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Bhopal Girls Azadi Satellite: भोपाल की बेटियों ने लहराया स्पेस में परचम, 'आजादी सैटेलाइट' प्रोग्राम देख शिवराज ने कही बड़ी बात

मध्य प्रदेश की लड़कियां हर क्षेत्र में झंडे गाड़ रही हैं. अब यहां की लड़कियों का नाम अंतरिक्ष विज्ञान तक पहुंच गया है. राजधानी भोपाल के एमएलबी कॉलेज की 15 छात्राओं ने एक खास सैटेलाइट बनाने में अहम योगदान दिया है. जिसका नाम आजादी सैटेलाइट है. हालांकि इस सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग फेल हो गई. लेकिन छात्राओं के हौसले अब भी बुलंद हैं. इस छात्राओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान से मुलाकात की. (Bhopal Girls Azadi Satellite) (MP Girl Scientists ISRO Space Program) (Shivraj Meeting MP Girl Scientists) (Azadi Satellite Project MP Connection)

Bhopal Girls Azadi Satellite Programming
शिवराज ने छात्राओं से मिलकर जानी बारीकियां
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Published : Aug 8, 2022, 1:25 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 2:31 PM IST

भोपाल। आजादी सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग करने वाली एमएलबी (Maharani Laxmi Bai) स्कूल की छात्राओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान के साथ पौधारोपण किया. भोपाल की इन छात्राओं से मुख्यमंत्री ने इनके काम के बारे में पूछा और जाना कि किस तरह से मेहनत कर इन्होंने सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग की थी. सीएम ने लड़कियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दीं. Bhopal Girls Azadi Satellite) (mp girl scientists ISRO space program)

शिवराज ने छात्राओं से मिलकर जानी बारीकियां

छात्राओं के हौसले बुलंद: आजादी सैटेलाइट प्रोग्रामिंग (Azadi Satellite Programming) के तहत लांच हुआ देश का सबसे छोटा सैटेलाइट एसएलवी (स्मॉल सैटलाइट लॉन्च व्हीकल) भले ही फेल हो गया हो, लेकिन इसकी प्रोग्रामिंग करने वाली भोपाल की छात्राओं के हौसले बुलंद हैं. इस सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग में देश भर की 700 छात्राओं ने मदद की थी. जिसमें भोपाल की 15 छात्राएं भी शामिल थीं. यहा सभी छात्राएं भोपाल के एमएलबी स्कूल की हैं. (shivraj meeting mp girl scientists)

एक सप्ताह हुई ट्रेनिंग: प्रोग्रामिंग में शामिल नैंसी पटेरिया ने बताया कि किस तरह से इन्हें इसके लिए प्रेरणा मिली. उसके टीचर जितेंद्र ने इन छात्राओं का चयन किया, जिसके बाद एक सप्ताह की ट्रेनिंग हुई और इन्हें ऑनलाइन प्रोग्रामिंग सिखाई गई. नैंसी कहती हैं कि ''भले ही सेटेलाइट कक्षा में नहीं पहुंच पाया हो लेकिन इनके हौसले अभी भी बुलंद हैं और यह आगे और मेहनत करेंगी''.

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फार्मेसी में भविष्य बनाना चाहती हैं: वहीं एक अन्य छात्र शाहिस्ता बताती हैं कि ''भले ही रॉकेट स्थापित नहीं हुआ हो. लेकिन अनुभव की दृष्टि से यह बहुत अच्छा था और ऐसा करते रहना चाहिए. उनको इसकी प्रोग्रामिंग कर बेहद प्रसन्नता मिल रही है. वे आगे चलकर फार्मेसी में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं''. (Azadi Satellite Project MP Connection)

यह छात्राएं थी प्रोग्रामिंग में शामिल: आजादी सैटेलाइट में कक्षा 12वीं से नैन्सी पटेरिया, निहारिका खरे, शाहिस्ता, प्रियंका विश्वकर्मा तथा कक्षा 10वीं से प्रिया चौरे, शिवांगी वाजपेयी, आयुशी उमरे, सेजल कुशवाह, स्नेहा यादव, प्राची सूर्यवंशी, बिपाशा गुप्ता, पूर्वी सेन, चंचल सूर्यवंशी, अमृता यादव और गरिमा सरोवर शामिल है. स्कूल के शिक्षक जितेंद्र चौहान ने बताया कि पिछले सत्र मार्च में स्पेस किड्स इंडिया की ओर से संदेश आया कि 15 बच्चों के साथ एक आजादी सैटेलाइट के लिए एक उपकरण की प्रोग्रामिंग करनी है. चेन्नई से ऑनलाईन प्रशिक्षण हुआ, प्रोग्रामिंग हेतु ऑनलाइन मार्गदर्शन चेन्नई से मिला. (Bhopal Girls Azadi Satellite) (MP Girl Scientists ISRO Space Program)

भोपाल। आजादी सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग करने वाली एमएलबी (Maharani Laxmi Bai) स्कूल की छात्राओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान के साथ पौधारोपण किया. भोपाल की इन छात्राओं से मुख्यमंत्री ने इनके काम के बारे में पूछा और जाना कि किस तरह से मेहनत कर इन्होंने सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग की थी. सीएम ने लड़कियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दीं. Bhopal Girls Azadi Satellite) (mp girl scientists ISRO space program)

शिवराज ने छात्राओं से मिलकर जानी बारीकियां

छात्राओं के हौसले बुलंद: आजादी सैटेलाइट प्रोग्रामिंग (Azadi Satellite Programming) के तहत लांच हुआ देश का सबसे छोटा सैटेलाइट एसएलवी (स्मॉल सैटलाइट लॉन्च व्हीकल) भले ही फेल हो गया हो, लेकिन इसकी प्रोग्रामिंग करने वाली भोपाल की छात्राओं के हौसले बुलंद हैं. इस सैटेलाइट की प्रोग्रामिंग में देश भर की 700 छात्राओं ने मदद की थी. जिसमें भोपाल की 15 छात्राएं भी शामिल थीं. यहा सभी छात्राएं भोपाल के एमएलबी स्कूल की हैं. (shivraj meeting mp girl scientists)

एक सप्ताह हुई ट्रेनिंग: प्रोग्रामिंग में शामिल नैंसी पटेरिया ने बताया कि किस तरह से इन्हें इसके लिए प्रेरणा मिली. उसके टीचर जितेंद्र ने इन छात्राओं का चयन किया, जिसके बाद एक सप्ताह की ट्रेनिंग हुई और इन्हें ऑनलाइन प्रोग्रामिंग सिखाई गई. नैंसी कहती हैं कि ''भले ही सेटेलाइट कक्षा में नहीं पहुंच पाया हो लेकिन इनके हौसले अभी भी बुलंद हैं और यह आगे और मेहनत करेंगी''.

अंकिता का IAS बनने का ख़्वाब, पढ़ाई के लिए सीएम का रोका रास्ता, सीएम ने कहा- 'मामा' करेंगे भांजी की आर्थिक मदद

फार्मेसी में भविष्य बनाना चाहती हैं: वहीं एक अन्य छात्र शाहिस्ता बताती हैं कि ''भले ही रॉकेट स्थापित नहीं हुआ हो. लेकिन अनुभव की दृष्टि से यह बहुत अच्छा था और ऐसा करते रहना चाहिए. उनको इसकी प्रोग्रामिंग कर बेहद प्रसन्नता मिल रही है. वे आगे चलकर फार्मेसी में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं''. (Azadi Satellite Project MP Connection)

यह छात्राएं थी प्रोग्रामिंग में शामिल: आजादी सैटेलाइट में कक्षा 12वीं से नैन्सी पटेरिया, निहारिका खरे, शाहिस्ता, प्रियंका विश्वकर्मा तथा कक्षा 10वीं से प्रिया चौरे, शिवांगी वाजपेयी, आयुशी उमरे, सेजल कुशवाह, स्नेहा यादव, प्राची सूर्यवंशी, बिपाशा गुप्ता, पूर्वी सेन, चंचल सूर्यवंशी, अमृता यादव और गरिमा सरोवर शामिल है. स्कूल के शिक्षक जितेंद्र चौहान ने बताया कि पिछले सत्र मार्च में स्पेस किड्स इंडिया की ओर से संदेश आया कि 15 बच्चों के साथ एक आजादी सैटेलाइट के लिए एक उपकरण की प्रोग्रामिंग करनी है. चेन्नई से ऑनलाईन प्रशिक्षण हुआ, प्रोग्रामिंग हेतु ऑनलाइन मार्गदर्शन चेन्नई से मिला. (Bhopal Girls Azadi Satellite) (MP Girl Scientists ISRO Space Program)

Last Updated : Aug 8, 2022, 2:31 PM IST
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