ग्वालियर। मध्यप्रदेश में जीवाजी विश्वविद्यालय इस समय अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में है. लगातार एक के बाद एक ऐसे मामले आ रहे हैं जिससे जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. इसी को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जोरदार हंगामा किया. ABVP कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जीवाजी विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. कार्यकर्ताओं ने कुलपति के ऑफिस का घेराव किया और मांग की है कि कुलपति अविनाश तिवारी इस पद के लायक नहीं हैं, उन्हें तत्काल हटा देना चाहिए.
विश्वविद्यालय प्रबंधन पर उठे सवाल: दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय में लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं जो विश्वविद्यालय की साख को खराब कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के गोपनीय दस्तावेज, टेबुलेशन चार्ट रद्दी के रूप में बाहर मिले. जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सवाल उठने लगे. इसी को लेकर तत्काल प्रबंधन ने जांच के आदेश कर दिए हैं. यह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि उसके बाद जीवाजी विश्वविद्यालय में एक दलाल को रंगे हाथों पकड़ लिया. यह दलाल छात्रों से पैसे लेकर उनका काम करवाता था.
भ्रष्टाचार का अड्डा बना विश्वविद्यालय: दलाली को लेकर ABVP के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय पहुंचकर जोरदार हंगामा किया. उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा घोटाले किए जा रहे हैं. लेकिन कुलपति अविनाश तिवारी मामलों को लेकर पूरी तरह गंभीर नहीं है, और वह सब कुछ अपनी आंखों से देख रहे हैं. इसलिए उनकी मांग है कि तत्काल कुलपति को इस पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में धारा 52 लगाने की मांग की है.
कुलपति के ऑफिस का किया घेराव: ABVP के दर्जन भर कार्यकर्ताओं ने कुलपति के ऑफिस का घेराव किया. लेकिन मौके पर कुलपति ना होने के कारण वह ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए. उसके बाद जीवाजी प्रबंधन के अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने उनकी मांग है कि तत्काल प्रभाव से जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाया जाए. क्योंकि जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी कार्यप्रणाली के चलते देश भर में बदनाम हो रहा है.
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