भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा का मॉनसून सत्र 13 सितंबर से शुरू हो रहा है. पूछे जाने वाले सवालों का समय खत्म हो गया है और अब विधायकों को अपने मुद्दे शून्यकाल में ध्यानाकर्षण के वक्त उठाने होंगे. वहीं, अगर कोई बड़ा मुद्दा है तो इसके लिए स्थगन प्रस्ताव लाना होगा, लेकिन लिखित सवाल पूछने का मौका निकल गया है.
पुरानी तारीखों में पूछे गए सवाल ही मान्य होंगे: मॉनसून सत्र में पुरानी तारीखों में पूछे गए सवाल ही मान्य होंगे जिसकी आखिरी तारीख 1 जुलाई थी. बता दें कि पहले 25 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हो रहा था और लिखित सवाल पूछने के लिए 1 जुलाई तक का समय दिया गया था. अब सरकार के प्रस्ताव के बाद राज्यपाल ने 13 सितंबर से सत्र बुलाने की सहमति दे दी है. 5 दिन के इस मॉनसून सत्र में विधानसभा ने स्पष्ट कर दिया है की पहले जो विधायकों ने सवाल पूछे थे वही सितंबर के लिए भी मान्य होंगे.
ऑनलाइन कामकाज पर जोर: इस बार विधानसभा सचिवालय कामकाज को ऑनलाइन करने जोर दे रहा है और यही वजह है कि ध्यानाकर्षण इत्यादि भी ऑनलाइन प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है. सूत्रों की माने तो विधानसभा में अन्य सामग्री भी ऑनलाइन रहेगी. विधायक सदन की बैठक शुरू होने के पहले भी सचिवालय को सूचना दे सकते हैं.
विधानसभा को पेपरलेस बनाने की तैयारी : विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी दूसरे राज्यों की तर्ज पर पेपरलेस विधानसभा बनाने की तैयारी में जुटे हैं. सूत्रों के मुताबिक ई विधानसभा लागू होने के बाद सारे काम कंप्यूटर के जरिए होंगे. बताया जा रहा है की दैनिक कार्य सूची, प्रश्नोत्तरी, बिल सहित सभी डिजिटल होगा. विधानसभा सचिवालय के मुताबिक जो आकलन किया गया है उसमें विधानसभा के ₹54 करोड़ हर साल बचेंगे, साथ ही 28 करोड़ के कागज की बचत भी होगी. (MP Assembly Monsoon Session) (MP 5 day Monsoon Session) (Monsoon Session 2022 from 13 September )