ब्रिजटाउन : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर का ऐसा मानना है कि अगर मध्यक्रम के बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव वेस्टइंडीज के खिलाफ मंगलवार को त्रिनिडाड और टोबैगो के तरौबा में होने वाले एकदिवसीय श्रृंखला के निर्णायक मैच में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहते हैं तो उन्हें वनडे टीम से बाहर किया जा सकता है. यह उनके एकदिवसीय करियर के लिए आखिरी मौका भी साबित हो सकता है.
मंगलवार को त्रिनिडाड और टोबैगो के तरौबा में भारत व वेस्टइंडीज के बीच आखिरी मुकाबला खेला जाएगा, जहां पर भारत हर हाल में जीत हासिल करना चाहेगा, क्योंकि इस मैच में ज्यादा प्रयोग करके सीरीज हारने का रिस्क टीम इंडिया नहीं लेना चाहेगी.
आपने देखा होगा कि सूर्यकुमार ने अपने 360-डिग्री स्ट्रोकप्ले से टी20 क्रिकेट की दुनिया में धूम मचा दी है और वर्तमान समय में वह टी-20 फारमेट में भारतीय टीम के उप-कप्तान बनाए गए हैं. लेकिन वह वनडे क्रिकेट में अपनी लय हासिल नहीं कर पा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों में पहली गेंद पर आउट होने वाले सूर्यकुमार यादव वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले दो वनडे मैचों में भी फेल ही रहे हैं और कोई ऐसी पारी नहीं खेल पाए हैं, जिससे चयनकर्ताओं व टीम मैनेजमेंट का भरोसा कायम रह सके.
वेबसाइट क्रिकइंफो ने वसीम जाफर के हवाले से कहा-
“मुझे लगता है कि उन्हें तीसरे वनडे में एक और मौका मिलेगा और शायद यह आखिरी हो. फिर के.एल. (राहुल) और श्रेयस अय्यर आ सकते हैं..दोनों के चोटों से उबरने के बाद.. उनका टीम में आना मुश्किल होगा. वह जिस तरह से बल्लेबाजी करते हैं, वह बहुत जोखिम भरे विकल्प अपनाते हैं.. वह बॉउंड्री पार करना चाहता है, कभी-कभी इसी वजह से उन्हें अपना विकेट गंवाना पड़ता है.''
पहले वनडे में वह बाएं हाथ के स्पिनर गुडाकेश मोती की गेंद पर स्वीप करने के प्रयास में 19 रन पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. शनिवार को दूसरे वनडे में मोती की गेंद पर सीधे बैकवर्ड पॉइंट पर कट करने के बाद वह 24 रन पर आउट हो गए. 25 वनडे मैचों में सूर्यकुमार का औसत सिर्फ 23.8 है, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं. ऐसे में पुराने ओपनर रहे जाफर को लगता है कि सूर्यकुमार वनडे खेलने के लिए जरूरी धैर्य विकसित नहीं कर पाए हैं.
वसीम जाफर ने कहा-
"50 ओवर के प्रारूप में, आपको खेल को गहराई तक ले जाना होगा. रोहित शर्मा, विराट कोहली और यहां तक कि शिखर धवन ने भी यही किया है. जोखिम भरे विकल्प लेना उसका स्वभाव है.. उन्हें इस प्रारूप में इसे बदलने की जरूरत है. वह हर दूसरी-तीसरी गेंद पर बाउंड्री लगाने के बारे में नहीं सोच सकते. हम उसे बार-बार ऐसा करते हुए देखते हैं -अच्छी शुरुआत करना और फिर अपना विकेट फेंकना.'
जाफर ने यह भी महसूस किया कि संजू सैमसन को दूसरे वनडे में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका देना चाहिए था, जिससे लेग स्पिनरों के खिलाफ उनका संघर्ष चिंता का विषय बन गया. सैमसन पहले वनडे में प्लेइंग इलेवन में नहीं थे और दूसरे वनडे में लेग स्पिनर यानिक कारिया की गेंद पर सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए.
संजू के बारे में वसीम जाफर ने कहा-
“यह एक बहुत अच्छा अवसर था और आपको शुरुआत मिल गई. वह 90/1 पर आए और खुद को खेला. यह बहुत ही आसान तरीके से आउट हो गए. ऐसा लग रहा था कि उन्होंने लेग स्पिन नहीं चुनी थी.. वह गुगली खेलने के लिए तैयार हो रहे थे. हम इस बारे में बात करते रहते हैं कि आईपीएल में वह लेग स्पिन और गुगली गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष करते हैं. ऐसा लगता है कि वह इस कमी को सुधार नहीं सके और उनका खेल ऐसा ही जारी रहेगा."
“जब आप शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी कर रहे होते हैं, तो आप स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ इस तरह की कमजोरी नहीं दिखा सकते हैं. यह सवाल बना हुआ है और जाहिर है, उन्होंने एक बहुत अच्छा मौका खो दिया है.''
-- IANS के इनपुट के साथ