इंदौर। देशभर में खानपान की शुद्धता बनाए रखने के लिए अब सभी होटलों एवं फूड वेंडरों के लिए एफएसएसएआई सर्टिफिकेशन जरूरी होगा. खानपान की शुद्धता की निगरानी करने वाली रेगुलेटरी अथॉरिटी भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण एसएसएसएआई ने देश भर के 70 से 80 लाख फूड बिजनेस को सर्टिफिकेशन देने की तैयारी की है. जो फूड वेंडर शुद्ध खानपान तैयार करने की निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं कर पाएंगे, उन्हें विशेष तौर पर अब प्राधिकरण द्वारा ट्रेनिंग भी दी जाएगी.
खानपान की शुद्धता के मानक को बनाए रखना लक्ष्य: खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम लागू होने के बाद अब कोशिश की जा रही है कि देश भर में 70 से 80 लाख फूड बिजनेस के अलावा बड़ी संख्या में मौजूद फूड वेंडरों को एफएसएसएआई सर्टिफिकेशन दिया जाए. इसकी वजह देशभर में खानपान की शुद्धता के मानक को बनाए रखना है, जिसके लिए अब भारतीय खाद संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने अपने अधीन कार्यरत 250 ट्रेनिंग पार्टनर के जरिए देश के हर जिले में फूड बिजनेस से जुड़े वेंडरों एवं होटल अथवा रेस्टोरेंट संचालकों को हाइजीन से संबंधित ट्रेनिंग देने का फैसला किया है.
अशुद्धि को लेकर प्राधिकरण के पास पहुंच रहे सैकड़ों मामले: ट्रेनिंग के बाद इन सभी को एफएसएसएआई सर्टिफिकेशन दिया जाएगा. इसके अलावा यह तमाम तरह की खानपान की शुद्धता को सतत बनाए रखें, इसके लिए साल में एक बार इन वेंडरों के यहां निरीक्षण की व्यवस्था भी लागू होगी. खाद्य अधिनियम के लागू होने के बाद भी प्राधिकरण के पास ऐसे सैकड़ों मामले हर साल पहुंच रहे हैं, जिसमें खाने की अशुद्धि को लेकर शिकायतें हैं. ऐसे में संबंधितों को दंडित करने की व्यवस्था के साथ अब सुधार की प्रभावी पहल हो रही है.
ट्रेनिंग पर होने वाला खर्च भारत सरकार करेगी वहन: पहली बार प्राधिकरण ने ही ट्रेनिंग से लेकर खर्चे तक की तमाम व्यवस्थाएं उठाने की जिम्मेदारी ली है. कोशिश की जा रही है कि होटलों अथवा फूड स्ट्रीट में काम करने वाले एक संस्थान में कम से कम एक कुक अथवा कर्मचारी ऐसा हो जो एफएसएआई के मानकों के अनुरूप खानपान तैयार कर सके. लिहाजा अब कोशिश की जा रही है कि सभी संस्थाओं के सर्टिफिकेशन के दौरान जहां-जहां सर्टिफिकेशन नहीं पाया जाएगा, वहां ट्रेनिंग दी जाएगी. प्राधिकरण के संचालक आरके मित्तल के मुताबिक ट्रेनिंग पर होने वाला खर्च भी भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
देश की 60 जेलों में एफएसएसएआई सर्टिफिकेशन: एसएसएसटीआई के डायरेक्टर आरके मित्तल के मुताबिक देश की जेलों में अभी भी खानपान की क्वालिटी नहीं सुधर सकी है. इसके लिए कोशिश की जा रही है कि जेलों में भी सर्टिफिकेशन प्रक्रिया लागू हो. फिलहाल देश की 50 से 60 जेल ऐसी हैं, जहां एफएसएसएआई सर्टिफिकेशन दिया गया है. 6 जिलों के लिए भी प्रयास जारी है.
मंदिरों के लिए भोग स्कीम: देश के तिरुपति, महाकाल, खजराना जैसे बड़े मंदिरों में वितरित होने वाले प्रसाद अथवा भोग को भी एफएसएसएआई के अधीन लाया जा रहा है. इसके लिए यहां की भोजनशाला में भी पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है. फिलहाल इंदौर के खजराना मंदिर को यह सर्टिफिकेशन पहले से है, इसके अलावा महाकाल मंदिर को भी यह सर्टिफिकेशन दिया गया है. हालांकि जो शेष मंदिर है, उनके लिए ब्लैसलेस हाइजीन ऑफरिंग गॉड याने भोग नामक स्कीम संचालित की जा रही है. जिसके जरिए मंदिरों का सर्टिफिकेशन किया जा रहा है.
इंदौर के हाइजीन को देखकर जताई संतुष्टि: दिल्ली से इंदौर पहुंचे एफएसएसएआई के डायरेक्टर आरके मित्तल ने इंदौर की 56 दुकान स्थित तमाम दुकानों एवं फूड वेंडरों का निरीक्षण किया. इसके अलावा वे खजराना गणेश मंदिर भी पहुंचे, जहां उन्होंने भोग अथवा प्रसाद तैयार करने की रसोई अथवा अन्य व्यवस्थाएं देखीं जोकि हाइजीन के लिहाज से प्रशंसनीय नजर आई.