ग्वालियर। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आवारा गोवंश के सड़कों और ग्रामीण इलाकों से पकड़कर गौशालाओं में रखने का आदेश प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है. गौशाला में गोवंशों की बढ़ती संख्या के चलते इनको दिए जाने वाला भोजन पर्याप्त नहीं मिल पा रहा है.
दरअसल, ग्वालियर में पहले से नगरनिगम (लालटपारा) द्वारा गौशाला संचालित है, जिसमें 7 हजार 5 सौ से अधिक गोवंश है. इसके बाद प्रशासन ने सभी ब्लॉकों पर एक-एक अस्थाई गौशाला तैयार की थी, इन गौशाला में भी 1 हजार से अधिक गोवंश आ चुके हैं, इतनी मात्रा में आने से इनको दिए जाने वाला भोजन प्राप्त नहीं मिल पा रहा है.
पहले से ही तय था, कि स्थानीय लोगों और सामाजिक संस्थाओं की मदद से इनको भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन जितनी संख्या में गोवंश है इतनी संख्या में दानदाता सामने नहीं आ रहे है. जिससे गोवंश को कम भोजन से ही गुजारा करना पड़ता है. इसके अलावा ग्वालियर में बने स्थाई गौशाला में आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी लोग गाय लाकर छोड़ रहे हैं. जिन्हें मजबूरी में गौशाला प्रबंधन को रखना पड़ रहा है.
इस बारे में जिला प्रशासन का कहना है, कि यह बात सही है कि गौशाला में चारा कम आ रहा है. और इसे लेकर प्रशासन ने कुछ गौ सेवकों के साथ बैठक आयोजित कर उनसे कहा है कि, अधिक से अधिक लोगों को इस बारे में बताएं ताकि दानदाता आगे आ सकें. वहीं दानदाताओं का कहना है लोगों को गोवंश की सेवा के लिए आगे आना चाहिए और गोवंश को आवारा ना छोड़े.