भोपाल। कोरोना के कारण पूरी दुनिया में ठप हो गया है. एमपी भी इससे अछूता नहीं रहा. कोरोना से पहले सरकार ने टूरिज्म सेक्टर (Set Back to MP Tourism) में निवेश को लेकर अच्छी खासी प्लानिंग की थी, लेकिन फिलहाल सब रुक गया है. सरकार टूरिज्म में प्राइवेट सेक्टर (Forts For Private Sectors) को आमंत्रित करना चाहती है, लेकिन निवेशक आगे नहीं आ रहे हैं. सरकार 3 किलों को 90 साल की लीज पर देने के लिए तैयार है, लेकिन एक फोर्ट में निवेश के बाद निवेशकों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.
तीन किलों के लिए तीन बार मंगाए टेंडर
दतिया के राजगढ़ पैलेस को हेरिटेज होटल्स में बदलने के लिए 2018 में बैंगलुरू के क्वार्क समूह ने रूचि दिखाई थी. क्वार्क समूह का बृजरामा होटल्स ग्रुप जाना-माना नाम है. समूह ने राजगढ़ पैलेस को हेरिटेज होटल्स में विकसित करने के लिए एग्रीमेंट भी कर लिया था, लेकिन इसके बाद कोरोना की पहली और फिर दूसरी लहर(Corona Second Wave) आ गई. इसके बाद क्वार्क समूह ने एग्रीमेंट कैंसल (Set Back to MP Tourism) कर दिया. अब इसके लिए फिर से निवेशकों को आमंत्रित किया गया है. राजगढ़ पैलेस के अलावा रीवा के क्वोटी फोर्ट और कटनी के विजयराघवगढ़ किले के लिए भी निवेशक नहीं मिल रहे हैं. इनके लिए तीसरी बार टेंडर बुलाए गए हैं. रीवा के गोविंदगढ़ किले को लेकर निवेशकों ने (Forts For Private Sectors) खासी रूचि दिखाई है.टीकमगढ़ के बलदेवगढ़ और भोपाल के बेनजीर पैलेस को लेकर भी पॉजिटिव संकेत हैं. बेनजीर पैलेस का रिनोवेशन चल रहा है.
इन 7 किलों को देना चाहती है सरकार
प्रदेश के इतिहास, कला-संस्कृति को संजोए 7 किलो को हेरिटेज होटल्स(7 Forts For Heritage Hotels) में विकसित करने के लिए राज्य सरकार कोशिश में जुटी हुई है. इन फोट्स में दतिया का राजगढ़ पैलेस, रीवा का क्लोटी फोर्ट, कटनी का विजय राघवगढ़, महेन्द्र पैलेस, पन्ना, टीकमगढ़ का बल्देवगढ़ किला, भोपाल का बेनजीर पैलेस और चंदेरी का सिंहपुर पैलेस शामिल हैं. इन किलों को हेरिटेज होल्टस में विकसित किया जाएगा.
जानिए इन किलों का इतिहास
रीवा का क्वोटी फोर्ट - रीवा का किला (Rewa Fort) पूरे विंध्य क्षेत्र में आकर्षण का केन्द्र माना जाता है. यह किला बिछिया और बीहर नदी के संगम पर बना हुआ है. इसका क्षेत्रफलकरीब 2.213 हेक्टेयर है. इसका निर्माण 18 वीं शताब्दी में रीवा नरेश वीर सिंह देव के पुत्र नागमल देव के समय कराया गया था. इस किले के पास एक मंदिर है, जिसमें एक ही पत्थर को तराशकर दो मूर्तियां बनाई गई हैं.
कटनी का विजयराघवगढ़ - कटनी जिले में विजय राघवगढ़(Vijay Raghavgarh Fort) के किले का इतिहास में खास स्थान है. इस रियासत के राजा प्रयागदास के पु़त्र ठाकुर सरजूप्रसाद ने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. विजय राघवगढ़ किले का निमार्ण 1826 में कराया गया था. इस किले को सुरक्षा की दृश्टि से ऐसे स्थान पर बनाया गया था, जिसके तीन तरफ गहरी खाई है.
महेन्द्र पैलेस, पन्ना - महाराजा छत्रसाल की नगरी पन्ना के महेन्द्र पैलेस (Mahendra Palace) का निर्माण 1898 में महाराजा महेन्द्र माधौ सिंह जू देव ने कराया था.अपनी भव्यता के लिए यह महल प्रसिद्ध है. महेन्द्र भवन पर पन्ना राज परिवार ने अपनी निजी संपत्ति होने का दावा किया था. बाद में जिला प्रशासन ने उनके दावे को खारिज करते हुए इसे सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया था.
टीकमगढ़ का बलदेवगढ़ किला -(Baldevgarh Fort) इस किले का निर्माण ओरछा स्टेट के महाराजा महाराजा विक्रमजीत सिंह ने 1783 में करवाया था.
भोपाल का बेनजीर पैलेस - भोपाल का बेनजीर पैलेस (Benazir Palace) करीब 145 साल पुराना है. इसका निर्माण 1875 में नवाब शाहजहां बेगम ने कराया था. इस पैलेस में 12 कमरे और दो हाॅल हैं.
चंदेरी का सिंहपुर फोर्ट -(Singhpur Fort) इसका निर्माण 1656 में राजा देवी सिंह बुंदेला ने कराया था. इसके पास एक तालाब भी है, जिसे 1433 में हुसंग शाह गौरी के समय बनवाया गया था.
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के करीब 14 किलों को हेरिटेज होटल्स में विकसित किया जाना है. इन्हें 99 साल की लीज पर प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा. इन हेरिटेज होटल्स में लोगों के रूकने के लिए रूम, स्वीमिंग पूल, जिम, पंचकर्म आदि जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. होटल्स के आसपास पर्यटन स्थलों तक लाने-ले जाने के लिए वाहन, गाइड आदि की सुविधा मिलेगी. साथ ही किले से जुड़े इतिहास, उस समय के रहन-सहन को भी दिखाया जाएगा.
अधिकारी बोले टेंडर प्रक्रिया की जा रही है
एमपी टूरिज्म बोर्ड के डायरेक्टर सुरेश कुमार झारिया के मुताबिक तीन किलों को हेरिटेज होटल्स में विकसित करने के लिए फिर से टेंडर मंगवाए गए हैं. इनमें से राजगढ़ पैलेस को विकसित करने एक ग्रुप ने काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन कोरोना काल के बाद उसने काम करने से इनकार कर दिया. उधर, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला के मुताबिक प्रदेश के 14 किलों को हेरिटेज होटल्स में विकसित किया जा रहा है. इससे प्रदेश में पर्यटन बढ़ेगा, साथ ही टूरिस्ट को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.