बैतूल। बेमौसम बारिश के चलते ग्राम चकसांगवानी की मोरण नदी और शाहपुर ग्राम की तवा नदी में शनिवार को बाढ़ आ गयी. जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे तरबूज की खेती करने वाले किसान बर्बाद हो गए. जिनका मुख्य व्यावसाय नदी में तरबूज बाड़ी लगाकर उससे होने वाली आमदनी से जीवनयापन करते हैं. पानी भरने से बाड़ी डूब गई है, जिसमें लगी बेल भी सड़ जाएगी. नदी में बाढ़ आ जाने से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कोरोना के कारण पिछले साल भी किसानों को तरबूज कम दाम में बेचने पड़े थे. ं इस साल बेमौसम बारिश हो गई. बता दे कि तवा नदी के किनारे सैकड़ो किसान तरबूज, खरबूज, ककड़ी और अन्य सब्जियों की खेती करते है.
अब तरबूज सड़ जाएंगे: किसानों ने पकड़ा माथा - Melon farming wasted due to unseasonal rains
बैतूल जिले में हुई बेमौसम बारिश के कारण मोरण और तवा नदी में बाढ़ आ गई. बाढ़ आ जाने से नदी किनारे लगी तरबूज की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
बैतूल। बेमौसम बारिश के चलते ग्राम चकसांगवानी की मोरण नदी और शाहपुर ग्राम की तवा नदी में शनिवार को बाढ़ आ गयी. जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे तरबूज की खेती करने वाले किसान बर्बाद हो गए. जिनका मुख्य व्यावसाय नदी में तरबूज बाड़ी लगाकर उससे होने वाली आमदनी से जीवनयापन करते हैं. पानी भरने से बाड़ी डूब गई है, जिसमें लगी बेल भी सड़ जाएगी. नदी में बाढ़ आ जाने से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. कोरोना के कारण पिछले साल भी किसानों को तरबूज कम दाम में बेचने पड़े थे. ं इस साल बेमौसम बारिश हो गई. बता दे कि तवा नदी के किनारे सैकड़ो किसान तरबूज, खरबूज, ककड़ी और अन्य सब्जियों की खेती करते है.