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सहकारी बैंक में 48 लाख का गबन, कैशियर पर गिरी गाज, जांच टीम तैयार

बालाघाट में सहकारी बैंक में 48 लाख रुपये के गबन के मामले में बैंक के कैशियर कैशियर धनेंद्र कटरे को अटैच कर दिया गया है. सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक ने मामले की जांच के लिये टीम गठित कर दी है.

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Published : Jul 10, 2019, 12:47 AM IST

बालाघाट सहकारी बैंक में 48 लाख का गबन

बालाघाट। सहकारी बैंक में 48 लाख रुपये के गबन मामले में कैशियर धनेंद्र कटरे को अटैच कर जांच टीम गठित कर दी गई है. 48 लाख के गबन का खुलासा होने के बाद आनन-फानन में कैशियर से पैसे जमा तो करा दिए गए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सहकारी बैंक की बालाघाट ब्रांच के अंतर्गत 7 सहकारी समितियों द्वारा किसानों की राशि जमा की गई थी. 48 लाख रुपये ब्रांच के मैनेजर आशीष मिश्रा के माध्यम से कैशियर धनेंद्र कटरे को देकर पावती ली गई थी. आरोप है कि कैशियर धनेन्द्र कटरे ने राशि जमा करने की बजाय अपने काम में इस्तेमाल कर लिया.

सहकारी बैंक में 48 लाख का गबन, कैशियर पर गिरी गाज, जांच टीम तैयार
फर्जीवाड़े का खुलासा ऑनलाइन रिकॉर्ड जांच करने के दौरान हुआ. जांच के दौरान पाया गया कि राशि लोगों के नाम पर जमा ही नहीं की गई है. राशि को समिति और किसानों के नाम से ऑनलाइन करनी थी, लेकिन ऑनलाइन नहीं किया गया. कुछ समितियों की साल भर की तो किसी समिति की तीन-चार माह की राशि दर्ज नहीं थी.

जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के महाप्रबंधक विजय कुर्मी राशि गबन की बात तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई को लेकर वो पल्ला झाड़ रहे हैं. हालांकि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक ने मामले में जांच टीम गठित कर दी है. अंदेशा लगाया जा रहा है कि गबन की राशि का आंकड़ा और बढ़ सकता हैं।. जिस राशि को जमा किया गया था उस पर ब्याज भी मिलना था.

बालाघाट। सहकारी बैंक में 48 लाख रुपये के गबन मामले में कैशियर धनेंद्र कटरे को अटैच कर जांच टीम गठित कर दी गई है. 48 लाख के गबन का खुलासा होने के बाद आनन-फानन में कैशियर से पैसे जमा तो करा दिए गए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सहकारी बैंक की बालाघाट ब्रांच के अंतर्गत 7 सहकारी समितियों द्वारा किसानों की राशि जमा की गई थी. 48 लाख रुपये ब्रांच के मैनेजर आशीष मिश्रा के माध्यम से कैशियर धनेंद्र कटरे को देकर पावती ली गई थी. आरोप है कि कैशियर धनेन्द्र कटरे ने राशि जमा करने की बजाय अपने काम में इस्तेमाल कर लिया.

सहकारी बैंक में 48 लाख का गबन, कैशियर पर गिरी गाज, जांच टीम तैयार
फर्जीवाड़े का खुलासा ऑनलाइन रिकॉर्ड जांच करने के दौरान हुआ. जांच के दौरान पाया गया कि राशि लोगों के नाम पर जमा ही नहीं की गई है. राशि को समिति और किसानों के नाम से ऑनलाइन करनी थी, लेकिन ऑनलाइन नहीं किया गया. कुछ समितियों की साल भर की तो किसी समिति की तीन-चार माह की राशि दर्ज नहीं थी.

जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के महाप्रबंधक विजय कुर्मी राशि गबन की बात तो स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई को लेकर वो पल्ला झाड़ रहे हैं. हालांकि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक ने मामले में जांच टीम गठित कर दी है. अंदेशा लगाया जा रहा है कि गबन की राशि का आंकड़ा और बढ़ सकता हैं।. जिस राशि को जमा किया गया था उस पर ब्याज भी मिलना था.

Intro:बालाघाट- बालाघाट जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक की बालाघाट ब्रांच में 48 लाख रूपये के गबन का मामला सामने आया हैं।
सहकारी बैंक की ब्रांच बालाघाट के अंतर्गत 7 सहकारी समितियों द्वारा किसानों की राशि को जमा किया गया था। यह रकम ब्रांच के मैनेजर आशीष मिश्रा के माध्यम से कैशियर धनेंद्र कटरे को देकर पावती प्राप्त की गई थी। लेकिन इस राशि को केशियर धनेन्द्र कटरे ने जमा ना करते हुये गबन कर अपने निजी उपयोग में ले लिया ।हालांकि पूरे मामले का खुलासा होने पर कैशियर धनेंद्र कटरे को अटैच कर जांच टीम गठित कर दिया गया है जांच के बाद यह रकम बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है...
Body:असल में इस राशि को समिति व किसानों के नाम से ऑनलाईन करनी थी। लेकिन ऑनलाईन नहीं किया गया। कुछ समितियों की साल भर की तो किसी समिति की तीन-चार माह की राशि दर्ज होनी थी। जब ऑनलाईन रिकार्ड को लेकर जांच की गई तो इसका खुलासा हुआ कि वह रकम उन नामों पर जमा नही ंहुई थी।

समितियों की इस रकम को रोकड़ में भी दर्ज नहीं किया गया था। इस तरह से यह मामला सामने आया और आनन--फानन में 48 लाख रूपये को कैशियर के माध्यम से जमा करा दिया गया। लेकिन कार्यवाही नहीं की गई हैं।
जिस राशि को जमा किया गया था वह गबन की श्रेणी के साथ-साथ उस पर ब्याज भी मिलना था। जो कि समितियों को नुकसानी पहुंचा गया।
Conclusion: रुपये के गबन के मामले में ब्रांच प्रबंधक व कैशियर की जिम्मेवारी थी पर जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के महाप्रबंधक विजय कुर्मी ने राशि गबन की बात तो स्वीकार कर रहे हैं लेकिन कार्यवाही को लेकर पल्ला झाड़ रहे हैं। हालांकि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक ने जांच बैठा दी हैं। जिसमें गबन की राशि का आंकड़ा बढ़ सकता हैं।

बाईट- विजय सिंह कुर्मी वरिष्ठ महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक बालाघाट।

श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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