बैतूल। जिले में कोरोना पीड़ितों के चेकअप और इलाज के दौरान डॉक्टरों के लिए सबसे जरूरी पीपीई किट की प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी भारी मांग है, लेकिन इसकी कमी बताई जा रही है. इस कमी को लेकर बैतूल के स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल पेश की है. बाजार में 1250 रुपए में मिलने वाली इस किट को मात्र 150 रुपए में एक दिन में 35 पीपीई किट विभाग ने तैयार करवा ली है, जिससे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को मदद मिल सकेगी.
पीपीई किट का किया गया जिला अस्पताल में डेमो
बता दें की जिला अस्पताल की डॉक्टर अंकिता गीते ने स्थानीय रॉ मटेरियल से पीपीई किट ( पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट ) बनवाने का आइडिया अपने वरिष्ठ डॉक्टरों को सुझाया और ये आइडिया उन्हें पसंद आ गया, जिसके बाद उन्हें सामग्री उपलब्ध करवाकर जेल कैदियों की मदद से ये किट तैयार कराई गई. वहीं दो लेयर वाली इस किट को बनाने में मोटे कॉटन के कपड़े का इस्तेमाल किया गया और दूसरी लेयर में प्लास्टिक की पन्नी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे कोरोना संक्रमण पीड़ित के वायरस डॉक्टरों तक नहीं पहुंच सकते हैं, जिसका डेमो भी आज जिला अस्पताल में करके दिखाया गया.
वहीं आमला विधायक डॉ. योगेश पंडागरे ने बताया की कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से पूरा विश्व जूझ रहा है और डॉक्टरों के लिए पीपीई किट की कमी है. स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर हमने कुछ वीडियो की मदद से ये किट तैयार करवाई है और इस अनुकरणीय पहल को पूरे देश को अपनाना चाहिए, यदि आप स्थानीय स्तर पर कुछ कर सकते है तो उसे अमली जामा पहनाना चाहिए.
इसके साथ ही बैतूल- हरदा हरसूद सांसद दुर्गादास उइके ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ये किट बनाने का सराहनीय कार्य किया गया है, कोरोना को लेकर अस्पतालों में संसाधनों की कमी ना हो इसको लेकर उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि से 30 लाख रुपए दिए हैं, आगे और भी जरूरत पड़ी तो वे हर संभव प्रयास करेंगे.