बालाघाट। जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर दिखाई दिया है. जहां एक मरीज की मौत हो जाने पर जिला अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने के कारण शव को चादर में उठाकर परिजन ले जा रहे थे, जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद कलेक्टर दीपक आर्य ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे. जांच में ड्यूटी पर पदस्थ 5 स्टाफ नर्स दोषी पाए गए हैं, वहीं सभी की एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए हैं.
जिला चिकित्सालय में मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीज प्रकाश रावत की 26 मई को मौत हो गई थी, जिसके शव को मर्चुरी में ले जाने के लिए उसके परिजनों को स्ट्रेचर नहीं दिया गया था. स्ट्रेचर न मिलने के कारण शव को चादर में उठाकर मर्चुरी ले जाया गया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद कलेक्टर दीपक आर्य ने पूरे मामले में जांच के निर्देश दिए थे.
घटना की जांच के बाद जिला चिकित्सालय बालाघाट के पांच स्टाफ नर्स को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था. इन पांचों स्टाफ नर्स ने अपने जवाब में कहा कि मृतक के शव को चादर में उठाकर ले जाते समय मेडिकल वार्ड में स्ट्रेचर नहीं था और वार्ड बॉय भी नहीं था. चिकित्सालय में इस स्ट्रेचर और वार्ड बॉय की तलाश की जा रही थी, इसी बीच मृतक के परिजन शव को चादर में लपेट कर ले गए.
कलेक्टर दीपक आर्य ने पांचों स्टाफ नर्स के जवाब को संतोषजनक नहीं माना है, ऐसी स्थिति में ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स को तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करना था और स्टाइल स्ट्रेचर की व्यवस्था कर वार्ड बॉय को बुलाने की कार्रवाई करना था, लेकिन स्टाफ नर्स ने अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती है. जो अक्षम में है, उनके इस कृत्य के लिए सभी पांचों स्टाफ नर्स की एक-एक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश दिए गए हैं, इसके साथ ही चेतावनी दी गई है कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए.