बालाघाट। देश के लिए नक्सली समस्या एक ऐसा नासूर बन गई है जो हजारों सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने और भारी-भरकम बजट होने के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. देश के 11 राज्यों के 90 जिले 'लाल आतंक' की चपेट में हैं, इनमें बालाघाट जिला भी शामिल है. हाल ही में पुलिस एमपी और छत्तीसगढ़ की 8 लाख इनामी महिला नक्सल का एनकाउंटर किया था. महिला नक्सल की पहचान शारदा के रूप में हुई थी. जिस पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में करीब 18 आपराधिक मामले दर्ज थे.
आईजी केपी वेंकटेश्वर राव का दावा है कि इन नक्सलियों का नेटवर्क रेड कॉरिडोर से जुड़ा है. लाल गलियारा भारत के पूर्वी भाग का एक क्षेत्र है जहां नक्सलवादी व उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं. इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों शामिल होते हैं.
आईजी ने चर्चा करते हुए कहा कि नक्सलियों का एक ही उद्देश्य है भारत के अलग-अलग राज्यों के जिलों में आतंक फैला कर उन राज्यों में कार्य करने वाले अलग-अलग ठेकेदारों से पैसों की अवैध वसूली करना. इन पैसों से अपने लिए हथियार खरीदते हैं. साथ ही गिरफ्तार होने के बाद उन पैसों से ही कोर्ट कचहरी में केस लड़ते हैं.
बालाघाट आईजी ने बालाघाट जिले में कार्य कर रहे हैं ठेकेदारों को मीडिया के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा कि अभी तेंदूपत्ता तोड़ाई का सीजन चल रहा है और नक्सलियों द्वारा उन ठेकेदारों से अवैध पैसों की लगातार मांग की जा रही है. ठेकेदार द्वारा उनको पैसे देकर मदद भी कर रहे हैं. नक्सलियों को मदद करना बंद करें ये देशद्रोह है. संविधान के खिलाफ है. ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कानूनी रूप से सख्ती बरती जाएगी.
आईजी केपी वेंकटेश्वर राव ने नक्सलियों को आतंक का रास्ता छोड़कर सरेंडर की अपील की है. उन्होंने कहा कि यदि नक्सली सरेंडर करना चाहते हैं तो उनको शासन की नीतियों के राहत दी जाएगी. रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे. यदि पढ़े लिखे हैं तो उन्हें शासन द्वारा नौकरी भी दी जाएगी.