वॉशिंगटन : अफगानिस्तान और अमेरिका के बीच चल रहीं गुप्त समझौते की अटकलों को राष्ट्रपति अशरफ गनी ने खारिज कर दिया है. इससे पहले अमेरिका ने भी कहा था कि अफगानिस्तान के साथ उसका कोई गुप्त समझौता नहीं हुआ है.
राष्ट्रपति गनी ने कहा कि लोया जिरगा (महासभा) ने 400 तालिबानी कैदियों की रिहाई को एक बड़ी सफलता के रूप में सद्भावना के संकेत के रूप में मंजूरी दे दी, जो इंट्रा-अफगान वार्ता के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.
गनी, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अन्य राजनीतिक हस्तियों ने अफगानिस्तान में दो दशक से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतर-अफगान वार्ता को तत्काल शुरू करने के लिए तालिबान का आह्वान किया है.
अफगानिस्तान टाइम्स के संवाददाता मुजीब मशाल के अनुसार, जो अफगानिस्तान को कवर करते हैं का कहना है कि गनी ने अमेरिका से पूछा कि क्या एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान पर सहमति बनी है, जिसपर व्हाइट हाउस ने एक बुलंद आवाज में जवाब दिया.
लोया जिरगा ने 25 अनुच्छेद के साथ एक प्रस्ताव जारी किया, जिसमें उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के मामलों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप को रोकने और आतंकवादी समूहों के समर्थन को रोकने का आग्रह किया है.
बयान में यह भी कहा गया है कि अफगानिस्तान की जनता और सरकार को आश्वासन दिया जाना चाहिए कि रिहा हुए तालिबान कैदी युद्ध में नहीं लौटेंगे और उनकी गतिविधि पर नजर रखी जाएगी.
बता दें कि लोया जिरगा में हजारों अफगान बुजुर्ग, समुदाय के नेता और राजनेता शामिल हैं, जो रविवार को काबुल में अंतिम 400 तालिबानी कैदियों को रिहा करने का फैसला करने के लिए एकत्र हुए थे.
कैदियों की रिहाई को समूह और अमेरिका के बीच एक शांति समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थित अफगान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता खोलने में अंतिम बाधा माना जा रहा था.
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अफगान सरकार ने कहा है कि उन्होंने 4,600 से अधिक तालिबान कैदियों को रिहा किया है, जो कि अमेरिका-तालिबान डील के दौरान तय संख्या से 400 कम है. जबकि शेष कैदियों को सरकार गंभीर अपराधों के कारण रिहा करने में संकोच कर रही है.
गनी, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अन्य राजनीतिक हस्तियों ने अफगानिस्तान में दो दशक से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतर-अफगान वार्ता को तत्काल शुरू करने के लिए तालिबान का आह्वान किया है.