जबलपुर। हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने बुरहानपुर स्थित अनुसूचित जाति बाॅयज हाॅस्टल में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को सर्कुलर के हिसाब से वेतन नहीं मिलने के मामने में सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अतिरिक्त आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को दो हप्ते का समय देते हुए कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 17 मार्च को तय की है.
सरकार ने नहीं सुना तो दोबारा लिया कोर्ट का सहारा
बुरहानपुर जिले के रायपुरा स्थित अनुसूचित जाति बाॅयज हाॅस्टल में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने साल 1978 के सर्कुलर के हिसाब से वेतन की मांग करते हुए याचिका साल 1992 में लगाई थी, इस पर कोर्ट ने साल 2013 में सरकार को आदेश जारी कर लाभ देने को कहा था, लेकिन महिला को अभी तक कोई लाभ नहीं मिला. जिसके बाद एक बाद साल 2014 में याचिका दायर कर कोर्ट के दरबाजे में अपना हक पाने के लिए पहुंची.
कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिका की सुनवाई के दौरान सात सालों में आदेश परिपालन के लिए सरकार के जिम्मेदार लोगों को कई अवसर दिये गये. इसके बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ. युगलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए आदेश के पालन के लिए अतिरिक्त आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को दो सप्ताह का समय दिया है. याचिका पर अगली सुनवाई 17 मार्च को निर्धारित की गयी है.
आदेश का पालन नहीं करना 'जिम्मेदारी के बिना सत्ता को बढावा देना'
जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना जिम्मेदारी के बिना सत्ता को बढ़ावा देना है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि न्यायालय के आदेश के परिपालन के लिए कई अवसर प्रदान किए, लेकिन उन्होंने आदेश को जला दिया. एकलपीठ ने अतिरिक्त आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग को पूर्व में पारित आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता महिला के आवेदन का निराकरण करने आदेश जारी किये हैं.