आगर मालवा। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब लोग गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. गणेशोत्सव का पर्व दो सितम्बर से शुरू होकर दस दिन तक चलेगा. जिसको लेकर कलाकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सुसनेर में बनाई जा रही गणेश प्रतिमाओं की डिमांड प्रदेश के बाहर तक रहती है. जिसके चलते कलाकारों का पूरा परिवार मूर्ति बनाने में जुटा हुआ है, लेकिन पिछले कुछ सालों से रंग, सामान की कीमत और पीओपी में टैक्स बढ़ने से उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.
कान्हा के जन्म के बाद अब गणपति बप्पा का इंतजार, मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार
गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं. कलाकार भी मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जबकि कलाकारों का कहना है कि उन्हें उनकी मेहनत के हिसाब से लाभ नहीं मिल पाता है.
आगर मालवा। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब लोग गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. गणेशोत्सव का पर्व दो सितम्बर से शुरू होकर दस दिन तक चलेगा. जिसको लेकर कलाकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सुसनेर में बनाई जा रही गणेश प्रतिमाओं की डिमांड प्रदेश के बाहर तक रहती है. जिसके चलते कलाकारों का पूरा परिवार मूर्ति बनाने में जुटा हुआ है, लेकिन पिछले कुछ सालों से रंग, सामान की कीमत और पीओपी में टैक्स बढ़ने से उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.
राजस्थान से भी आते है ग्राहक
मुर्तिकार कैलाश चौहान के अनुसार उनकी बनाई हूुई गणेश प्रतिमाओ की मांग नगर अोर उसके आसपास के क्षैत्रो मंंे तो है ही साथ ही राजस्थान के झालावाड जिले के कई नगरो ओर ग्रामीण क्षैत्रो के ग्राहक भी उनके पास प्रतिमाएं लेने के लिऐ आते है।
20 फीसदी बढ़ गए दाम
ज्यादातर लोग घरों के लिए पीओपी की प्रतिमाएं खरीदतें है। पहले इस पर 8 फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब 12 फीसदी जीएसटी और जुड़ जाने के बाद मूर्ति पर ग्राहक को 20 फीसदी रकम अधिक खर्च करना होगी। पिछले कुछ सालों से रंग और सामान की कीमत बढ़ रही है। मेहनत के हिसाब से कारीगरों को मेहनताना तक नहीं मिल पा रहा है। मूर्तिकार ने बताया कि कम लाभ होने के बाद भी अपने हुनर के इस काम को बंद करने का मन नहीं बना पाते हैं।Conclusion: मूर्तिकार कैलाश चौहान अपने परिवारजनो के साथ छोटी से लेकर बडी गणेश प्रतिमाएं बना रहे है। उनके पास हर वैरायटी की आकर्षक प्रतिमाएं उपलब्ध है। उनके परिवार का हर बच्चा गणेश प्रतिमा बना रहा है। कैलाश ने बताया कि वे 20 सालों से प्रतिमाएं बना रहे है। वेसे तो उनका पुश्तैनी कार्य कुम्हार होने के नाते ईटे बनाना है, किन्तु लोगो की डिमांड पर वे प्रतिमाएं बना रहे है। उन्होने अपने शहर के लोगो को प्रतिमाएं खरीदने के लिए बाहर न जाना पडे इस उदेश्य के साथ प्रतिमाएं बनाने की शुरूआत की थी।
विज्युअल- गणेश प्रतिमा को अंतिम रूप देते हुएं मूर्तिकार कैलाश चौहान। व उनका बेटा।
मूर्तिकार के द्वारा तैयार की जा रही है गणेश प्रतिमाएं।
बाईट- कैलाश प्रजापति, मूर्तिकार, सुसनेर-आगर।