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हड़ताल का क्या हल ? मरीजों पर भारी पड़ रही Junior Doctors की Strike, बात से ही बनेगी बात

Junior Doctors On Strike: प्रदेश के 6 सरकारी मेडकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है. इन्होंने बुधवार को ही काम बंद कर दिया था. प्रदेश में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती है.

Junior Doctors On Strike
हड़ताल का क्या हल
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Published : Sep 9, 2021, 9:14 AM IST

भोपाल। Junior Doctors On Strike: MP के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स (JUDA) ने एक बार फिर से अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. बुधवार को जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल (Strike) पर चले गए हैं. एक तरफ जहां वायरल फीवर, स्क्रब टायफर्स और डेंगू के पेशेंट बढ़ रहे हैं. तो वहीं जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल ने मरीजों की परेशानी को बढ़ा दिया है.

Junior Doctors On Strike:जूनियर डॉक्टर्स इस बार रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. जूडा (JUDA) का कहना है कि पदाधिकारियों के पीजी के बाद होने वाले रजिस्ट्रेशन पर सरकार ने रोक लगा दी है. रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक को हम हटाने की मांग कर रहे हैं. जब तक रजिस्ट्रेशन बहाल नहीं किए जाएंगे, तब तक जूनियर डॉक्टर्स (JUDA) की हड़ताल जारी रहेगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और मंत्री से कई बार बात बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की गई लेकिन अब तक कोी रास्ता निकल नहीं पाया है.जूडा (JUDA) का कहना है कि इसके बाद ही वे हड़ताल करने को मजबूर हुए हैं.

Junior Doctors On Strike: प्रदेश में वायरल फीवर (Viral Fever) का प्रकोप बढ़ रहा है. राजधानी भोपाल में 200 से ज्यादा बच्चे वायरल फीवर की चपेट में हैं. प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. साथ ही स्क्रब टायफस और डेंगू (Dengu) के पेशेंट भी लगातार बढ़ रहे हैं. राज्य के पांचों सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स के काम बंद करने से (Junior Doctors On Strike) स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. ओपीडी में कामकाज बंद होने से बड़े ऑपरेशन टाल दिए गए हैं.

Junior Doctors On Strike: जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच टकराव और बढ़ सकता है. जूनियर डॉक्टर्स की मांग है, कि जब तक 3 डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक हटा नहीं ली जाती और 21 डॉक्टरों को दिये गए कारण बताओ नोटिस वापस नहीं लिए जाते, तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगी. जूडा (JUDA) का कहना है कि इससे पहले भी सरकार ने वादा किया था, लेकिन (Junior Doctors On Strike) वो अपने वादे से मुकर गई है. 2 महीने पहले जूडा की हड़ताल के दौरान तीन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई थी. उसके बाद से अब तक चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन को बहाल नहीं किया है. इसलिए परेशान होकर एक बार फिर से जूनियर डॉक्टर्स ने आंदोलन का रास्ता (Junior Doctors On Strike) अपनाया है.

Junior Doctors On Strike: प्रदेश के 6 मेडिकल भोपाल,ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, रीवा और सागर मेडिकल कॉलेज के 3 हजार जूडा डॉक्टर (JUDA) बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस दौरान जूडा ने अपनी सभी सेवाएं ओपीडी और आकस्मिक बंद (OPD And Emergency) कर दी है. हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों को वरिष्ठ डॉक्टर देख रहे हैं. मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है.

भोपाल। Junior Doctors On Strike: MP के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स (JUDA) ने एक बार फिर से अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. बुधवार को जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल (Strike) पर चले गए हैं. एक तरफ जहां वायरल फीवर, स्क्रब टायफर्स और डेंगू के पेशेंट बढ़ रहे हैं. तो वहीं जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल ने मरीजों की परेशानी को बढ़ा दिया है.

Junior Doctors On Strike:जूनियर डॉक्टर्स इस बार रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. जूडा (JUDA) का कहना है कि पदाधिकारियों के पीजी के बाद होने वाले रजिस्ट्रेशन पर सरकार ने रोक लगा दी है. रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक को हम हटाने की मांग कर रहे हैं. जब तक रजिस्ट्रेशन बहाल नहीं किए जाएंगे, तब तक जूनियर डॉक्टर्स (JUDA) की हड़ताल जारी रहेगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों और मंत्री से कई बार बात बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की कोशिश की गई लेकिन अब तक कोी रास्ता निकल नहीं पाया है.जूडा (JUDA) का कहना है कि इसके बाद ही वे हड़ताल करने को मजबूर हुए हैं.

Junior Doctors On Strike: प्रदेश में वायरल फीवर (Viral Fever) का प्रकोप बढ़ रहा है. राजधानी भोपाल में 200 से ज्यादा बच्चे वायरल फीवर की चपेट में हैं. प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों में वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. साथ ही स्क्रब टायफस और डेंगू (Dengu) के पेशेंट भी लगातार बढ़ रहे हैं. राज्य के पांचों सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स के काम बंद करने से (Junior Doctors On Strike) स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. ओपीडी में कामकाज बंद होने से बड़े ऑपरेशन टाल दिए गए हैं.

Junior Doctors On Strike: जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच टकराव और बढ़ सकता है. जूनियर डॉक्टर्स की मांग है, कि जब तक 3 डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक हटा नहीं ली जाती और 21 डॉक्टरों को दिये गए कारण बताओ नोटिस वापस नहीं लिए जाते, तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगी. जूडा (JUDA) का कहना है कि इससे पहले भी सरकार ने वादा किया था, लेकिन (Junior Doctors On Strike) वो अपने वादे से मुकर गई है. 2 महीने पहले जूडा की हड़ताल के दौरान तीन डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई थी. उसके बाद से अब तक चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन को बहाल नहीं किया है. इसलिए परेशान होकर एक बार फिर से जूनियर डॉक्टर्स ने आंदोलन का रास्ता (Junior Doctors On Strike) अपनाया है.

Junior Doctors On Strike: प्रदेश के 6 मेडिकल भोपाल,ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, रीवा और सागर मेडिकल कॉलेज के 3 हजार जूडा डॉक्टर (JUDA) बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस दौरान जूडा ने अपनी सभी सेवाएं ओपीडी और आकस्मिक बंद (OPD And Emergency) कर दी है. हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों को वरिष्ठ डॉक्टर देख रहे हैं. मरीजों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है.

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