भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन हरदा के बीजेपी विधायक कमल पटेल ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए हरदा और होशंगाबाद में कर्ज बांटने के नाम पर हुए घोटाले का मामला उठाया है. कमल पटेल के ध्यानाकर्षण पर सरकार ने जांच के आदेश देते हुए आरोपियों पर FIR दर्ज कराने की बात कही है.
बीजेपी विधायक कमल पटेल के सवाल उठाए जाने के कारण खुद बीजेपी की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बीजेपी विधायक कमल पटेल ने सवाल उठाते हुए कहा कि हरदा और होशंगाबाद जिलों के सहकारी बैंकों में सहकारी समितियों के प्रबंधक और उनके अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है.
कमल पटेल ने बताया कि किसानों के नाम पर फर्जी ऋण निकालकर बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों ने 2 करोड़ 77 लाख रूपए का भ्रष्टाचार किया है. मैंने इस मामले की शिकायत की और आरोपी पकड़े भी गए, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को पैसा खिलाकर उन्हें बचा लिया गया. कमल पटेल ने कहा कि इसी वजह से उन्होंने ध्यानाकर्षण लगाया, क्योंकि किसान पर कर्ज डालने से वे अब ना तो खाद ले सकते हैं, ना बीज ले सकते हैं और ना ही खेती कर सकते हैं.
कमल पटेल ने कहा कि जिस किसान के नाम पर कर्ज लिया गया है, उसका कर्ज भी माफ नहीं होगा और ना उसे कभी बीमा का लाभ मिलेगा. इसलिए मैंने मांग की थी कि इन किसानों को ऋण मुक्त किया जाए, ताकि दोषी अधिकारी कर्मचारियों से पैसा वसूलकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
कमल पटेल की मांग पर मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमने मांग की है कि जांच जनप्रतिनिधियों के सामने की जाए, ताकि कोई गड़बड़ी ना हो. वहीं शिवराज सरकार के राज में हुए घोटालों को लेकर कमल पटेल ने कहा कि सरकार चाहे किसी की भी हो, सरकार भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए होती है.