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एसबीआई, बीओबी ने लोन पर ब्याज दर बढ़ाई, EMI पर पड़ेगा असर - Axis Bank and Kotak Mahindra Bank

आपके घर, कार और व्यक्तिगत ऋण की मासिक किस्त (EMI) बढ़ जाएगी. दरअसल एसबीआई समेत कई बैंकों ने अपनी प्रमुख ऋण दरों में 0.1 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. जानिए कौन-कौन से बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.

marginal cost of funding based lending rate
एसबीआई, बीओबी ने लोन पर ब्याज दर बढ़ाई
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Published : Apr 19, 2022, 7:13 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित प्रमुख बैकों ने अपनी प्रमुख ऋण दरों में 0.1 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. इसके साथ ही आवास, कार और व्यक्तिगत ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी. इन बैंकों ने करीब तीन साल बाद बेंचमार्क ऋण दरों में बढ़ोतरी की है. माना जा रहा है कि और बैंक भी इसी तरह का कदम उठा सकते हैं.

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. बैंक ने एक साल की अवधि के लिए ऋण दर को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.10 प्रतिशत कर दिया है. एसबीआई की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार, संशोधित एमसीएलआर दर 15 अप्रैल से प्रभावी है. एक दिन, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.75 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.05 फीसदी हो गई. ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं.

इसी तरह दो साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.30 प्रतिशत और तीन साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.40 प्रतिशत हो गई. बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी प्रधान एक-वर्षीय एमसीएलआर में वृद्धि की है. बीओबी ने एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.35 प्रतिशत कर दिया है, जो 12 अप्रैल से प्रभावी है.

एक्सिस और कोटक ने भी किया बदलाव : निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ( Axis Bank and Kotak Mahindra Bank) ने भी एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.40 प्रतिशत कर दिया है, जो क्रमश: 18 अप्रैल और 16 अप्रैल से प्रभावी है. इस फैसले के बाद जिन लोगों ने एमसीएलआर पर कर्ज लिया है, उनकी ईएमआई थोड़ी बढ़ जाएगी. हालांकि, जिन लोगों ने अन्य मानकों के आधार पर ऋण लिया है, उनकी ईएमआई पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.

एसबीआई की ईबीएलआर (वाह्य मानक आधारित उधारी दर) 6.65 प्रतिशत है, जबकि रेपो से जुड़ी कर्ज की दर (आरएलएलआर) 6.25 प्रतिशत है. ये दर एक अप्रैल से प्रभावी है. आवास और वाहन ऋण सहित किसी भी प्रकार का कर्ज देते समय बैंक ईबीएलआर और आरएलएलआर पर ऋण जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) को जोड़ते हैं.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : 52,155 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव, 2.41 लाख से अधिक रोजगार पैदा होने की उम्मीद

पढ़ें- HDFC Bank Bond: बांड के माध्यम से 50 हजार करोड़ की रकम जुटायेगा एचडीएफसी बैंक

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित प्रमुख बैकों ने अपनी प्रमुख ऋण दरों में 0.1 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. इसके साथ ही आवास, कार और व्यक्तिगत ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी. इन बैंकों ने करीब तीन साल बाद बेंचमार्क ऋण दरों में बढ़ोतरी की है. माना जा रहा है कि और बैंक भी इसी तरह का कदम उठा सकते हैं.

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. बैंक ने एक साल की अवधि के लिए ऋण दर को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.10 प्रतिशत कर दिया है. एसबीआई की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार, संशोधित एमसीएलआर दर 15 अप्रैल से प्रभावी है. एक दिन, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.75 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.05 फीसदी हो गई. ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं.

इसी तरह दो साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.30 प्रतिशत और तीन साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.40 प्रतिशत हो गई. बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी प्रधान एक-वर्षीय एमसीएलआर में वृद्धि की है. बीओबी ने एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.35 प्रतिशत कर दिया है, जो 12 अप्रैल से प्रभावी है.

एक्सिस और कोटक ने भी किया बदलाव : निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ( Axis Bank and Kotak Mahindra Bank) ने भी एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.40 प्रतिशत कर दिया है, जो क्रमश: 18 अप्रैल और 16 अप्रैल से प्रभावी है. इस फैसले के बाद जिन लोगों ने एमसीएलआर पर कर्ज लिया है, उनकी ईएमआई थोड़ी बढ़ जाएगी. हालांकि, जिन लोगों ने अन्य मानकों के आधार पर ऋण लिया है, उनकी ईएमआई पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.

एसबीआई की ईबीएलआर (वाह्य मानक आधारित उधारी दर) 6.65 प्रतिशत है, जबकि रेपो से जुड़ी कर्ज की दर (आरएलएलआर) 6.25 प्रतिशत है. ये दर एक अप्रैल से प्रभावी है. आवास और वाहन ऋण सहित किसी भी प्रकार का कर्ज देते समय बैंक ईबीएलआर और आरएलएलआर पर ऋण जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) को जोड़ते हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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