अशोकनगर। खेत में खड़ी फसल की कटाई के बाद जब किसान की लागत नहीं निकली तो उसने इल्लीमार दवा पीकर आत्महत्या की कोशिश की है. किसान की 40 बीघा जमीन में सिर्फ 8 क्विंटल सोयाबीन ही निकला है, जिससे उसे बहुत नुकसान हुआ. लिहाजा कर्ज में डूबा किसान इस दुख को नहीं सह पाया और उसने अपनी जान देने की कोशिश की.
बुजुर्ग के इल्लीमार दवा पीने की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली तो वे तुरंत बुजुर्ग किसान को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने इलाज के दौरान किसान की जान तो बचा ली है, लेकिन बुजुर्ग की हालत नाजुक बताई जा रही है.
खरीफ सीजन में प्राकृतिक प्रकोप के कारण खराब हुई सोयाबीन और उड़द की फसल से किसानों को बेहद आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा है. फसल में गर्डर बीटल इल्ली और येल्लो मोजेक का प्रकोप होने के कारण जिले में इस बार सोयाबीन की उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है. प्रति हेक्टेयर 20 से 25 क्विंटल की पैदावार देने वाले सोयाबीन का उत्पादन इस बार प्रति हेक्टेयर एक क्विंटल से पांच क्विंटल तक सिमट कर रह गया है. ऐसे में बरखेड़ा के किसान पहलवान सिंह की आठ हेक्टेयर जमीन में महज आठ क्विंटल सोयाबीन की पैदावार हुई, जिसके बाद बैंक और साहूकारों के कर्ज की चिंता में परेसान किसान ने इल्ली मार दवा पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की.
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किसान के दामाद मदन सिंह ने बताया कि सोयाबीन निकलने के बाद उसके ससुर बेहद परेशान रहने लगे थे. बीती रात अचानक से उन्हें उल्टियां हुईं, उन्होंने जब बताया कि मैंने इल्ली मार दवा पी ली तो परिजनों के होश उड़ गए. तुरंत बुजुर्ग को जिला अस्पताल लाया गया, बुजुर्ग का इलाज फिलहाल आईसीयू वार्ड में चल रहा है.