बालाघाट/मंडला। लिंगमारा और दिनी के किसानों ने बताया कि सैकड़ों हैक्टेयर में लगी धान की फसल पर बीमारी के प्रकोप से पूरी तरह से चौपट हो गई है. अब उनको आजीविका चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही आर्थिक व्यवस्था खराब होने जा रही है. किसानों का कहना है कि हमारे जीवनयापन करने में भी काफी समस्या हो रही है. जिसको लेकर हमने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मांग की है कि क्षेत्र के विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों से जांच करवा कर मुआवजा दिया जाए.
कृषि वैज्ञानिक ने दी सलाह : इस दौरान कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पर्याप्त बारिश होने के बाद जहां खेती किसानी बेहतर ढंग से हो गई. वहीं अब जब फसल खेतों में लहलहाने की बारी आई है तो विभिन्न प्रकार की बीमारी घेरने लगी है. फसल में तनाछेदक, कीट प्रकोप सहित कई प्रकार की बीमारियां शुरू हो गई हैं. उनका कहना रहा कि किसान फसलों को बीमारी से बचाने के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें.
प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश से सोयाबीन सहित सारी फसलें नष्ट, किसान परेशान
मंडला में मजदूरों ने ज्ञापन सौंपा : आदिवासी बाहुल्य मंडला जिलेवासियों की आजीविका जल, जंगल व जमीन से ही चलती है. लेकिन अगर उसी को छीन लिया जाएगा तो यहां के लोगों की आजीविका कैसे चलेगी. जिले की एक काष्ठागर को बंद करके किसी अन्य स्थान से संचालित किए जाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इसके विरोध में सैकड़ों मजदूरों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. बता दें कि जिले के देवरीदादर में लकड़ी काष्ठागर पिछले करीब 46 वर्षों से संचालित है लेकिन किन्ही कारणों की वजह से उक्त काष्ठागर को यहां से बंद कर पांडिवारा से संचालित करने की योजना बनाई जा रही है. इसकी वजह से सैकड़ों मजदूरों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कर ज्ञापन सौंपा. (MP typhoid disease paddy crop) (Workers meets Mandla collector)