
बराबरी पर रहे बीजेपी और कांग्रेस: भैसदेही विधानसभा क्षेत्र में 1951 से अब तक हुए 15 चुनाव में कांग्रेस का 7 बार विधायक रह चुका है. वहीं भाजपा पार्टी के 5 बार विधायक रहे. इसके अलावा जन संघ पार्टी से 1 बार विधायक बना है. इसी तरह जनता पार्टी का भी 1 बार विधायक रहा है. BJS पार्टी के 1 बार विधायक रहे.
दोनों दल में होती है कांटे की टक्कर: भैंसदेही सीट पर हमेशा से भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होती है. इस बार भी भाजपा से तीन बार के विधायक महेंद्र सिंह चौहान मैदान में हैं. आठनेर, भीमपुर और भैंसदेही ब्लॉक से घिरी सीट पर सामाजिक गणित हमेशा से हावी रहा है. क्षेत्र में कोरकू और गोंड जाति के लोग बहुतायत में निवास करते हैं. इनके वोट ही हार-जीत का फैसला करते हैं.
इस सीट पर गोगंपा भी प्रभावशाली है: आदिवासी आरक्षित सीट पर कांग्रेस और भाजपा का बराबर से कब्जा रहा है. इस सीट में आठनेर क्षेत्र जुड़ जाने से कांग्रेस के वोट बैंक में वृद्धि हुई है. पहले से भीमपुर क्षेत्र में भाजपा मजबूत मानी जाती है, हालांकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पूरी तैयारी से चुनाव मैदान में उतरने की बात कर रही है. वहीं कांग्रेस के वर्तमान विधायक धर्म सिंह सिरसाम कमलनाथ के जरिये अपनी नैया पार लगाने की तैयारी कर रहे हैं. वही इस विधानसभा सीट से 2019 में बैतूल से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके राम टेकाम भी कांग्रेस के प्रबल दावेदार हैं.