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कोविड सेंटर में नहीं मिल रहा अच्छा खाना, ईटीवी भारत की पड़ताल में सच्चाई आई सामने

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Published : Aug 9, 2020, 5:48 PM IST

Updated : Aug 9, 2020, 5:58 PM IST

कोविड केयर सेंटर में मरीजों का किस तरह से ख्याल रखा जाता है और कितना मरीज को पौष्टिक भोजन मिलता है. इस पर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई. देखिये ये रिपोर्ट...

covid center
कोविड सेंटर की हकीकत

भिंड। भले ही सरकार ने कोरोना मरीजों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिया हुआ है लेकिन बावजूद इसके कोरोना मरीजों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कोविड केयर सेंटर में मरीजों का किस तरह से ख्याल रखा जाता है और कितना मरीज को पौष्टिक भोजन मिलता है. इस पर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई.

कोविड सेंटर की हकीकत

कोविड सेंटर में मरीजों के साथ लापरवाही

कोरोना को हराकर ठीक हुई प्रतिभा सिकरवार ने बताया कि उन्हें जिला अस्पताल में ट्रीटमेंट तो अच्छा मिला लेकिन व्यवस्थाएं ठीक नहीं थी. उन्हें एक भी दिन डिस्पोजेबल बेड सीट नहीं दी गई और साफ सफाई के नाम बाथरूम की स्थिति बहुत ही बदतर थी. साथ ही खाना भी वैसा नहीं मिला जैसा सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है. ऐसे में गुणवत्ताहीन खाना खाकर कैसे इम्युनिटी बढ़ सकती है.

covid 19 diet chart
कोविड 12 आहार लिस्ट

2-3 दिन में मिलती है डिस्पोजेबल बेडशीट

वहीं कोरोना महामारी के जंग जीतकर ठीक हुए मरीज पंकज जैन का कहना है कि हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा की जा रही लापवाही का शिकार हुए. अस्पताल की तरफ से उन्होंने हैडवॉश भी नहीं मिला यहां तक की डिस्पोजेबल बेडशीट दो से तीन दिन में मांगने में मिलती थी.

वहीं कोरोना संक्रमण से ठीक हुए पत्रकार अक्षय जोशी ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने पाया कि इलाज में कई तरह की अनियमितताएं थी, यहां तक की खाने में भी प्रबंधन द्वारा भेदभाव किया जाता है.

ऐसा मिलता है खाना

प्रबंधन द्वारा सामान्य मरीज और वीआईपी मरीजों में भेदभाव किया जाता है. यहां तक की वीआईपी मरीजों का खाना भी सामान्य लोगों के खाने से बेहतर था, खाने के जो पैकेट वितरित किए जा रहे थे, उनमें एक डिब्बा पैक किया हुआ था जिसमें सूखी रोटी, एक सब्जी, पानी सी दाल और प्याज दिया गया था, जबकि वीआईपी मरीजों के लिए मंगाए गए डब्बे में सिल्वर फॉयल में पैक की हुई घी लगी हुई रोटियां, सलाद दो सब्जियां और एक मिठाई दी गई थी.

सरकार को लगाया जा रहा है चूना

अक्षय ने बताया कि वहां मरीजों को उनकी जरूरत की चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है, ना ही हैंड सैनिटाइजर दिया जाता है, ना ही महिलाओं की जरूरत के लिए उपयोग होने वाले सैनिटरी पैड. यहां तक की कोरोना मरीजों की डाइट चार्ट के मुताबिक खाना भी नहीं दिया जाता है, लिहाजा कहीं ना कहीं कोरोना मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर पैसा अधिकारियों की जेब में जा रहा है, ऐसे में डिस्पोजेबल बेडशीट के नाम पर भी लगातार सरकार को चूना लगाया जा रहा है.

कोरोना मरीज की भी यही शिकायत

स्वस्थ हो चुके मरीजों से मिली जानकारी की पुष्टि के लिए हमने एक बार फिर कोविड-19 सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया यह सभी अनुभव उनको भी हुए हैं, उन्होंने बताया कि यहां ना तो हैंड सैनिटाइजर दिया गया, ना ही कोई अन्य उपयोग की चीजें दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि खाना तो अच्छा मिलता है, लेकिन नाश्ता और अन्य चीजों के साथ स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. विकास के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात स्टाफ भी ठीक तरीके से व्यवहार नहीं करते हैं.

बहरहाल, कोरोना मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के नाम पर खुलेआम भ्रष्टचार और लापरवाही की जा रही है, ऐसे में अगर किसी कोरोना मरीज की जान चली जाती है, साथ ही संक्रमण और तेजी से बढ़ेगा तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा.

भिंड। भले ही सरकार ने कोरोना मरीजों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिया हुआ है लेकिन बावजूद इसके कोरोना मरीजों को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कोविड केयर सेंटर में मरीजों का किस तरह से ख्याल रखा जाता है और कितना मरीज को पौष्टिक भोजन मिलता है. इस पर जब ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई.

कोविड सेंटर की हकीकत

कोविड सेंटर में मरीजों के साथ लापरवाही

कोरोना को हराकर ठीक हुई प्रतिभा सिकरवार ने बताया कि उन्हें जिला अस्पताल में ट्रीटमेंट तो अच्छा मिला लेकिन व्यवस्थाएं ठीक नहीं थी. उन्हें एक भी दिन डिस्पोजेबल बेड सीट नहीं दी गई और साफ सफाई के नाम बाथरूम की स्थिति बहुत ही बदतर थी. साथ ही खाना भी वैसा नहीं मिला जैसा सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है. ऐसे में गुणवत्ताहीन खाना खाकर कैसे इम्युनिटी बढ़ सकती है.

covid 19 diet chart
कोविड 12 आहार लिस्ट

2-3 दिन में मिलती है डिस्पोजेबल बेडशीट

वहीं कोरोना महामारी के जंग जीतकर ठीक हुए मरीज पंकज जैन का कहना है कि हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा की जा रही लापवाही का शिकार हुए. अस्पताल की तरफ से उन्होंने हैडवॉश भी नहीं मिला यहां तक की डिस्पोजेबल बेडशीट दो से तीन दिन में मांगने में मिलती थी.

वहीं कोरोना संक्रमण से ठीक हुए पत्रकार अक्षय जोशी ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने पाया कि इलाज में कई तरह की अनियमितताएं थी, यहां तक की खाने में भी प्रबंधन द्वारा भेदभाव किया जाता है.

ऐसा मिलता है खाना

प्रबंधन द्वारा सामान्य मरीज और वीआईपी मरीजों में भेदभाव किया जाता है. यहां तक की वीआईपी मरीजों का खाना भी सामान्य लोगों के खाने से बेहतर था, खाने के जो पैकेट वितरित किए जा रहे थे, उनमें एक डिब्बा पैक किया हुआ था जिसमें सूखी रोटी, एक सब्जी, पानी सी दाल और प्याज दिया गया था, जबकि वीआईपी मरीजों के लिए मंगाए गए डब्बे में सिल्वर फॉयल में पैक की हुई घी लगी हुई रोटियां, सलाद दो सब्जियां और एक मिठाई दी गई थी.

सरकार को लगाया जा रहा है चूना

अक्षय ने बताया कि वहां मरीजों को उनकी जरूरत की चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है, ना ही हैंड सैनिटाइजर दिया जाता है, ना ही महिलाओं की जरूरत के लिए उपयोग होने वाले सैनिटरी पैड. यहां तक की कोरोना मरीजों की डाइट चार्ट के मुताबिक खाना भी नहीं दिया जाता है, लिहाजा कहीं ना कहीं कोरोना मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर पैसा अधिकारियों की जेब में जा रहा है, ऐसे में डिस्पोजेबल बेडशीट के नाम पर भी लगातार सरकार को चूना लगाया जा रहा है.

कोरोना मरीज की भी यही शिकायत

स्वस्थ हो चुके मरीजों से मिली जानकारी की पुष्टि के लिए हमने एक बार फिर कोविड-19 सेंटर में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया यह सभी अनुभव उनको भी हुए हैं, उन्होंने बताया कि यहां ना तो हैंड सैनिटाइजर दिया गया, ना ही कोई अन्य उपयोग की चीजें दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि खाना तो अच्छा मिलता है, लेकिन नाश्ता और अन्य चीजों के साथ स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. विकास के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात स्टाफ भी ठीक तरीके से व्यवहार नहीं करते हैं.

बहरहाल, कोरोना मरीजों को दी जा रही सुविधाओं के नाम पर खुलेआम भ्रष्टचार और लापरवाही की जा रही है, ऐसे में अगर किसी कोरोना मरीज की जान चली जाती है, साथ ही संक्रमण और तेजी से बढ़ेगा तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा.

Last Updated : Aug 9, 2020, 5:58 PM IST
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