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बेजुबानों के लिए बनी फरिश्ता बनी युवाओं की टोली, अलाव से लेकर औषधि युक्त लड्डू का किया इंतजाम - group of angel youths formed voiceless Jeev Daya Samit sagar

मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का कहर इंसानों पर तो पड़ ही रहा है, पशु-पक्षी भी इससे अछूते नहीं हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशान हैं लावारिस जानवर, लेकिन सागर के कुछ युवा जो 'जीव दया समिति' से जुड़े हुए हैं. उन्होने एक अनोखी पहल शुरू की है. युवाओं की यह टोली जानवरों के लिए सड़कों और चौराहों पर अलाव जलाने का इंतजाम और औषधीय लड्डू तैयार करा कर लावारिस जानवरों को खिलाने का काम करती है ताकि बेजुबान जानवरों को ठंड से बचाया जा सके.

Youth initiative for unclaimed animals in Sagar
सागर में लावारिस पशुओं के लिए युवाओं की पहल
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Published : Jan 20, 2022, 5:40 PM IST

सागर। मध्यप्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. बुंदेलखंड में भी शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है. संभागीय मुख्यालय सागर में पिछले 3 हफ्तों में कई बार मध्य प्रदेश का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है. ऐसे हालातों में उन जानवरों की जान आफत में आ गई है, जो लावारिस हैं. इस सब को देखते हुए सागर के रेहली में युवाओं की एक टोली ने अनोखी पहल शुरू की है. युवाओं की जीव दया समिति लावारिस जानवरों के लिए अलाव जलाने का काम तो करती ही है, इसके साथ ही सर्दी के कारण जानवर बीमार ना हों उसके लिए औषधीय लड्डू जो जानवरों के शरीर को गर्म रखते हैं को खिलाने का काम भी अपने खर्च पर कर रही है.

सागर के रेहली में ठंड से पशुओं को बचा रहे युवा

यह भी पढ़ें - आवारा कुत्तों का आशियाना: इंदौर में कुत्तों को ठंड से बचाने के लिए पहल, हर घर के सामने बना Dog Home

बुंदेलखंड में शीतलहर का प्रकोप

बुंदेलखंड में शीतलहर का प्रकोप जारी है. 31 दिसंबर को बुंदेलखंड में मध्य प्रदेश का सबसे कम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इसके अलावा 16, 17 और 18 जनवरी को भी न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. सागर में कोहरे की स्थिति ये है कि पिछले 3 दिनों से विजिबिलिटी 50 मीटर से कम दर्ज की जा रही है. इन परिस्थितियों में सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. आमतौर पर लोग जरूरी काम के चलते ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं. शीतलहर के चलते आम आदमी अपने बचाव के उपाय करने में सक्षम है, लेकिन लावारिस पशु-पक्षियों की जान पर बन आई है. दिन रात सड़कों और चौराहों पर गुजारने वाले ये लावारिस जानवर कड़ाके की ठंड से बेहद परेशान हैं. कई जानवर सर्दी के चलते बीमार हो गए, तो कई मौत का शिकार भी हो गए हैं.

युवाओं की 'जीव दया समिति' की सराहनीय पहल

इन हालातों को देखते हुए युवाओं की एक टीम ने सराहनीय पहल की है. वैसे तो युवाओं की ये समिति, जिसे 'जीव दया समिति' नाम से जाना जाता है, पिछले 3 साल से बीमार जानवरों के इलाज कराने का काम करती है. लेकिन इस बार भीषण शीतलहर का प्रकोप हुआ, तो इन युवाओं ने जानवरों के लिए सड़कों और चौराहों पर अलाव जलाने का इंतजाम किया है.

कई गुणों से भरपूर हैं औषधीय लड्डू

सर्दी में आमतौर पर जानवरों के लिए निमोनिया और श्वास की बीमारी के अलावा ठंड लगने के कारण मौत तक हो जाती है. ऐसी स्थिति में इन जानवरों के लिए गुड, सरसों के तेल, अजवाइन,सौंठ और कई तरह की औषधियां मिलाकर औषधीय लड्डू तैयार किए जाते हैं, जो जानवर के शरीर के तापमान को अंदर से नियंत्रित करते हैं और भीषण सर्दी को भी सह सकते हैं.

यह भी पढ़ें - MP में फिलहाल ठंड से राहत नहीं, IMD ने जारी किया यलो अलर्ट, 2 सिस्टम सक्रिय, लौटेगा बारिश का दौर

सागर। मध्यप्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. बुंदेलखंड में भी शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है. संभागीय मुख्यालय सागर में पिछले 3 हफ्तों में कई बार मध्य प्रदेश का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है. ऐसे हालातों में उन जानवरों की जान आफत में आ गई है, जो लावारिस हैं. इस सब को देखते हुए सागर के रेहली में युवाओं की एक टोली ने अनोखी पहल शुरू की है. युवाओं की जीव दया समिति लावारिस जानवरों के लिए अलाव जलाने का काम तो करती ही है, इसके साथ ही सर्दी के कारण जानवर बीमार ना हों उसके लिए औषधीय लड्डू जो जानवरों के शरीर को गर्म रखते हैं को खिलाने का काम भी अपने खर्च पर कर रही है.

सागर के रेहली में ठंड से पशुओं को बचा रहे युवा

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बुंदेलखंड में शीतलहर का प्रकोप

बुंदेलखंड में शीतलहर का प्रकोप जारी है. 31 दिसंबर को बुंदेलखंड में मध्य प्रदेश का सबसे कम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इसके अलावा 16, 17 और 18 जनवरी को भी न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. सागर में कोहरे की स्थिति ये है कि पिछले 3 दिनों से विजिबिलिटी 50 मीटर से कम दर्ज की जा रही है. इन परिस्थितियों में सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. आमतौर पर लोग जरूरी काम के चलते ही अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं. शीतलहर के चलते आम आदमी अपने बचाव के उपाय करने में सक्षम है, लेकिन लावारिस पशु-पक्षियों की जान पर बन आई है. दिन रात सड़कों और चौराहों पर गुजारने वाले ये लावारिस जानवर कड़ाके की ठंड से बेहद परेशान हैं. कई जानवर सर्दी के चलते बीमार हो गए, तो कई मौत का शिकार भी हो गए हैं.

युवाओं की 'जीव दया समिति' की सराहनीय पहल

इन हालातों को देखते हुए युवाओं की एक टीम ने सराहनीय पहल की है. वैसे तो युवाओं की ये समिति, जिसे 'जीव दया समिति' नाम से जाना जाता है, पिछले 3 साल से बीमार जानवरों के इलाज कराने का काम करती है. लेकिन इस बार भीषण शीतलहर का प्रकोप हुआ, तो इन युवाओं ने जानवरों के लिए सड़कों और चौराहों पर अलाव जलाने का इंतजाम किया है.

कई गुणों से भरपूर हैं औषधीय लड्डू

सर्दी में आमतौर पर जानवरों के लिए निमोनिया और श्वास की बीमारी के अलावा ठंड लगने के कारण मौत तक हो जाती है. ऐसी स्थिति में इन जानवरों के लिए गुड, सरसों के तेल, अजवाइन,सौंठ और कई तरह की औषधियां मिलाकर औषधीय लड्डू तैयार किए जाते हैं, जो जानवर के शरीर के तापमान को अंदर से नियंत्रित करते हैं और भीषण सर्दी को भी सह सकते हैं.

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