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कान्हा के जन्म के बाद अब गणपति बप्पा का इंतजार, मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार

गणेश चतुर्थी को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं. कलाकार भी मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जबकि कलाकारों का कहना है कि उन्हें उनकी मेहनत के हिसाब से लाभ नहीं मिल पाता है.

मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार
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Published : Aug 25, 2019, 8:16 PM IST

आगर मालवा। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब लोग गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. गणेशोत्सव का पर्व दो सितम्बर से शुरू होकर दस दिन तक चलेगा. जिसको लेकर कलाकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सुसनेर में बनाई जा रही गणेश प्रतिमाओं की डिमांड प्रदेश के बाहर तक रहती है. जिसके चलते कलाकारों का पूरा परिवार मूर्ति बनाने में जुटा हुआ है, लेकिन पिछले कुछ सालों से रंग, सामान की कीमत और पीओपी में टैक्स बढ़ने से उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.

मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार
गणोशोत्सव समितियां भी गणेश उत्सव की तैयारियां करने लगी हैं. घर में गणेश स्थापना के लिए ज्यादातर लोग पीओपी की बनी प्रतिमाएं खरीदते हैं. जिस पर पहले आठ फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब बारह प्रतिशत जीएसटी जुड़ने के बाद ग्राहक को बीस प्रतिशत अधिक रकम खर्च करना पड़ेगा.कैलाश ने बताया कि वे 20 सालों से प्रतिमा बनाने का काम करते आ रहे हैं. उनका पुश्तैनी काम कुम्हार होने के चलते मिट्टी के बर्तन बनाना है, लेकिन लोगों की डिमांड पर वे प्रतिमाएं बना रहे हैं. मूर्तिकार कैलाश चौहान के अनुसार उनकी बनाई गई गणेश प्रतिमाओं की मांग नगर आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ राजस्थान में भी रहती है.

आगर मालवा। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब लोग गणेश चतुर्थी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. गणेशोत्सव का पर्व दो सितम्बर से शुरू होकर दस दिन तक चलेगा. जिसको लेकर कलाकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सुसनेर में बनाई जा रही गणेश प्रतिमाओं की डिमांड प्रदेश के बाहर तक रहती है. जिसके चलते कलाकारों का पूरा परिवार मूर्ति बनाने में जुटा हुआ है, लेकिन पिछले कुछ सालों से रंग, सामान की कीमत और पीओपी में टैक्स बढ़ने से उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है.

मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार
गणोशोत्सव समितियां भी गणेश उत्सव की तैयारियां करने लगी हैं. घर में गणेश स्थापना के लिए ज्यादातर लोग पीओपी की बनी प्रतिमाएं खरीदते हैं. जिस पर पहले आठ फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब बारह प्रतिशत जीएसटी जुड़ने के बाद ग्राहक को बीस प्रतिशत अधिक रकम खर्च करना पड़ेगा.कैलाश ने बताया कि वे 20 सालों से प्रतिमा बनाने का काम करते आ रहे हैं. उनका पुश्तैनी काम कुम्हार होने के चलते मिट्टी के बर्तन बनाना है, लेकिन लोगों की डिमांड पर वे प्रतिमाएं बना रहे हैं. मूर्तिकार कैलाश चौहान के अनुसार उनकी बनाई गई गणेश प्रतिमाओं की मांग नगर आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ राजस्थान में भी रहती है.
Intro:आगर। इन दिनो कलाकारो की अास्था अाकार ले रही है, मूर्तिकारो के द्वारा गणेश प्रतिमाएं तैयार करने के बाद उन्है अपने हाथो से अंतिम रूप दिया जा रहा है। गणेशोत्सव पर्व के मद्देनजर तेजी से गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही है। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब हिन्दु धर्म में प्रथम पुज्य श्रीगणेश की आराधना का पर्व गणेशोत्सव 2 सितम्बर से शुरू होने वाला है। इसको लेकर कलाकारों द्वारा गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आगर जिलें के सुसनेर में बनाई जा रही इन गणेश प्रतिमाओं की डिमांग राजस्थान तक रहती है। 2 सितम्बर को गणेशोत्सव समितियों के द्वारा आकर्षक पंडाल सजाकर गणेशजी की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी।Body:जैसे – जैसे गणेश चर्तुथी का दिन नजदीक आता जा रहा है वेसे- वेसे कलाकार भी अपने पूरे परिवार के साथ अधिक से अधिक गणेश प्रतिमाएं बनाने में जुटे हुएं है। नगर में भी गणोशोत्सव समितियों के द्वारा तैयारीयां की जाने लगी है। आने वाले 2 सितम्बर को विधिविधान के साथ जिले भर में बडी धुमधाम के गणेशजी की स्थापना की जाएगी। इसके बाद पूरे 11 दिनो तक गणेशोत्सव की धुम मुची रहेगी।

राजस्थान से भी आते है ग्राहक

मुर्तिकार कैलाश चौहान के अनुसार उनकी बनाई हूुई गणेश प्रतिमाओ की मांग नगर अोर उसके आसपास के क्षैत्रो मंंे तो है ही साथ ही राजस्थान के झालावाड जिले के कई नगरो ओर ग्रामीण क्षैत्रो के ग्राहक भी उनके पास प्रतिमाएं लेने के लिऐ आते है।

20 फीसदी बढ़ गए दाम

ज्यादातर लोग घरों के लिए पीओपी की प्रतिमाएं खरीदतें है। पहले इस पर 8 फीसदी टैक्स लगता था, लेकिन अब 12 फीसदी जीएसटी और जुड़ जाने के बाद मूर्ति पर ग्राहक को 20 फीसदी रकम अधिक खर्च करना होगी। पिछले कुछ सालों से रंग और सामान की कीमत बढ़ रही है। मेहनत के हिसाब से कारीगरों को मेहनताना तक नहीं मिल पा रहा है। मूर्तिकार ने बताया कि कम लाभ होने के बाद भी अपने हुनर के इस काम को बंद करने का मन नहीं बना पाते हैं।Conclusion: मूर्तिकार कैलाश चौहान अपने परिवारजनो के साथ छोटी से लेकर बडी गणेश प्रतिमाएं बना रहे है। उनके पास हर वैरायटी की आकर्षक प्रतिमाएं उपलब्ध है। उनके परिवार का हर बच्चा गणेश प्रतिमा बना रहा है। कैलाश ने बताया कि वे 20 सालों से प्रतिमाएं बना रहे है। वेसे तो उनका पुश्तैनी कार्य कुम्हार होने के नाते ईटे बनाना है, किन्तु लोगो की डिमांड पर वे प्रतिमाएं बना रहे है। उन्होने अपने शहर के लोगो को प्रतिमाएं खरीदने के लिए बाहर न जाना पडे इस उदेश्य के साथ प्रतिमाएं बनाने की शुरूआत की थी।

विज्युअल- गणेश प्रतिमा को अंतिम रूप देते हुएं मूर्तिकार कैलाश चौहान। व उनका बेटा।
मूर्तिकार के द्वारा तैयार की जा रही है गणेश प्रतिमाएं।
बाईट- कैलाश प्रजापति, मूर्तिकार, सुसनेर-आगर।
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