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वीडियो देखने का शौकीन था इंदौर अग्निकांड का सिरफिरा आशिक, पुलिस पूछताछ में बताई आग लगाने की फिल्मी कहानी

इंदौर आगजनी कांड के आरोपी का दो दिन का रिमांड खत्म होने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से पुलिस ने आरोपी का पांच दिन का रिमांड और बढ़ा दिया है. पुलिस लगातार आरोपी से पूछताछ करने में जुटी हुई है. संजय दीक्षित ने कबूल किया है कि वह एक्शन वाले दृश्य और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के साथ साइको वीडियो देखने का शौकीन है. इस घटना को अंजाम देने से पहले भी उसने ऐसे ही एक वेब सिरीज को देखा था. मामले की जांच कर रही पुलिस आरोपी को घटनास्थल पर भी लेकर जाएगी और घटना से संबंधित साक्ष्य जुटाएगी.

indore agnikand accused fond of watching psycho video
इंदौर अग्निकांड के आरोपी को साइको वीडियो देखने का है शौक
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Published : May 11, 2022, 6:44 PM IST

इंदौर। स्वर्णबाग में सात लोगों को जिंदा जलाने वाले आरोपी संजय दीक्षित से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान पुलिस को आरोपी ने कई तरह की जानकारियां दी है. पुलिस को आरोपी संजय ने बताया कि वह एक्शन फिल्में देखता था. उसी से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने का आयडिया आया. आरोपी ने बताया कि उसे महिलाओं से संबंधित फिल्में देखना भी पसंद है. इसी के चलते वह इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने लगा. फिल्मी अंदाज में अपराध करने के पीछे मकसद था कि वह पकड़ में नहीं आएगा और बदला भी पूरा हो जाएगा. मगर इसके ठीक उलट संजय 24 घंटे में ही पुलिस गिरफ्त में आ गया और आज अपराध करने के पहले के कई राज खोल रहा है.

पांच दिन के रिमांड पर आरोपी: विजयनगर थाना क्षेत्र के स्वर्ण बाग कॉलोनी में आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी संजय दीक्षित को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया. इसके बाद पुलिस को आरोपी का 2 दिनों का रिमांड मिला था. अब 2 दिनों का रिमांड खत्म होने के बाद एक बार फिर पुलिस ने आरोपी को कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से पुलिस को 5 दिन का और रिमांड मिला है.

साक्ष्य जुटा रही पुलिस: आगजनी के मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मामले में जांच की मॉनिटरिंग करने में जुटे हुए हैं. जांच के लिए स्पेशल टीम भी गठित की गई है, जो घटनास्थल पर जाकर सबूतों को इकट्ठा करेगी. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में जल्द ही चालान पेश कर आरोपी को फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाएगा. इसके लिए आसपास रहने वालों की गवाही के साथ ही आरोपी की महिला मित्र के भी बयान लिए जा रहे हैं.

इंदौर अग्निकांड की सिरफिरे आशिक ने बताई कहानी, कहा- लड़की ने प्यार में धोखा दिया, सबक सिखाने के लिए लगाई थी आग

साइको वीडियो देख घटना को दिया अंजाम: आरोपी संजय ने पुलिस को बताया कि दिल्ली में भी कुछ माह पूर्व उसने विवाद किया था, और फिर वहां से भाग आया था. उसे एक्शन वाली मूवी ज्यादा देखना पसंद है. इसी तरह की मूवी देख कर ही वो हैवान बन गया है. पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह प्रेमिका से चैटिंग करने के साथ साथ इंटरनेट पर एक्शन वाले दृश्य और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध और साइको वीडियो देखता था. इसी के साथ पुलिस उसे जांच पड़ताल के लिए पेट्रोल पंप पर भी ले गई थी. आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले AB रोड के एक पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल खरीदा था. पुलिस ने पेट्रोल पंप का CCTV फुटेज निकाला है जिसमें वह पेट्रोल लेते साफ दिख रहा हे.

परिजन ने बनाई आरोपी से दूरी: संजय का नाम आगजनी कांड में आने के बाद झांसी में रहने वाले उसके माता-पिता और भाई ने उससे दूरी बना ली है. इंदौर की विजय नगर पुलिस ने आरोपी दीक्षित के पिता-माता से संपर्क किया और उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी दी, लेकिन आरोपी के पिता ने इंदौर आने से ही मना कर दिया. साथ ही कहा कि आरोपी संजय से सालों पहले उनके परिवार ने संबंध तोड़ दिए थे. उसे अब कोई भी सजा हो जाए, लेना-देना नहीं है. आरोपी के पिता झांसी में रेलवे के बड़े अफसर हैं.

महिला मित्र दूसरी जगह हुई शिफ्ट: आरोपी संजय ने जिस महिला मित्र के लिए इस आगजनी की घटना को अंजाम दिया, वह घटना के बाद से काफी दहशत में है. जिस मल्टी में आगजनी की घटना को आरोपी के द्वारा अंजाम दिया वह उस मल्टी को छोड़कर दूसरे थाना क्षेत्र में अपने परिजन के साथ शिफ्ट हो गई है. फिलहाल पुलिस को उसने कई अहम सुराग दिए हैं. लड़की को पुलिस ने केस में मुख्य गवाह बनाया है.

सबक सिखाने के लिए लगाई आग: आरोपी ने बताया कि वह 1 साल पहले इसी बिल्डिंग में रहता था. यहीं उस लड़की से मुलाकात हुई थी. तब से वह उसे पसंद करने लगा था, लेकिन बाद में वे दिल्ली में रहने चला गया. 2 दिन पहले दिल्ली से इंदौर पहुंचा और युवती से मुलाकात की. दूसरे दिन जब आरोपी ने उसे किसी और लड़के के साथ देखा तो उसका खून खौल गया. आरोपी ने सोचा महिला मित्र की गाड़ी जला देगा तो वो डर जाएगी. देर रात आरोपी अपने दोस्त मुकेश की गाड़ी लेकर घटनास्थल पर पहुंचा. यहां उसकी गाड़ी से पेट्रोल निकालकर लड़की की गाड़ी में आग लगा दी. पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि वो युवती की हर बात मानता था, पैसा भी खर्च करता था. जब युवती को पैसे की जरूरत पड़ती तो पैसे उधार भी लेती थी. कई बार उसे गिफ्ट भी दिए थे.

इंदौर। स्वर्णबाग में सात लोगों को जिंदा जलाने वाले आरोपी संजय दीक्षित से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. पूछताछ के दौरान पुलिस को आरोपी ने कई तरह की जानकारियां दी है. पुलिस को आरोपी संजय ने बताया कि वह एक्शन फिल्में देखता था. उसी से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने का आयडिया आया. आरोपी ने बताया कि उसे महिलाओं से संबंधित फिल्में देखना भी पसंद है. इसी के चलते वह इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने लगा. फिल्मी अंदाज में अपराध करने के पीछे मकसद था कि वह पकड़ में नहीं आएगा और बदला भी पूरा हो जाएगा. मगर इसके ठीक उलट संजय 24 घंटे में ही पुलिस गिरफ्त में आ गया और आज अपराध करने के पहले के कई राज खोल रहा है.

पांच दिन के रिमांड पर आरोपी: विजयनगर थाना क्षेत्र के स्वर्ण बाग कॉलोनी में आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी संजय दीक्षित को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया. इसके बाद पुलिस को आरोपी का 2 दिनों का रिमांड मिला था. अब 2 दिनों का रिमांड खत्म होने के बाद एक बार फिर पुलिस ने आरोपी को कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से पुलिस को 5 दिन का और रिमांड मिला है.

साक्ष्य जुटा रही पुलिस: आगजनी के मामले में पुलिस काफी बारीकी से जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मामले में जांच की मॉनिटरिंग करने में जुटे हुए हैं. जांच के लिए स्पेशल टीम भी गठित की गई है, जो घटनास्थल पर जाकर सबूतों को इकट्ठा करेगी. पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में जल्द ही चालान पेश कर आरोपी को फांसी के फंदे तक पहुंचाया जाएगा. इसके लिए आसपास रहने वालों की गवाही के साथ ही आरोपी की महिला मित्र के भी बयान लिए जा रहे हैं.

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साइको वीडियो देख घटना को दिया अंजाम: आरोपी संजय ने पुलिस को बताया कि दिल्ली में भी कुछ माह पूर्व उसने विवाद किया था, और फिर वहां से भाग आया था. उसे एक्शन वाली मूवी ज्यादा देखना पसंद है. इसी तरह की मूवी देख कर ही वो हैवान बन गया है. पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह प्रेमिका से चैटिंग करने के साथ साथ इंटरनेट पर एक्शन वाले दृश्य और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध और साइको वीडियो देखता था. इसी के साथ पुलिस उसे जांच पड़ताल के लिए पेट्रोल पंप पर भी ले गई थी. आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले AB रोड के एक पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल खरीदा था. पुलिस ने पेट्रोल पंप का CCTV फुटेज निकाला है जिसमें वह पेट्रोल लेते साफ दिख रहा हे.

परिजन ने बनाई आरोपी से दूरी: संजय का नाम आगजनी कांड में आने के बाद झांसी में रहने वाले उसके माता-पिता और भाई ने उससे दूरी बना ली है. इंदौर की विजय नगर पुलिस ने आरोपी दीक्षित के पिता-माता से संपर्क किया और उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी दी, लेकिन आरोपी के पिता ने इंदौर आने से ही मना कर दिया. साथ ही कहा कि आरोपी संजय से सालों पहले उनके परिवार ने संबंध तोड़ दिए थे. उसे अब कोई भी सजा हो जाए, लेना-देना नहीं है. आरोपी के पिता झांसी में रेलवे के बड़े अफसर हैं.

महिला मित्र दूसरी जगह हुई शिफ्ट: आरोपी संजय ने जिस महिला मित्र के लिए इस आगजनी की घटना को अंजाम दिया, वह घटना के बाद से काफी दहशत में है. जिस मल्टी में आगजनी की घटना को आरोपी के द्वारा अंजाम दिया वह उस मल्टी को छोड़कर दूसरे थाना क्षेत्र में अपने परिजन के साथ शिफ्ट हो गई है. फिलहाल पुलिस को उसने कई अहम सुराग दिए हैं. लड़की को पुलिस ने केस में मुख्य गवाह बनाया है.

सबक सिखाने के लिए लगाई आग: आरोपी ने बताया कि वह 1 साल पहले इसी बिल्डिंग में रहता था. यहीं उस लड़की से मुलाकात हुई थी. तब से वह उसे पसंद करने लगा था, लेकिन बाद में वे दिल्ली में रहने चला गया. 2 दिन पहले दिल्ली से इंदौर पहुंचा और युवती से मुलाकात की. दूसरे दिन जब आरोपी ने उसे किसी और लड़के के साथ देखा तो उसका खून खौल गया. आरोपी ने सोचा महिला मित्र की गाड़ी जला देगा तो वो डर जाएगी. देर रात आरोपी अपने दोस्त मुकेश की गाड़ी लेकर घटनास्थल पर पहुंचा. यहां उसकी गाड़ी से पेट्रोल निकालकर लड़की की गाड़ी में आग लगा दी. पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि वो युवती की हर बात मानता था, पैसा भी खर्च करता था. जब युवती को पैसे की जरूरत पड़ती तो पैसे उधार भी लेती थी. कई बार उसे गिफ्ट भी दिए थे.

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