सतना। जिले के कोठी कस्बे में विजयादशमी के पर्व पर धूमधाम से रावण की पूजा अर्चना के साथ प्रसाद का वितरण किया गया. विजयदशमी के पावन पर्व पर जहां पूरा भारत वर्ष भगवान श्री राम के विजय का पर्व मनाता है. भगवान श्री राम के विजय दिवस को विजयादशमी दशहरे के रूप में लोग मनाते चले आ रहे हैं. इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है लेकिन सतना में रावण का वंशज बताने वाले हर वर्ष रावण की पूजा अर्चना करते है. (Satna Ravan Pooja) (satna dussehra)
धूमधाम से रावण की पूजा: मध्यप्रदेश के सतना जिले में अपने आप को रावण का वंशज बताने वाले रमेश मिश्रा करीब 40 वर्षों से अहंकारी रावण की पूजा करते चले आ रहे हैं. जिले के कोठी थाना परिसर में मौजूद करीब ढाई सौ वर्ष पुरानी रावण की प्रतिमा, को हर साल रंग रोगन करा कर रमेश मिश्रा बड़े धूमधाम से ढोल नगाड़े के साथ अपने घर से निकलते हैं. और कोठी थाना परिसर पहुंचकर रावण का पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर प्रसाद वितरण करते हैं. रमेश मिश्रा ने कहा कि उनकी पांचवी पीढ़ी इस कार्य को कर रही है. हमारे बाद हमारे दो पुत्र हैं वह रावण की पूजा करेंगे. (ravan pooja in mp)
रमेश मिश्रा ने खुद को गौतम ऋषि का वंशज बताते हुए कहा कि हमारा गोत्र भी गौतम है और रावण का भी गौतम गोत्र है. रावण तीनों लोकों के राजा थे और पूरे ब्रह्मांड में उनसे बड़ा ज्ञानी कोई ब्राह्मण नहीं था. उन्होने कहा कि रावण की अच्छाइयों को देखते हुए हम उनकी हर वर्ष विजयादशमी के दिन पूजा करते हैं. हम रावण के वंशज हैं इसलिए विगत 40 वर्षों से रावण की पूजा करते चले आ रहे हैं. और आगे भी निरंतर करते रहेंगे. (mp dussehra ravan dahan) (satna dussehra ravan pooja)