दमोह/बैतूल/खंडवा/धार। रूस-यूक्रेन वॉर के चलते यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों की देश वापसी लगातार चिंता का विषय बन रही है. भारत सरकार ने वहां फंसे नागरिकों को लाना शुरू कर दिया है, लेकिन कई बच्चे अभी भी फंसे हैं. इसी को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से परिजनों की मदद की आवाज आ रही है. वहां फंसे भारतीयों को निकालने की कोशिशें जहां तेज हो गई हैं, वहीं समय के साथ लोगों का सब्र भी खत्म हो रहा है. एमपी के छात्रों ने मदद की गुहार लगाई है. (MP students stuck in Ukraine)
दमोह के आशीष ने वीडियो के जरिए मांगी मदद
यूक्रेन में फंसे दमोह के युवक ने मदद की गुहार लगाई है. उसने वहां के हालातों का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वह खंडहर नुमा जगह में साथियों के साथ फंसा है. तीन साल पहले आशीष एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था. अब वह रुस-यूक्रेन वॉर में फंस गया. आशीष ने प्रदेश के साथ-साथ भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है.
आशीष ने वीडियो में बताया कि यहां के हालात बहुत खराब हैं. रूस के हमले के कारण वहां सब कुछ तबाह हो चुका है. आशीष ने सामने वाली एक अन्य बिल्डिंग का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें से भीषण आग निकल रही है. आशीष के पिता का कहना है कि वह सरकार से शीघ्र ही यूक्रेन में फंसे अपने बेटे को वापस लाने की मांग कर रहे हैं. वहीं आशीष के दोस्त हरदीप सिंह ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि वह 12 घंटे से खारखिव ओब्लास्ट क्षेत्र में फंसे हैं. उनके पास सुरक्षित लौटने का कोई साधन नहीं है. (students of MP trapped in Ukraine)
बैतूल के दीपांशू की फ्लाइट हुई कैंसिल
बैतूल के घोड़ाडोंगरी तहसील का दीपांशू विश्वकर्मा यूक्रेन के विन्नित्सया शहर में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं. दीपांशू की 27 फरवरी को इंडिया की फ्लाइट थी. उससे पहले ही युद्ध शुरू हो गया, जिससे वह वहीं पर फंस गया. छात्र ने बताया 24 फरवरी को रात तीन बजे युद्ध का सायरन बजा. इसके बाद सुबह 7 बजे विन्नित्स्या में स्थित गंभीर हो गई. वायुसेना कैंप पर 24 फरवरी की सुबह धमाका होने के बाद सभी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को बंकर में ले जाया गया.
वहां पर रात बिताने के बाद 25 फरवरी की सुबह फ्लैट में जाने की इजाजत दी गई. उसके बाद शाम को फिर बंकर में ले जाया गया. छात्र ने बताया यह यूनिवर्सिटी का ही बंकर हैं, जिसमें उनके ग्रुप के दस छात्र हैं. इनमें इंदौर के दो छात्र भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि हमारे शहर से यूक्रेन की राजधानी कीव 400 किमी दूर है. (Russia Ukraine live news)
धार में परिजनों ने बच्चों के लिए सरकार से मांगी मदद
धार से भी बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. इन छात्र छात्राओं के चिंतित परिजनों ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बताया. यूक्रेन में फंसी छात्रा विभीषिका के परिजनों ने बताया कि वहां फंसे बच्चों की 26 तारीख को फ्लाइट थी. एक बच्चा फ्लाइट से दिल्ली आ चुका है, जो जल्द ही धार लौटेगा.
हमले के बाद बाकी छात्र टरनोपिल से लगभग 450 किलोमीटर की रेल यात्रा करके जैसे तैसे यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंचे, लेकिन उन्हें फ्लाइट रद्द होने और हमले के डर से रेलवे स्टेशन पर ही भारतीय एंबेसी यूक्रेन में रुकवा दिया गया. जहां करीब 300 भारतीय छात्र फंसे हैं. परिजन अपने बच्चों की वतन वापसी के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
खंडवा की छात्रा ने सांसद को कराया हालातों से रूबरू
खंडवा की दरखशां खान यूक्रेन में फंसी हैं. रेड अलर्ट और रूसी फोर्स के हमले के बीच वहां अन्य छात्र भी फंसे हैं. छात्रा को लेकर परिवार के लोग परेशान हैं. वहीं छात्रा भी खौफ में रह रही है. शुक्रवार शाम सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने मोबाइल के माध्यम से छात्रा से बात की, जिसमें दरखशां ने मदद के लिए गुहार लगाई है.
दरखशां ने सांसद को वहां के हालातों के बारे में बताया, साथ ही उसने यह भी कहा कि किसी ने बस के रास्ते पौलेंड से जाने की व्यवस्था के लिए कहा है. हमें मदद का इंतजार है. इस पर सांसद ने विदेश मंत्रालय से बात कर दरखशां खान का नंबर उपलब्ध कराया है, साथ ही मदद का आश्वासन दिया है.
खरगोन की जान्हवी की फ्लाइट हुई कैंसल
खरगोन के बड़वाह की जान्हवी यादव यूक्रेन में फंसी हुई है. जान्हवी ने बताया की फिलहाल वे उनके यूनिवर्सिटी होस्टल से कुछ दूर भूमिगत मेट्रो स्टेशन में हैं. यहां बाहर से थोड़ी-थोड़ी देर में बम की आवाज आती है. उसने कहा कि वह अभी तक तो सुरक्षित है, लेकिन कब तक रहेंगी यह उन्हें पता नहीं है. खारकीव के एयरपोर्ट पर भी हमला हुआ है. ऐसे मे वहां से फ्लाईट पकड़ना लगभग नामुमकिन है. जान्हवी की मां ने बताया की जान्हवी 28 को भारत लौटने वाली थी. फ्लाईट भी बुक हो गई थी, लेकिन इसके पहले ही युद्ध शुरू हो गया.
नर्मदापुरम के छात्र यूक्रेन में हैं सुरक्षित
नर्मदापुरम जिला मुख्यालय के तीन छात्र इन दिनों यूक्रेन के खारकीव में फंसे हुए हैं. इन छात्रों के परिजनों ने नर्मदापुरम जिला प्रशासन के जरिए मध्य प्रदेश और भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. हालांकि तीनों छात्र यूक्रेन में सुरक्षित हैं, और परिजनों से मोबाईल फोन के जरिए संपर्क में हैं. नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने परिजनों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि छात्रों की जानकारी गृह विभाग को दे दी गई है. दूतावास की गाईड लाइन के तहत उनकी मदद करने का प्रयास किया जा रहा है.