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फोन करने पर भी नहीं पहुंची जननी एक्सप्रेस, महिला ने ऑटो में दिया बच्चे को जन्म

अशोकनगर जिले के विक्रमपुर गांव में समय से जननी एक्सप्रेस वाहन न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला ने ऑटो में बच्चें को जन्म दिया. इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं.

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Published : Sep 18, 2019, 9:50 PM IST

महिला ने तिपहिया वाहन में दिया बच्चे को जन्म

अशोकनगर। एक तरफ सरकारें गर्भवती महिलाओं के लिए दर्जन योजनाएं चला रही हैं. लेकिन इन योजनाओं की हकीकत कुछ और सामने आती हैं. अशोकनगर जिले के विक्रमपुर गांव में विचलित कर देनें वाला मामला सामने आया है. जहां एक गर्भवती महिला को तिपहिया वाहन में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. वो भी इसलिए क्योंकि जननी एक्सप्रेस समय से नहीं पहुंची थी.

महिला ने तिपहिया वाहन में दिया बच्चे को जन्म

चंदेरी से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर विक्रमपुर गांव में रात करीब 8 बजे एक प्रसूता को दर्द शुरू हुआ, तो उसके परिजनों और आशा कार्यकर्ताओं ने जननी एक्सप्रेस को बुलाने का प्रयास किया. लेकिन जननी एक्सप्रेस को फोन नहीं लगा. जिसके बाद आशा कार्यकर्ताओं के साथ परिजन प्रसूता को एक तिपहिया वाहन से चंदेरी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर चले लेकिन बीच रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया.

पहले तो महिला के परिजन बगैर कैमरे के सच बताते रहे, लेकिन कैमरा चालू करते ही आशा कार्यकर्ता के इशारे पर चुप्पी साध ली, तो आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि गांव में नेटवर्क नहीं था इसलिए जननी एक्सप्रेस से बात नहीं हो पाई. लंबे समय तक इंतजार करने के बाद हम इन्हें आटो से लेकर आ रहे थे तभी रास्ते में बच्चे का जन्म हो गया.

अशोकनगर। एक तरफ सरकारें गर्भवती महिलाओं के लिए दर्जन योजनाएं चला रही हैं. लेकिन इन योजनाओं की हकीकत कुछ और सामने आती हैं. अशोकनगर जिले के विक्रमपुर गांव में विचलित कर देनें वाला मामला सामने आया है. जहां एक गर्भवती महिला को तिपहिया वाहन में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. वो भी इसलिए क्योंकि जननी एक्सप्रेस समय से नहीं पहुंची थी.

महिला ने तिपहिया वाहन में दिया बच्चे को जन्म

चंदेरी से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर विक्रमपुर गांव में रात करीब 8 बजे एक प्रसूता को दर्द शुरू हुआ, तो उसके परिजनों और आशा कार्यकर्ताओं ने जननी एक्सप्रेस को बुलाने का प्रयास किया. लेकिन जननी एक्सप्रेस को फोन नहीं लगा. जिसके बाद आशा कार्यकर्ताओं के साथ परिजन प्रसूता को एक तिपहिया वाहन से चंदेरी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर चले लेकिन बीच रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया.

पहले तो महिला के परिजन बगैर कैमरे के सच बताते रहे, लेकिन कैमरा चालू करते ही आशा कार्यकर्ता के इशारे पर चुप्पी साध ली, तो आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि गांव में नेटवर्क नहीं था इसलिए जननी एक्सप्रेस से बात नहीं हो पाई. लंबे समय तक इंतजार करने के बाद हम इन्हें आटो से लेकर आ रहे थे तभी रास्ते में बच्चे का जन्म हो गया.

Intro:जहां एक तरफ सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए दर्जनों योजनाएं चला रही है साथ ही प्रसूति के लिए स्वास्थ्य केन्द्र लाने और छोडने के लिए जननी एक्सप्रेस चला रही है लेकिन लगता है चंदेरी में यह सब कागजों में ज्यादा है हकीकत में नंही इसलिए तिपहिया वाहन में असुरक्षित डिलीवरी हो रही हैं जिससे जच्चा बच्चा की जान को खतरा हो रहा है Body:चंदेरी से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर विक्रमपुर गांव में मंगलवार रात करीब 8 बजे एक प्रसूता को दर्द शुरू हुआ तो उसके परिजनों और आशा कार्यकर्ता ने कई बार प्रयास किया लेकिन जननी एक्सप्रेस को फोन नहीं लगा तो आशा कार्यकर्ता के साथ परिजन प्रसूता को एक तिपहिया वाहन से चंदेरी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर चले लेकिन बीच रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया वो भी असुरक्षित तरीके से पहले तो महिला के परिजन बगैर कैमरे के सच बताते रहे लेकिन कैमरा चालू करते ही आशा कार्यकर्ता के इशारे पर चुप्पी साध ली और आशा कार्यकर्ता ने बताया कि गांव में नेटवर्क नहीं था इसलिए बात नहीं हो पाई लंबे समय तक इंतजार करने के बाद हम इन्हें आटो से लेकर आ रहे थे तभी रास्ते में तालाब के पास बच्चे का जन्म हुआ Conclusion:सरकारें लाख दावे करें लेकिन जमीनी अमला जबरदस्त लापरवाह और गैरजिम्मेदाराना है जिसका खामियाजा आम आदमी और गरीबों को भुगतना पड़ता है जिसमें उनकी जान तक खतरे में पड़ जाती है
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