उज्जैन(Ujjain)। शहर स्थित माधव सेवा न्यास में चल रही 6 दिवसीय मलखंब नेशनल चैंपियनशिप (Malkhamb National Championship) का 30 सितंबर को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Governor Thawar Chand Gehlot) की मौजूदगी में समापन हो गया. इस दौरान प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, मेला प्राधिकरण अध्यक्ष माहकम सिंह, संत बालीनाथ भी मौजूद रहे. मध्य प्रदेश में मलखंब को राजकीय खेल का दर्जा भी प्राप्त हो चुका है. उज्जैन को मलखंब में देश का पहला द्रोणाचार्य अवॉर्ड शहर के योगेश मानलविया दिलवा चुके हैं. जिसके चलते ये आयोजन विशेष तौर पर उज्जैन में किया जाता रहा है. चैंपिनशिप में देशभर के 20 राज्यों के 800 खिलाड़ी शामिल हुए थे.
अंतिम दिन झारखंड की टीम ने हैरत-अंगेज पिरामिड बनाकर सबको चौका दिया. देशभर के चयनित छात्रों को अब केंद्र की ओर से 10 हजार रुपए महीना स्कॉलरशिप के तौर पर दी जाएगी.
मलखंब नेशनल चैंपियनशिप का समापन
उज्जैन में मलखंब नेशनल चैंपियनशिप की शुरुआत 25 सितंबर को की गई थी. जिसमें 26 और 27 सितंबर को होने वाले चैंपियनशिप में 5 साल से 18 और उससे अधिक उम्र वाले खिलाड़ी शामिल हुए. अलग-अलग राज्यों से आए खिलाड़ियों ने अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. माधव सेवा न्यास में संपन्न हुई चैंपियनशिप में बड़ी संख्या में खिलाड़ियों के कोच भी पहुंचे थे.
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महिला खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व पुरुषों के बराबर
मध्यप्रदेश में मलखंब को राजकीय खेल का दर्जा मिल चुका है और इस खेल में कई शहरों की लड़कियां मेडल जीत रही हैं, लेकिन उज्जैन पहुंचने वाले 800 खिलाड़ी में 50 प्रतिशत महिला खिलाड़ी रहीं. जिसमें सबसे छोटी 6 वर्षीय पंजाब की नाविका थीं. मलखंब में अब देश भर से लड़कियां हिस्सा ले रही हैं. कई प्रतियोगिता में महिला खिलाड़ियों के दल ने प्रदर्शन किया. यूपी, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों की टीमें हिस्सा लिया था.