ग्वालियर। गोला मंदिर के पास स्थित अनाथ आश्रम में बच्चों से बालश्रम करवाने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब कुछ स्थानीय लोगों ने एक नाबालिग लड़की को भीषण गर्मी में फूल बेचते देखा. शक होने पर जब पूछताछ की तो अनाथ आश्रम के संचालकों बच्चों से बालश्रम करवाने का खुलासा हुआ.
कुछ जागरूक नागरिकों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी. लेकिन प्रशासन ने अभी तक आश्रय गृह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. पीड़िता को अपना पेट भरने के लिए आश्रय गृह के लोगों के ज़्यादतियों का शिकार होना पड़ता है. वह हर रोज सुबह 10 बजे आश्रय गृह से निकलती है और 1 बजे तक प्लास्टिक के फूलों का गुच्छा बेचकर अपना पेट भरती है. साथ ही ये उन लोगों का भी पेट भरती है जहां उसे आसरा दिया गया है. इसके बावजूद भी युवती को दस-दस दिन तक खाना तक नहीं दिया जाता है और मारपीट किया जाता है. शरीर के अंगों को तेजाब या केमिकल से जलाया जाता है. युवती का कहना है कि करीब 250 और लड़कियां अपना गुजर-बसर करने उसी आश्रय गृह में रह रही हैं.
इस मामले की खबर मीडिया को देने वाले बसंत तोमर और उसी इलाके में एक्सिस बैंक के कर्मचारी रवि पांडे बताते हैं कि एक बच्ची आई थी उसके हाथ में फ्लावर थे. वह जब आई थी तो वह खुद अपने हाथ से पानी तक नहीं पी पा रही थी. जिस अनाथालय की बात यह युवती कर रही है वह गोला का मंदिर के पास सुरुचि होटल वाली गली में बताया जा रहा है, जिस की संचालिका अनीता शर्मा हैं.
इस मामले में प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों से बात की गई और उनको पीड़िता की बदहाल हालत के बारे में बताया गया तो वे अपनी चुनावी व्यस्तताओं के बीच सिर्फ इतना बता सकें कि मामला गंभीर और बहुत ज्यादा संवेदनशील है. प्रशासन ने हालांकि इस बारे में पुलिस सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के जिम्मेदार अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है.