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शादियों में होने वाले फिजूल खर्च को रोक, नवयुगलों ने गायत्री पद्धति से रचाया आदर्श विवाह - दहेज

आगर मालवा में दो नए जोड़ों ने गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह करके वैवाहिक जीवन की शुरूआत की है. इन दोनों शादियों में खास बात ये रही कि इनमें दहेज नहीं लिया गया.

Newlyweds created ideal marriage using Gayatri method
नवयुगलों ने गायत्री पद्धति से रचाया आदर्श विवाह
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Published : Dec 12, 2019, 6:35 PM IST

Updated : Dec 12, 2019, 7:01 PM IST

आगर मालवा। जिले में सुसनेर क्षेत्र के दो नवदंपति जोड़ों ने गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह करके वैवाहिक जीवन की शुरूआत की है. इन्होंने ना सिर्फ इस पद्धति से शादियों में होने वाले फिजूल खर्च को रोका है, बल्कि समाज में दहेज लेने जैसी कुरूतियों को भी नकारा है.

नवयुगलों ने गायत्री पद्धति से रचाया आदर्श विवाह

शहर के पियूष भावसार ने उज्जैन के गायत्री शक्तिपीठ पहुंचकर इंदौर की शिवानी भावसार से आदर्श विवाह रचाया. यहां पर रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही दोनों दुल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे का साथ निभाने के लिए स्टाम्प पर अपनी स्वीकृति भी दी. दूसरा विवाह अखिल विश्व गायत्री परिवार ने प्रज्ञा कुंज आमला में कराया. यहां सोंधिया समाज के दुल्हा विक्रम सिंह और दुल्हन सुधा ने

एक दूसरे का हाथ थामकर गायत्री पद्धति से विवाह करके दाम्पत्य जीवन की शुरूआत की.
इन दोनों शादियों में खास बात ये रही कि इनमें दहेज नहीं लिया गया. विवाह के दौरान सातों वचनों का अर्थ बताकर गायत्री परिवार के पंडितों ने वैवाहिक जीवन सुखी एवं समृद्ध कैसे बनाया जाए इस बारे में भी समझाया गया.

आगर मालवा। जिले में सुसनेर क्षेत्र के दो नवदंपति जोड़ों ने गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह करके वैवाहिक जीवन की शुरूआत की है. इन्होंने ना सिर्फ इस पद्धति से शादियों में होने वाले फिजूल खर्च को रोका है, बल्कि समाज में दहेज लेने जैसी कुरूतियों को भी नकारा है.

नवयुगलों ने गायत्री पद्धति से रचाया आदर्श विवाह

शहर के पियूष भावसार ने उज्जैन के गायत्री शक्तिपीठ पहुंचकर इंदौर की शिवानी भावसार से आदर्श विवाह रचाया. यहां पर रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही दोनों दुल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे का साथ निभाने के लिए स्टाम्प पर अपनी स्वीकृति भी दी. दूसरा विवाह अखिल विश्व गायत्री परिवार ने प्रज्ञा कुंज आमला में कराया. यहां सोंधिया समाज के दुल्हा विक्रम सिंह और दुल्हन सुधा ने

एक दूसरे का हाथ थामकर गायत्री पद्धति से विवाह करके दाम्पत्य जीवन की शुरूआत की.
इन दोनों शादियों में खास बात ये रही कि इनमें दहेज नहीं लिया गया. विवाह के दौरान सातों वचनों का अर्थ बताकर गायत्री परिवार के पंडितों ने वैवाहिक जीवन सुखी एवं समृद्ध कैसे बनाया जाए इस बारे में भी समझाया गया.

Intro:आगर-मालवा।
जिलें के सुसनेर क्षेत्र के दो नवदम्पत्ति जोडो ने गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह करके वैवाहिक जीवन की शुरूआत की है। इन्होेने न सिर्फ इस पद्धति से शादीयों में होने वाले फिजूल खर्च को रोका है बल्की समाज में दहेज लेने जैसी कुरूतीयों को भी नकारा है।Body:शहर के भावसार परिवार के दुल्हा पीयुष भावसार ने उज्जैन के गायत्री शक्तिपीठ पहुंचकर इंदौर की दुल्हन शिवानी भावसार से गायत्री पद्धति से आदर्श विवाह रचाया। यहां पर रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही दाेनो दुल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे का साथ निभाने के लिए स्टाम्प पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर पंडितो के सामने पेश किया। दूसरा विवाह अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आमला प्रज्ञा कुंज आमला में सम्पन्न कराया गया। यहां सोंधिया समाज के दुल्हा विक्रम सिंह और दुल्हन लाड कुमार उर्फ सुधा ने एक दूसरे का हाथ थामकर गायत्री पद्धति से विवाह करके दाम्पत्य जीवन की शुरूआत की।Conclusion:श्रीराम-सीताजी के जैसे सातों वचनों को निभाने की कसमें खाई और मर्यादित व आदर्श जीवन जीते हुएं जीवनभर साथ देने लिए एक दूसरे से वचन लिया। दोनो जगहों पर गायत्री परिवार के पंडितो द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आदर्श विवाह सम्पन्न कराया गया।

इन दोनो शादीयो में खास बात यह रही की इनमें दहेज नहीं लिया गया। विवाह के दोरान सातों वचनो का अर्थ बताकर के गायत्री परिवार के पंडितों द्वारा वैवाहिक जीवन सुखी एवं समृद्ध कैसे बनाया जाए इस बारे में भी समझाया गया।

विजुअल- उज्जैन के गायत्री शक्तिपीठ में किया गया आदर्श विवाह

बाईट- पियुष भावसार, दुल्हा, सुसनेर।
बाईट- शिवानी भावसार, दुल्हन, इंदौर।
Last Updated : Dec 12, 2019, 7:01 PM IST
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