इंदौर/भिंड/सतना/बैतूल। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में हुए दंगों को देख दंगाइयों से निपटने का पुलिस ने रविवार को अभ्यास किया. सभी जगह एसपी की देखरेख में बलवा ड्रिल का आयोजन हुआ. (mp police mock drill) पुलिस परेड ग्राउंड (Police Parade Ground) में आयोजित इस मॉक ड्रिल में जिले के सभी थानों के थाना प्रभारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पुलिस को दो दलों में बांटा गया. एक टीम को दंगाइयों का दल बनाया गया, वहीं दूसरा दल पुलिस फोर्स की भूमिका में था. (mp police alert after Khargone violence)
ड्रिल में असली पत्थर का उपयोग: इंदौर, सतना, भिंड, बैतूल में मॉक ड्रिल के दौरान दंगाइयों को भगाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए. दंगों के दौरान आगज़नी होने पर आग बुझाने की प्रैक्टिस की गयी. वहीं ड्रिल अधिक प्रभावी बने इसके लिए दंगाइयों द्वारा असली पत्थर पुलिसकर्मियों पर फेंके गए.
इंदौर में पुलिसकर्मी घायल: इंदौर में ग्रामीण और शहर दोनों जगह पुलिस की मॉक ड्रिल थी. शहर में डीआरपी लाइन और ग्रामीण अंचल में परेड की गई. इसमें पुलिस अधिकारी जयसिंह तोमर और ग्रामीण एसपी भगवंत सिंह ने बताया कि मॉक-ड्रिल के दौरान दंगे की चपेट में आने से कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. जिनका इलाज जारी है.
भिंड में मॉक-ड्रिल के दौरान घायल हुए थाना प्रभारी: मॉक-ड्रिल के दौरान फेंका गया पत्थर गोरमी थाना प्रभारी सुरेश शर्मा को लगा. थाना प्रभारी के पैर में चोट लगने से घायल हो गए. टीआई शर्मा को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि बलवा ड्रिल के समापन के बाद उनका हलचल जानने के लिए खुद एसपी जिला अस्पताल पहुंचे थे. (bhind police Station Incharge Injured)
पुलिस हेड क्वार्टर से मिले थे निर्देश: भिंड एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया की समय-समय पर पुलिस बलवा ड्रिल आयोजित करती है. इस बार पुलिस मुख्यालय भोपाल (Phq hopal) से मॉक-ड्रिल आयोजित करने का निर्देश जारी किया गया है. इस मॉक ड्रिल से पुलिसकर्मियों को दंगाइयों से निपटने के तरीके और परिस्थितियों को सम्भालने की जानकारी दी गई है.
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सतना में दंगाइयों से निपटने का अभ्यास: सतना पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के मुताबिक बलवा की स्थिति को नियंत्रण करने के लिए बलवा ड्रिल का उपयोग किया जाता है. अगर स्थिति नियंत्रण नहीं होती तो बलवा के दौरान लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और हवाई फायर भी किए जाते हैं.
बैतूल में पुलिस जवानों को दी गई समझाइशः बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद का कहना है कि पुलिस जवानों को समझाया कि उग्र हो रहे प्रदर्शनकारियों या दंगाइयों से निपट कर शांति व्यवस्था किस तरह स्थापित की जाए. प्रदर्शनकारियों के पथराव से किस तरह निपटे और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए किस तरह बल का प्रयोग करें. मॉक ड्रिल के वक्त पुलिस जवानों के दो ग्रुप बनाए गए. एक ग्रुप में पुलिस जवान और दूसरे ग्रुप में प्रदर्शनकारी. पुलिस जवानों ने पत्थरबाजों को पीछे धकेलने और भीड़ को हटाने की प्रैक्टिस की.