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'प्रहलाद' की परीक्षा! कद बढ़ाने या पर कतरने की थी तैयारी, जानिए समर्थकों-विरोधियों की राय

पेगासस फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और जल शक्ति संचय मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल और उनके 15 से ज्यादा करीबियों के फोन टेप किए जाने को लेकर उनके समर्थक और विरोधियों ने अलग-अलग राय दी है. कुछ लोग इसे प्रदेश और देश की राजनीति में उनका कद कम करने की कोशिश बता रहे हैं वहीं कुछ लोगों का कहना है यह उन्हें किसी बड़ी जिम्मेदारी मिलने से भी जोड़कर देखा जा रहा है.

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Phone Tpping of Prahlad Patel : बड़ी जिम्मेदारी की संभावना या कद घटाने की कोशिश
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Published : Jul 20, 2021, 8:43 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 9:44 AM IST

दमोह/ जबलपुर। पेगासस फोन टैपिंग कांड में दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल का नाम सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. समर्थक जहां इसे पटेल को मिलने वाली किसी बड़ी जिम्मेदारी की वजह बता रहे हैं वहीं उनके विरोधी इसे उनका कद कम करने की राजनीति बताते हैं. फोन टैपिंग मामले में जो डाटाबेस सामने आया है उसके मुताबिक प्रह्लाद पटेल के अलावा उनकी पत्नी, बेटे ,कुक, माली, सांसद प्रतिनिधि सहित 15 से ज्यादा करीबियों के फोन टेप किए गए थे. ईटीवी भारत ने उनके दमोह आवास पर उनके स्टाफ से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन यहां कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं था.

Phone Tpping of Prahlad Patel : बड़ी जिम्मेदारी की संभावना या कद घटाने की कोशिश


बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना!
प्रहलाद पटेल को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है पटेल ने अब तक जो राजनीति की है उसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जिस पर किसी को नजर रखने की जरूरत हो. वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे का कहना है प्रहलाद पटेल ने दिग्विजय सिंह का विरोध किया हो या फिर शंकराचार्य के विरोध में मुहिम चलाई सारे काम उन्होंने एक बेबाक नेता की तरह किए इसमें छुपाने जैसा कुछ नहीं है. भारतीय जनता पार्टी से दूर होकर जब वे उमा भारती से साथ हो गए थे, तब सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ भी उन्होंने जो खुलासे किए वे भी सब के सामने साफ हैं. इसलिए प्रहलाद पटेल पर निगरानी रखना और वह भी इस स्तर तक की उनके बेहद करीबी लोगों के मोबाइल टेप किए जा रहे हो यह समझ के परे है. रविंद्र दुबे के मुताबिक निगरानी रखने की जो संभावित वजह हो सकती है उसमें इस बात की संभावना ज्यादा नजर आ रही है कि हो सकता है कि मोदी के चौंकाने वाले स्टाइल के तहत ही प्रहलाद पटेल को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी की जा रही हो इसलिए उन पर निगाह रखी जा रही हो. जिस तरह उनके करीबियों के फोन टेप किए जा रहे थे उससे इस बात पूरी संभावना दिखाई देती है कि प्रहलाद पटेल को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली थी.

Phone Tpping of Prahlad Patel : बड़ी जिम्मेदारी की संभावना या कद घटाने की कोशिश
बढ़ते कद को रोकने की हो सकती है कोशिश
माना यह भी जा रहा है कि प्रह्लाद पटेल पहले मुरली मनोहर जोशी से जुड़े रहे हैं और अब केंद्र में उनकी नितिन गडकरी से ज्यादा करीबी मानी जाती है. फोन टेप किए जाने की एक वजह में यह भी हो सकता है कि दिल्ली की राजनीति में उनके बढ़ते कद को देखते हुए उन पर निगाह रखी जा रही हो. प्रदेश की राजनीति में भी बीते दिनों हुई हलचल में प्रहलाद पटेल का नाम मुख्यमंत्री पद के महत्वपूर्ण दावेदारों में भी शामिल रहा था, हालांकि व्यक्तिगत रूप से उन्होंने इस रेस में शामिल होने से इनकार करते रहे हैं, लेकिन उस दौर में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म थी.

करीबी कुछ भी कहने को तैयार नहीं
प्रहलाद पटेल के बेहद करीबी लोग इस मुद्दे पर फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. हालांकि सभी को इस बात की हैरानी जरूर है कि उनके नेता का फोन आखिर क्यों टेप किया जा रहा था. ईटीवी भारत ने केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के दमोह निवास पर मौजूद स्टाफ से बात करने की कोशिश की, लेकिन यहां कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं दिखा. पटेल फिलहाल दिल्ली में हैं. जब दिल्ली स्थित उनके आवास पर संपर्क किया गया तो जवाब मिला कि वे फिलहाल व्यस्त हैं इसलिए बातचीत नहीं हो सकती. दमोह स्थित उनके सांसद आवास में कार्यरत उनके स्टाफ में उनके निज सहायक राजकुमार सिंह, निज सचिव रमेश पटले, पत्राचार प्रमुख विमल असाटी के अलावा दो ऑफिस इंचार्ज, सुरक्षा गार्ड, रसोईया, चपरासी, माली सहित करीब एक दर्जन लोगों का स्टाफ मौजूद था और रोजाना की तरहकाम किया जा रहा था. आपको बता दें कि इसके अलावा उनके जबलपुर और नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव स्थित आवास पर भी बड़ा स्टाफ मौजूद रहता है.

दमोह/ जबलपुर। पेगासस फोन टैपिंग कांड में दमोह सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल का नाम सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. समर्थक जहां इसे पटेल को मिलने वाली किसी बड़ी जिम्मेदारी की वजह बता रहे हैं वहीं उनके विरोधी इसे उनका कद कम करने की राजनीति बताते हैं. फोन टैपिंग मामले में जो डाटाबेस सामने आया है उसके मुताबिक प्रह्लाद पटेल के अलावा उनकी पत्नी, बेटे ,कुक, माली, सांसद प्रतिनिधि सहित 15 से ज्यादा करीबियों के फोन टेप किए गए थे. ईटीवी भारत ने उनके दमोह आवास पर उनके स्टाफ से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन यहां कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं था.

Phone Tpping of Prahlad Patel : बड़ी जिम्मेदारी की संभावना या कद घटाने की कोशिश


बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना!
प्रहलाद पटेल को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है पटेल ने अब तक जो राजनीति की है उसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जिस पर किसी को नजर रखने की जरूरत हो. वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे का कहना है प्रहलाद पटेल ने दिग्विजय सिंह का विरोध किया हो या फिर शंकराचार्य के विरोध में मुहिम चलाई सारे काम उन्होंने एक बेबाक नेता की तरह किए इसमें छुपाने जैसा कुछ नहीं है. भारतीय जनता पार्टी से दूर होकर जब वे उमा भारती से साथ हो गए थे, तब सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ भी उन्होंने जो खुलासे किए वे भी सब के सामने साफ हैं. इसलिए प्रहलाद पटेल पर निगरानी रखना और वह भी इस स्तर तक की उनके बेहद करीबी लोगों के मोबाइल टेप किए जा रहे हो यह समझ के परे है. रविंद्र दुबे के मुताबिक निगरानी रखने की जो संभावित वजह हो सकती है उसमें इस बात की संभावना ज्यादा नजर आ रही है कि हो सकता है कि मोदी के चौंकाने वाले स्टाइल के तहत ही प्रहलाद पटेल को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की तैयारी की जा रही हो इसलिए उन पर निगाह रखी जा रही हो. जिस तरह उनके करीबियों के फोन टेप किए जा रहे थे उससे इस बात पूरी संभावना दिखाई देती है कि प्रहलाद पटेल को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली थी.

Phone Tpping of Prahlad Patel : बड़ी जिम्मेदारी की संभावना या कद घटाने की कोशिश
बढ़ते कद को रोकने की हो सकती है कोशिश
माना यह भी जा रहा है कि प्रह्लाद पटेल पहले मुरली मनोहर जोशी से जुड़े रहे हैं और अब केंद्र में उनकी नितिन गडकरी से ज्यादा करीबी मानी जाती है. फोन टेप किए जाने की एक वजह में यह भी हो सकता है कि दिल्ली की राजनीति में उनके बढ़ते कद को देखते हुए उन पर निगाह रखी जा रही हो. प्रदेश की राजनीति में भी बीते दिनों हुई हलचल में प्रहलाद पटेल का नाम मुख्यमंत्री पद के महत्वपूर्ण दावेदारों में भी शामिल रहा था, हालांकि व्यक्तिगत रूप से उन्होंने इस रेस में शामिल होने से इनकार करते रहे हैं, लेकिन उस दौर में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा गर्म थी.

करीबी कुछ भी कहने को तैयार नहीं
प्रहलाद पटेल के बेहद करीबी लोग इस मुद्दे पर फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. हालांकि सभी को इस बात की हैरानी जरूर है कि उनके नेता का फोन आखिर क्यों टेप किया जा रहा था. ईटीवी भारत ने केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग और जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के दमोह निवास पर मौजूद स्टाफ से बात करने की कोशिश की, लेकिन यहां कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं दिखा. पटेल फिलहाल दिल्ली में हैं. जब दिल्ली स्थित उनके आवास पर संपर्क किया गया तो जवाब मिला कि वे फिलहाल व्यस्त हैं इसलिए बातचीत नहीं हो सकती. दमोह स्थित उनके सांसद आवास में कार्यरत उनके स्टाफ में उनके निज सहायक राजकुमार सिंह, निज सचिव रमेश पटले, पत्राचार प्रमुख विमल असाटी के अलावा दो ऑफिस इंचार्ज, सुरक्षा गार्ड, रसोईया, चपरासी, माली सहित करीब एक दर्जन लोगों का स्टाफ मौजूद था और रोजाना की तरहकाम किया जा रहा था. आपको बता दें कि इसके अलावा उनके जबलपुर और नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव स्थित आवास पर भी बड़ा स्टाफ मौजूद रहता है.
Last Updated : Jul 21, 2021, 9:44 AM IST

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