बालाघाट। कोरोना वायरस के चलते किए गए लॉकडाउन के बाद से ही प्रदेश का एक मात्र नक्सल प्रभावित बालाघाट जिला अलर्ट पर है. अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि नक्सली लॉकडाउन का फायदा उठाकर जिले में बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं, जिसके बाद नक्सल प्रभावित थाना, चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. जबकि जिले में 2 हजार जवान लगातार महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर सर्चिंग कर रहे हैं.
बालाघाट महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर एरिया से लगा है, पिछले दिनों दोनों राज्यों में लगातार नक्सली मूवमेंट देखा जा रहा है, आम तौर पर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र में नक्सली बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद छुपने के लिए बालाघाट की सीमा में घुसपैठ करते हैं. लेकिन लॉक डाउन की वजह से सब नक्सली बॉर्डर पार नहीं कर पा रहे.
बढ़ाई गई सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्चिंग
बालाघाट के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने कहा कि, लॉकडाउन के दौरान नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम ना दे सके, इसके लिए पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है. लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण भी नक्सलियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं, कोरोना वायरस के डर के गांव में नक्सलियों को घुसने नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि, ग्रामीण नक्सलियों को राशन व रसद भी मुहैया नहीं करा रहे हैं. जिससे नक्सलियों के सारे रास्ते इस वक्त बंद है.
बालाघाट में नक्सलियों बड़ी वारदात को अंजाम ना दे सके इसके लिए राजनांदगांव, कवर्धा, और गोंदिया पुलिस बड़े सजगता के साथ संयुक्त रूप से एक टीम बनाकर काम कर रही है. तीनों राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से टीम बनाकर सीमावर्ती इलाकों में सर्चिंग वह एरिया डोमिनेशन लगातार किया जा रहा है. ताकि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे सके.