ETV Bharat / state

22 साल बाद देशसेवा कर लौटा वीर जवान, हुआ भव्य स्वागत - Brave soldier returned after 22 years

22 साल की वीरता करने वाला सैनिक 2021 में सेवानिवृत्त होकर गृह ग्राम लौटे, उनके लौटने की खबर सुनकर क्षेत्र के लोगों ने जमकर स्वागत किया.

Brave soldier returned after 22 years of country service
22 वर्ष देश सेवा कर लौटा वीर जवान
author img

By

Published : Feb 7, 2021, 10:01 PM IST

अनूपपुर। देश सेवा का जज्बा रखने वाले अमलाई निवासी मोहम्मद ईदरीश के बडे़ बेटे क्यामुद्दीन अली 22 वर्ष तक देश की सीमाओं पर तैनात रहे. जिसके बाद अलग-अलग स्थानों पर सेवा देने के बाद रिटायर होकर अब वह अपने घर लौट आए हैं. लौटने की खबर सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गई. गौरलतब है कि जवान क्यामुद्दीन अली देश सेवा के लिए 18 वर्ष की उम्र में बतौर सैनिक चयन होकर प्रशिक्षण के लिए चले गए थे. प्रशिक्षण उपरांत वह देश के अनेक स्थानों पर रहकर अपनी सेवाएं दी.

इस दौरान कई कठिन परिस्थितियां भी आई, लेकिन देश सेवा की कसमें खाकर फौज में भर्ती हुआ जवान हर विपत्ति को झेलकर आगे बढ़ते हुए देश के समक्ष अपना 22 वर्ष तक समर्पण बनाए रखा.

ऐसा था फौजी का सफर

रिटायर फौजी बचपन से अपने दादा-दादी के यहां रहकर प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षा गृहण की, उसके बाद अमलाई में अपने पिता के साथ रहकर गणेश स्कूल से हाई एवं हायर सेकेण्डरी की शिक्षा अर्जित किए. इस दौरान सैनिक में चयन के लिए जबलपुर पहुंचे, जहां उनका चयन हो गया. जहां से उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर रायफल रेजिमेंटल सेंटर जबलपुर में प्रशिक्षण प्राप्त किया. जिसके बाद प्रशिक्षण के लिए जनवरी 1999 में पहली पदस्थापना पंजाब के गुरूदासपुर में हुई, कई वर्षों तक सेवा देने के बाद वह यहां से सिक्किम पहुंचे, जिसके बाद राजस्थान में अपनी सेवा दी और अंत में जम्मू-कश्मीर में सीमा की सुरक्षा करते हुए सेवानिवृत्त हो गये.

कारगिल युद्व में रहा योगदान

भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष में भी वीर जवान क्यामुद्दीन का योगदान रहा है, उस दौरान उनकी पहली पोस्टिंग पंजाब में थी, जहां से सैनिकों को कारगिल युद्व में भेजा गया था. गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान के बीच सीमाओं को लेकर विवाद था, जहां पाकिस्तानी सैनिक और उग्रवादियों द्वारा नियंत्रण रेखा पार करते हुए कब्जा करने का प्रयास किया गया, जिसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्व छिड़ गया था.

बता दें कि सुबह से ही सैनिक के स्वागत के लिए हुजूम देखा गया. अमलाई-धनपुरी सहित आस-पास के प्रबुद्व नागरिक, व्यापारी, कर्मचारी, समाजसेवी के साथ राजनीतिज्ञ और छात्र-छात्राएं, सेल्फ डिफेंस स्पोर्ट एकेडमी अमलाई व आर्या हायर सेकेण्डरी स्कूल द्वारा सेवानिवृत्त हुए फौजी का भव्य स्वागत किया गया. सुबह से ही लोगों ने मिठाईयां बांटी और एक दूसरे से गले मिलते हुए बधाई दी, वहीं कराटे के बच्चों व विद्यालय सहित परिवारजनों ने आरती उतार कर स्वागत किया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

अनूपपुर। देश सेवा का जज्बा रखने वाले अमलाई निवासी मोहम्मद ईदरीश के बडे़ बेटे क्यामुद्दीन अली 22 वर्ष तक देश की सीमाओं पर तैनात रहे. जिसके बाद अलग-अलग स्थानों पर सेवा देने के बाद रिटायर होकर अब वह अपने घर लौट आए हैं. लौटने की खबर सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गई. गौरलतब है कि जवान क्यामुद्दीन अली देश सेवा के लिए 18 वर्ष की उम्र में बतौर सैनिक चयन होकर प्रशिक्षण के लिए चले गए थे. प्रशिक्षण उपरांत वह देश के अनेक स्थानों पर रहकर अपनी सेवाएं दी.

इस दौरान कई कठिन परिस्थितियां भी आई, लेकिन देश सेवा की कसमें खाकर फौज में भर्ती हुआ जवान हर विपत्ति को झेलकर आगे बढ़ते हुए देश के समक्ष अपना 22 वर्ष तक समर्पण बनाए रखा.

ऐसा था फौजी का सफर

रिटायर फौजी बचपन से अपने दादा-दादी के यहां रहकर प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षा गृहण की, उसके बाद अमलाई में अपने पिता के साथ रहकर गणेश स्कूल से हाई एवं हायर सेकेण्डरी की शिक्षा अर्जित किए. इस दौरान सैनिक में चयन के लिए जबलपुर पहुंचे, जहां उनका चयन हो गया. जहां से उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर रायफल रेजिमेंटल सेंटर जबलपुर में प्रशिक्षण प्राप्त किया. जिसके बाद प्रशिक्षण के लिए जनवरी 1999 में पहली पदस्थापना पंजाब के गुरूदासपुर में हुई, कई वर्षों तक सेवा देने के बाद वह यहां से सिक्किम पहुंचे, जिसके बाद राजस्थान में अपनी सेवा दी और अंत में जम्मू-कश्मीर में सीमा की सुरक्षा करते हुए सेवानिवृत्त हो गये.

कारगिल युद्व में रहा योगदान

भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष में भी वीर जवान क्यामुद्दीन का योगदान रहा है, उस दौरान उनकी पहली पोस्टिंग पंजाब में थी, जहां से सैनिकों को कारगिल युद्व में भेजा गया था. गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान के बीच सीमाओं को लेकर विवाद था, जहां पाकिस्तानी सैनिक और उग्रवादियों द्वारा नियंत्रण रेखा पार करते हुए कब्जा करने का प्रयास किया गया, जिसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्व छिड़ गया था.

बता दें कि सुबह से ही सैनिक के स्वागत के लिए हुजूम देखा गया. अमलाई-धनपुरी सहित आस-पास के प्रबुद्व नागरिक, व्यापारी, कर्मचारी, समाजसेवी के साथ राजनीतिज्ञ और छात्र-छात्राएं, सेल्फ डिफेंस स्पोर्ट एकेडमी अमलाई व आर्या हायर सेकेण्डरी स्कूल द्वारा सेवानिवृत्त हुए फौजी का भव्य स्वागत किया गया. सुबह से ही लोगों ने मिठाईयां बांटी और एक दूसरे से गले मिलते हुए बधाई दी, वहीं कराटे के बच्चों व विद्यालय सहित परिवारजनों ने आरती उतार कर स्वागत किया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.