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तरबूज और खरबूजा उगाकर किसान हो रहे मालामाल - Saranggarh Farmers

सारंगगढ़ के कौशल प्रसाद प्रजापति ने अपने खेत में तरबूज और खरबूजे की खेती कर 17,000 से 18,000 रुपए प्रतिदिन कमा रहे हैं.

Melon farming
तरबूज और खरबूजे की खेती
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Published : Apr 29, 2021, 9:00 AM IST

अनूपपुर। कोरोना काल के दौरान अधिकतर किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं, जो इस दौरान लाखों रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं. सरकारी अनुदान के संसाधन किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. कोरोना काल में भी किसान तरबूज और खरबूजे के उत्पादन से लाखों कमा रहे हैं.

तरबूज की तीन प्रजातियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया

राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों के जरिए आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को ड्रिप, मलचिंग शीट, वीडर, पावर ट्रिलर जैसे उपकरण दिए गए थे. इससे शुरू की गई उद्यानिकी फसलों की खेती के अच्छे नतीजे अब सामने आ रहे हैं. सारंगगढ़ के कौशल प्रसाद प्रजापति ने अपने खेत में तरबूज और खरबूजे की खेती कर 17,000 से 18,000 रुपए प्रतिदिन कमा रहे हैं. इस तरबूज की प्रसिद्धि का आलम यह है कि छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ और किल्हारी तक के व्यवसाई यहां आकर इस तरबूज की खरीददारी करते हैं. कौशल प्रसाद ने इस साल अपने खेत में बाहुबली, आरोही और चाइना तरबूज की तीन प्रजातियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया है.

धान उगाकर की थी खेती की शुरूआत

कौशल प्रसाद ने धान उगाने से खेती का सफर शुरू किया था, लेकिन अधिक मुनाफा न होने की वजह से उन्होंने उद्यानिकी विभाग की सलाह पर तरबूज, खरबूजे और खीरे की खेती शुरू कर दी. कौशल प्रसाद ने अपनी लगन और परिश्रम से न सिर्फ तरबूज और खरबूजे उत्पादन किया, बल्कि इससे हुई कमाई से अपना घर भी बनवा लिया.

तीन साल पहले थी आर्थिक तंगी

कौशल प्रसाद ने बताया कि तीन साल पहले तक उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. वह सिर्फ धान की खेती पर ही अपनी आजीविका चला रहे थे. उस दौरान उद्यान विभाग के मैदानी अमले ने उन्हें और कई काश्तकारों को इकट्ठा कर तरबूज और खरबूजे की खेती करने के लिए प्रेरित किया. उन्हें तरबूज और खरबूजे की खेती करने के गुर सिखाए.

जिले में उत्पादन बढ़ाने के लिए रखा गया था लक्ष्य

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक वीडी. नायर ने बताया कि जिले में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनकी आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति, संरक्षित खेती योजना के अंतर्गत मलचिंग शीट और यंत्रीकरण के अंतर्गत पावर टिलर जैसे संसाधन अनुदान पर दिए गए हैं.

गांजे की खेती करते आरोपी गिरफ्तार, 62 पौधे किए गए नष्ट

जिले में इस साल तरबूज, खरबूजे की अच्छी पैदावार हुई है. कई गांवों के किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जिले में अब तक कुल करीब 235 हेक्टेयर में तरबूज और 205 हेक्टेयर में खरबूजे की खेती हो रही है.

अनूपपुर। कोरोना काल के दौरान अधिकतर किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं, जो इस दौरान लाखों रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं. सरकारी अनुदान के संसाधन किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. कोरोना काल में भी किसान तरबूज और खरबूजे के उत्पादन से लाखों कमा रहे हैं.

तरबूज की तीन प्रजातियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया

राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी फसलों के जरिए आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को ड्रिप, मलचिंग शीट, वीडर, पावर ट्रिलर जैसे उपकरण दिए गए थे. इससे शुरू की गई उद्यानिकी फसलों की खेती के अच्छे नतीजे अब सामने आ रहे हैं. सारंगगढ़ के कौशल प्रसाद प्रजापति ने अपने खेत में तरबूज और खरबूजे की खेती कर 17,000 से 18,000 रुपए प्रतिदिन कमा रहे हैं. इस तरबूज की प्रसिद्धि का आलम यह है कि छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ और किल्हारी तक के व्यवसाई यहां आकर इस तरबूज की खरीददारी करते हैं. कौशल प्रसाद ने इस साल अपने खेत में बाहुबली, आरोही और चाइना तरबूज की तीन प्रजातियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया है.

धान उगाकर की थी खेती की शुरूआत

कौशल प्रसाद ने धान उगाने से खेती का सफर शुरू किया था, लेकिन अधिक मुनाफा न होने की वजह से उन्होंने उद्यानिकी विभाग की सलाह पर तरबूज, खरबूजे और खीरे की खेती शुरू कर दी. कौशल प्रसाद ने अपनी लगन और परिश्रम से न सिर्फ तरबूज और खरबूजे उत्पादन किया, बल्कि इससे हुई कमाई से अपना घर भी बनवा लिया.

तीन साल पहले थी आर्थिक तंगी

कौशल प्रसाद ने बताया कि तीन साल पहले तक उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. वह सिर्फ धान की खेती पर ही अपनी आजीविका चला रहे थे. उस दौरान उद्यान विभाग के मैदानी अमले ने उन्हें और कई काश्तकारों को इकट्ठा कर तरबूज और खरबूजे की खेती करने के लिए प्रेरित किया. उन्हें तरबूज और खरबूजे की खेती करने के गुर सिखाए.

जिले में उत्पादन बढ़ाने के लिए रखा गया था लक्ष्य

उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक वीडी. नायर ने बताया कि जिले में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनकी आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता और उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई पद्धति, संरक्षित खेती योजना के अंतर्गत मलचिंग शीट और यंत्रीकरण के अंतर्गत पावर टिलर जैसे संसाधन अनुदान पर दिए गए हैं.

गांजे की खेती करते आरोपी गिरफ्तार, 62 पौधे किए गए नष्ट

जिले में इस साल तरबूज, खरबूजे की अच्छी पैदावार हुई है. कई गांवों के किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जिले में अब तक कुल करीब 235 हेक्टेयर में तरबूज और 205 हेक्टेयर में खरबूजे की खेती हो रही है.

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