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हाईकोर्ट ने संप्रेक्षण गृह को नहीं माना जेल, नाबालिग को नहीं दी जमानत - नाबालिग आरोपी को जमानत नहीं

हाई कोर्ट ग्वालियर ने मासूम बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी नाबालिग को जमानत देने से इनकार कर दिया है. आरोपी डेढ़ साल से बाल संप्रेक्षण गृह में बंद है. सारी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सुधार गृह को जेल भी नहीं माना. ( accused of rape not get bail) ( correctional home not jail)

High court gwalior
ग्वालियर हाई कोर्ट
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Published : Mar 7, 2022, 11:37 AM IST

ग्वालियर। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के 14 साल के आरोपी को जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है. जमानत याचिका पर टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि केस डायरी बता रही है कि दुष्कर्म की घटना का आरोप है. नाबालिग आरोपी बाल संप्रेक्षण गृह में बंद है. गौरतलब है कि भिंड जिले के फूप थाना क्षेत्र में नाबालिग के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मामला लंबित है. उसे बाल संप्रेक्षण गृह में करीब डेढ़ साल का वक्त हो चुका है. इसको लेकर उसके वकील ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी.

संप्रेक्षण गृह में बंद है आरोपी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि नाबालिग ने करीब डेढ़ साल बाल संप्रेक्षण गृह में काट लिए हैं, जबकि इस मामले में अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती है. आधी सजा आरोपी ने संप्रेक्षण गृह में बंद होकर काट ली है. इसी को आधार बनाते हुए उसने कोर्ट से जमानत पर रिहा करने के लिए याचिका लगाई. अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया। कोर्ट ने सुधार गृह को जेल भी नहीं माना है. ( accused of rape not get bail) ( correctional home not jail)

ग्वालियर। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के 14 साल के आरोपी को जमानत का लाभ देने से इनकार कर दिया है. जमानत याचिका पर टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि केस डायरी बता रही है कि दुष्कर्म की घटना का आरोप है. नाबालिग आरोपी बाल संप्रेक्षण गृह में बंद है. गौरतलब है कि भिंड जिले के फूप थाना क्षेत्र में नाबालिग के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. उसके खिलाफ किशोर न्यायालय में मामला लंबित है. उसे बाल संप्रेक्षण गृह में करीब डेढ़ साल का वक्त हो चुका है. इसको लेकर उसके वकील ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी.

संप्रेक्षण गृह में बंद है आरोपी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में तर्क दिया कि नाबालिग ने करीब डेढ़ साल बाल संप्रेक्षण गृह में काट लिए हैं, जबकि इस मामले में अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती है. आधी सजा आरोपी ने संप्रेक्षण गृह में बंद होकर काट ली है. इसी को आधार बनाते हुए उसने कोर्ट से जमानत पर रिहा करने के लिए याचिका लगाई. अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने नाबालिग आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया। कोर्ट ने सुधार गृह को जेल भी नहीं माना है. ( accused of rape not get bail) ( correctional home not jail)

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