बालाघाट। बालाघाट में नक्सली 'नए दलम के विस्तार' नीति के तहत हर गांव से महिला-पुरुष की मांग लगातार ग्रामीणों से कर रहे हैं. नक्सलियों ने टाडा, मलाजखंड, दर्रेकसा दलम के बाद एक नया कान्हा भोरमदेव दलम का गठन किया है. दलम में भर्ती के लिए महिलाओं पर ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जा रहा है. नक्सलियों के एक दलम में दो दर्जन से ज्यादा महिला हथियारबंद नक्सली घूम रहे हैं.
महिलाओं को ट्रेनिंग के बाद भर्ती किया गया है. बालाघाट पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी का कहना है कि नक्सली दलम में महिला नक्सली हैं, लेकिन इनकी संख्या 7 से 10 के बीच है. नक्सलियों के हर मूवमेंट पर नजर है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य की पुलिस संयुक्त रूप से सर्चिंग कर रही है, ताकि नक्सलियों के मंसूबे कामयाब ना हो सके.
बालाघाट, मंडला सहित जिलों में नक्सली अपनी पैठ बनाने में लगे हुए हैं, जिसके लिए केबी डिवीजन के साथ-साथ कान्हा भोरमदेव डिवीजन नामक नए दलम का गठन करके बालाघाट के रास्ते मंडला, डिंडौरी, उमरिया सहित अन्य जिलों में अपनी पैठ बढ़ा रहे हैं. चौंकाने वाली बात है कि महिला नक्सलियों की संख्या ज्यादा दिखाई दे रही है. हर दलम में दो दर्जन से ज्यादा हथियारबंद महिला नक्सली नजर आ रही हैं.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एक ग्रामीण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस वारदात में भी महिला नक्सली की सक्रियता नजर आई थी. बताया जाता है कि नक्सली अब महिलाओं की भर्ती कर उनके जरिए गंभीर वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. वे ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार अपने दल में जुड़ने का आह्वान कर रहे हैं. साथ ही शासन की नीतियों के खिलाफ ग्रामीणों को भड़काकर अपने पक्ष में करने का अभियान चलाया है.
बालाघाट पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी का कहना है कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट जरूर आई है, लेकिन संख्या 7 या 8 महिला नक्सलियों की है. इनका उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं से बात करके साइकोलॉजिकल रूप से ग्रामीणों को प्रभावित कर सके. हालांकि ग्रामीण नक्सलियों के बहकावे में ना आएं, इसके लिए लगातार सामुदायिक पुलिसिंग के तहत उनको समझाया जा रहा है. पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.