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महाकाल मंदिर में शिवनवरात्र पर्व का तीसरा दिन, घटाटोप रुप में हुआ महादेव का श्रृंगार - शिवनवरात्र पर्व का आज तीसरा दिन

महाशिवरात्रि के लिए उज्जैन का महाकाल मंदिर सज-धज के तैयार है. यहां 9 दिन पहले से ही महाशिवरात्रि की धूम रहती है. जिसे शिवनवरात्र के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. (Shivnavratra festival in Ujjain)

Shivnavratra festival in Ujjain
शिवनवरात्र पर्व का आज तीसरा दिन
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Published : Feb 23, 2022, 11:01 PM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत 9 दिन पहले होती है. (Mahashivratri celebrated 9 days in Mahakal temple). जिसे शिवनवरात्र के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. पूरे देश में महाशिवरात्रि एक मार्च 2022 को मनाई जाएगी. शिवनवरात्र के पहले दिन माता पार्वती और बाबा का चंदन रूप से श्रृंगार किया गया था. दूसरे दिन बाबा ने शेष नाग का रूप धारण किया. बुधवार को शिवनवरात्र के तीसरे दिन(third day of Shivnavratra festival in Ujjain). बाबा जटाओं को खोल निराकार से साकार रूप में आए, और घटाटोप रूप में दर्शन दिए. साथ ही शिव पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि भी अर्पित किया गया.

शिवनवरात्र पर्व का आज तीसरा दिन

शिव नवरात्र का दूसरा दिनः शेषनाग के रूप में हुआ बाबा महाकाल का श्रृंगार

घटाटोप के बारे में जानिए यहां
घटाटोप श्रृंगार का विशेष महत्व यह है मान्यता है कि बाबा महाकाल की जटाओं में तीन लोक समाहित हैं. सारी ऋतुएं, सारा संसार बाबा ने अपनी जटाओं में समाहित किया हुआ है. बाबा के विवाह के लिए उपरांत बाबा जाटओं को खोल भक्तों को दर्शन देते हैं, और यह बाबा महाकाल का नवरात्र में आखरी स्नान श्रृंगार माना गया है. चौथे दिन बाबा छबीना रूप में तैयार होकर भक्तों का मन मोहेंगे. जिसके बाद लागातर 7 दिन और बाबा होलकर, मनमहेश, उमा महेश, शिव तांड़व, सप्तमधान और चंद्र रूप में दर्शन देंगे.

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत 9 दिन पहले होती है. (Mahashivratri celebrated 9 days in Mahakal temple). जिसे शिवनवरात्र के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. पूरे देश में महाशिवरात्रि एक मार्च 2022 को मनाई जाएगी. शिवनवरात्र के पहले दिन माता पार्वती और बाबा का चंदन रूप से श्रृंगार किया गया था. दूसरे दिन बाबा ने शेष नाग का रूप धारण किया. बुधवार को शिवनवरात्र के तीसरे दिन(third day of Shivnavratra festival in Ujjain). बाबा जटाओं को खोल निराकार से साकार रूप में आए, और घटाटोप रूप में दर्शन दिए. साथ ही शिव पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माल छत्र आदि भी अर्पित किया गया.

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शिव नवरात्र का दूसरा दिनः शेषनाग के रूप में हुआ बाबा महाकाल का श्रृंगार

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घटाटोप श्रृंगार का विशेष महत्व यह है मान्यता है कि बाबा महाकाल की जटाओं में तीन लोक समाहित हैं. सारी ऋतुएं, सारा संसार बाबा ने अपनी जटाओं में समाहित किया हुआ है. बाबा के विवाह के लिए उपरांत बाबा जाटओं को खोल भक्तों को दर्शन देते हैं, और यह बाबा महाकाल का नवरात्र में आखरी स्नान श्रृंगार माना गया है. चौथे दिन बाबा छबीना रूप में तैयार होकर भक्तों का मन मोहेंगे. जिसके बाद लागातर 7 दिन और बाबा होलकर, मनमहेश, उमा महेश, शिव तांड़व, सप्तमधान और चंद्र रूप में दर्शन देंगे.

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