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पांच साल बाद भरा तिघरा बांध, फिर भी प्यास से बेहाल शहरवासी - Municipal Corporation

ग्वालियर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध की स्थिति पिछले 5 सालों से दयनीय थी, लेकिन इस बार तिघरा बांध भर गया है. लेकिन फिर भी शहर के लोग पानी के लिए बेहाल है.पीएचई विभाग ने दावा किया था कि एक मार्च से शहर को नियमित पानी की सप्लाई होगी, लेकिन इस बार भी योजना दस्तावेजों में सिमट कर रह गई है.

पांच साल बाद भरा तिघरा बांध
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Published : Mar 13, 2019, 1:06 PM IST

ग्वालियर। पांच साल बाद तिघरा बांध लबालब भरा है. फिर भी शहरवासी प्यास से व्याकुल हैं, जबकि पीएचई विभाग ने दावा किया था कि एक मार्च से शहर को नियमित पानी की सप्लाई होगी, लेकिन इस बार भी योजना दस्तावेजों में सिमट कर रह गई है.

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पांच साल बाद भरा तिघरा बांध

दरअसल, ग्वालियर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध की स्थिति पिछले 5 सालों से दयनीय थी, लेकिन इस बार तिघरा बांध भर गया है. इतना ही नहीं आसपास के बांधों में भी पर्याप्त पानी आ गया है. नगर निगम का पीएचई अमला पानी की रोजाना सप्लाई नहीं कर पा रहा है. कभी अमृत योजना का हवाला देकर तो कभी सप्लाई चेन में रुकावट के चलते रोजाना पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है. हालांकि नियमित पानी सप्लाई को लेकर नगर निगम पर खासा दबाव है.

पांच साल बाद भरा तिघरा बांध

बता दें कि तिघरा बांध का फुल टैंक लेवल 438 फुट है, जो कई सालों बाद पिछले साल सितंबर में टच हुआ था. नगर निगम की चिंता ये है कि इस बार पानी की कोई कमी नहीं है, लेकिन भविष्य में एक दो साल बारिश अथवा मानसून रूठ गया तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. निगम का दावा है कि तिघरा का पानी अभी तक शहर के जिन इलाकों में सप्लाई नहीं होता है, वहां अमृत योजना के तहत बनाई जा रही 101 टंकियों से शहर भर के किसी भी क्षेत्र में पहली मंजिल तक नल से पानी सप्लाई किया जाएगा.

ग्वालियर। पांच साल बाद तिघरा बांध लबालब भरा है. फिर भी शहरवासी प्यास से व्याकुल हैं, जबकि पीएचई विभाग ने दावा किया था कि एक मार्च से शहर को नियमित पानी की सप्लाई होगी, लेकिन इस बार भी योजना दस्तावेजों में सिमट कर रह गई है.

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पांच साल बाद भरा तिघरा बांध

दरअसल, ग्वालियर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध की स्थिति पिछले 5 सालों से दयनीय थी, लेकिन इस बार तिघरा बांध भर गया है. इतना ही नहीं आसपास के बांधों में भी पर्याप्त पानी आ गया है. नगर निगम का पीएचई अमला पानी की रोजाना सप्लाई नहीं कर पा रहा है. कभी अमृत योजना का हवाला देकर तो कभी सप्लाई चेन में रुकावट के चलते रोजाना पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है. हालांकि नियमित पानी सप्लाई को लेकर नगर निगम पर खासा दबाव है.

पांच साल बाद भरा तिघरा बांध

बता दें कि तिघरा बांध का फुल टैंक लेवल 438 फुट है, जो कई सालों बाद पिछले साल सितंबर में टच हुआ था. नगर निगम की चिंता ये है कि इस बार पानी की कोई कमी नहीं है, लेकिन भविष्य में एक दो साल बारिश अथवा मानसून रूठ गया तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. निगम का दावा है कि तिघरा का पानी अभी तक शहर के जिन इलाकों में सप्लाई नहीं होता है, वहां अमृत योजना के तहत बनाई जा रही 101 टंकियों से शहर भर के किसी भी क्षेत्र में पहली मंजिल तक नल से पानी सप्लाई किया जाएगा.

Intro:ग्वालियर
शहरवासियों को रोजाना पानी सप्लाई का प्लान इस बार भी परवान नहीं चढ़ सका है। हालांकि निगम के पीएचई विभाग ने दावा किया था कि 1 मार्च से शहर को नियमित पानी की सप्लाई होगी। लेकिन इस बार भी योजना कागजों में सिमट कर रह गई। फिलहाल 3 सालों से एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई हो रहा है।


Body:दरअसल ग्वालियर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा बांध की स्थिति पिछले 5 सालों से दयनीय थी। इस बार ईश्वरीय कृपा के चलते तिघरा बांध फुल भर गया था। इतना ही नहीं आसपास के बांधों में भी पर्याप्त पानी आ गया था। बावजूद इसके सितंबर से रोजाना पानी सप्लाई की योजना लगातार ठंडे बस्ते में जाती रही है। अब तक नगर निगम का पीएचई अमला पानी की रोजाना सप्लाई नहीं कर सका है ।कभी अमृत योजना का हवाला देकर तो कभी सप्लाई चैन में रुकावट के चलते रोजाना पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है। हालांकि विपक्ष और लोगों का नियमित पानी सप्लाई को लेकर नगर निगम पर खासा दबाव है।


Conclusion:तिघरा बांध का फुल टैंक लेवल 438 फुट है ।जो कई सालों बाद पिछले साल सितंबर में टच हुआ था। नगर निगम की चिंता यह है कि इस बार पानी की कोई कमी नहीं है लेकिन भविष्य में एक 2 साल बारिश अथवा मानसून रूठ गया तो लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा ।नगर निगम का दावा तो यह भी है कि तिघरा का पानी अभी तक शहर के जिन इलाकों में सप्लाई नहीं होता है वहां अमृत योजना के तहत बनाई जा रही 101 टंकियों से शहर भर के किसी भी क्षेत्र में पहली मंजिल तक नल से पानी सप्लाई किया जाएगा। फिलहाल कई जगह बोरिंग का पानी मशीनों से सप्लाई किया जा रहा है। ऐसे में नियमित पानी की आपूर्ति कब से शुरू हो सकेगी यह कहना लाल मुश्किल है बहरहाल लोगों ने बरसों से पानी की अनियमित आपूर्ति नहीं देखी है ।जबकि मानसून आने में सिर्फ 4 महीने रह गए हैं ।
बाइट विवेक शेजवलकर महापौर नगर निगम ग्वालियर
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