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Sagar Bina ASP ज्योति ठाकुर को पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार, नई दिल्ली में हुई पुरस्कृत - Sagar ASP Jyoti Thakur

बीना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्योति ठाकुर की कृति 'हम भी तो हैं' को 30 हजार रुपये का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है. इस किताब में पुलिस सेवा में महिलाओं की भूमिका, इनके द्वारा किए जा रहे कार्य, और संघर्ष से जुड़ी कहानी लिखी गई है. ज्योति ठाकुर मूलत: विदिशा की रहने वाली हैं, इन्हें दिल्ली में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के 52वें स्थापना दिवस पर सम्मानित किया गया है. एएसपी ज्योति सिंह ठाकुर की गिनती तेज-तर्रार पुलिस ऑफिसरों में की जाती है. बता दें कि ज्योति सिंह लॉ एंड ऑर्डर के साथ-साथ अपने परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाती हैं. (Bina ASP Jyoti Thakur) (Bina ASP Jyoti Thakur Book)

Bina ASP Jyoti Thakur
ज्योति ठाकुर को पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार
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Published : Sep 9, 2022, 9:44 PM IST

सागर। जिले में बीना की एडिशनल एसपी के रूप में पदस्थ ज्योति ठाकुर को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के प्रतिष्ठित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है. इनके लिए यह पुरस्कार उनकी रचित पुस्तक हम भी तो हैं (पुलिस सेवा में महिलाएं) के लिए पुरस्कृत किया गया है. उन्होंने भारत में महिला पुलिस के इतिहास और महिलाओं की भूमिका को अपनी किताब में विस्तार से प्रस्तुत किया है. इस पुस्तक में उन्होंने पुलिस जैसे पुरुष प्रधान संगठन में महिलाओं की स्थिति पर भी प्रकाश डाला है. (Bina ASP Jyoti Thakur) (Bina ASP Jyoti Thakur Book)

नई दिल्ली में हुईं पुरस्कृत: केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा पुलिस से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में लेखन योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए सागर में पदस्थ एएसपी ज्योति ठाकुर को उनकी रचित पुस्तक "हम भी तो हैं (पुलिस सेवा में महिलाएं)" के लिए पुरस्कृत किया गया है. लेखिका ने देश में महिलाओं की स्थिति को बताते हुए भारत में महिला पुलिस के इतिहास और समाज में महिला पुलिस की भूमिका एवं कार्यों का वर्णन किया है. साथ ही महिला पुलिस और पुरुष प्रधान संगठन में उसकी भूमिका पर प्रकाश भी डाला गया है. इसमें पुलिस में महिला पुलिस की स्थिति उसके कर्तव्यों एवं समस्याओं को केंद्र में रखकर उसकी रचना की है. पुस्तक सरल एवं सहज भाषा में है. इन्हें पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र एवं 30 हजार की धनराशि से 9 सितंबर को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो महिपालपुर नई दिल्ली में आयोजित 52 वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव अजय कुमार भल्ला (आईएएस) द्वारा पुरस्कृत किया गया है.

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लेखन के लिए पुरस्कार: पुलिस से संबंधित विषयों पर हिंदी में उत्कृष्ट पुस्तकों के लेखन और प्रकाशन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार दिया जाता है. वर्ष 1982 से पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पुलिस, न्यायालयिक विज्ञान, अपराध शास्त्र, पुलिस प्रशासन एवं पुलिस से संबंधित विषयों में हिंदी में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए पं. गोविन्द वल्लभ पंत पुरस्कार योजना प्रारंभ किया गया था. इस योजना के अंतर्गत अब तक 194 से अधिक पुस्तकों को पुरस्कत किया जा चुका है.(Bina ASP Jyoti Thakur) (Bina ASP Jyoti Thakur Book)

सागर। जिले में बीना की एडिशनल एसपी के रूप में पदस्थ ज्योति ठाकुर को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के प्रतिष्ठित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है. इनके लिए यह पुरस्कार उनकी रचित पुस्तक हम भी तो हैं (पुलिस सेवा में महिलाएं) के लिए पुरस्कृत किया गया है. उन्होंने भारत में महिला पुलिस के इतिहास और महिलाओं की भूमिका को अपनी किताब में विस्तार से प्रस्तुत किया है. इस पुस्तक में उन्होंने पुलिस जैसे पुरुष प्रधान संगठन में महिलाओं की स्थिति पर भी प्रकाश डाला है. (Bina ASP Jyoti Thakur) (Bina ASP Jyoti Thakur Book)

नई दिल्ली में हुईं पुरस्कृत: केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा पुलिस से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में लेखन योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए सागर में पदस्थ एएसपी ज्योति ठाकुर को उनकी रचित पुस्तक "हम भी तो हैं (पुलिस सेवा में महिलाएं)" के लिए पुरस्कृत किया गया है. लेखिका ने देश में महिलाओं की स्थिति को बताते हुए भारत में महिला पुलिस के इतिहास और समाज में महिला पुलिस की भूमिका एवं कार्यों का वर्णन किया है. साथ ही महिला पुलिस और पुरुष प्रधान संगठन में उसकी भूमिका पर प्रकाश भी डाला गया है. इसमें पुलिस में महिला पुलिस की स्थिति उसके कर्तव्यों एवं समस्याओं को केंद्र में रखकर उसकी रचना की है. पुस्तक सरल एवं सहज भाषा में है. इन्हें पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र एवं 30 हजार की धनराशि से 9 सितंबर को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो महिपालपुर नई दिल्ली में आयोजित 52 वें स्थापना दिवस समारोह में केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रमुख सचिव अजय कुमार भल्ला (आईएएस) द्वारा पुरस्कृत किया गया है.

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लेखन के लिए पुरस्कार: पुलिस से संबंधित विषयों पर हिंदी में उत्कृष्ट पुस्तकों के लेखन और प्रकाशन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार दिया जाता है. वर्ष 1982 से पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पुलिस, न्यायालयिक विज्ञान, अपराध शास्त्र, पुलिस प्रशासन एवं पुलिस से संबंधित विषयों में हिंदी में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए पं. गोविन्द वल्लभ पंत पुरस्कार योजना प्रारंभ किया गया था. इस योजना के अंतर्गत अब तक 194 से अधिक पुस्तकों को पुरस्कत किया जा चुका है.(Bina ASP Jyoti Thakur) (Bina ASP Jyoti Thakur Book)

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