अशोकनगर। एक तरफ सरकारें गर्भवती महिलाओं के लिए दर्जन योजनाएं चला रही हैं. लेकिन इन योजनाओं की हकीकत कुछ और सामने आती हैं. अशोकनगर जिले के विक्रमपुर गांव में विचलित कर देनें वाला मामला सामने आया है. जहां एक गर्भवती महिला को तिपहिया वाहन में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. वो भी इसलिए क्योंकि जननी एक्सप्रेस समय से नहीं पहुंची थी.
चंदेरी से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर विक्रमपुर गांव में रात करीब 8 बजे एक प्रसूता को दर्द शुरू हुआ, तो उसके परिजनों और आशा कार्यकर्ताओं ने जननी एक्सप्रेस को बुलाने का प्रयास किया. लेकिन जननी एक्सप्रेस को फोन नहीं लगा. जिसके बाद आशा कार्यकर्ताओं के साथ परिजन प्रसूता को एक तिपहिया वाहन से चंदेरी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर चले लेकिन बीच रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया.
पहले तो महिला के परिजन बगैर कैमरे के सच बताते रहे, लेकिन कैमरा चालू करते ही आशा कार्यकर्ता के इशारे पर चुप्पी साध ली, तो आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि गांव में नेटवर्क नहीं था इसलिए जननी एक्सप्रेस से बात नहीं हो पाई. लंबे समय तक इंतजार करने के बाद हम इन्हें आटो से लेकर आ रहे थे तभी रास्ते में बच्चे का जन्म हो गया.