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ओलंपिक : फाइनल में पहुंचने पर रवि दहिया की मां बोलीं- नाम की तरह चमकेगा

हरियाणा के पहलवान रवि दहिया (Wrestler Ravi Dahiya) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) अभियान की दमदार शुरुआत की है. उन्होंने अब फाइनल में जगह बना ली है. रवि ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के पहलवान को मात दी है.

ravi dahiya
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Published : Aug 4, 2021, 3:30 PM IST

सोनीपत : हरियाणा के पहलवान रवि दहिया (Wrestler Ravi Dahiya) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) अभियान की दमदार शुरुआत की है. रवि कुमार ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हरा दिया है. इसी के साथ उन्होंने फाइनल में जगह बना ली है. नाहरी गांव के किसान परिवार में जन्मे रवि दहिया की इस उपलब्धि पर देशवासियों को नाज है. फाइनल में पहुंचने के बाद उनके परिजनों में जश्न का माहौल है.

रवि के परिजनों ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि जैसा रवि का नाम है वैसा ही वो सूरज की तरह विश्व स्तर पर अपना नाम चमकाएगा. रवि दहिया की मां उर्मिला ने बताया कि रवि को बचपन से ही पहलवानी का शौक था. 7 साल की उम्र में ही रवि ने अखाड़े में कदम रख दिया था. इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. रवि की मां उर्मिला ने कहा कि रवि को पहलवान बनाने के लिए पूरे परिवार ने संघर्ष किया है. सुबह 4 बजे उठकर उसके पिता और वो प्रेक्टिस के लिए कड़ी मेहनत करते थे.

परिजनों में जश्न का माहौल

पढ़ेंः भारतीय पहलवान ने रचा इतिहास...सिल्वर मेडल किया पक्का, अब खेलेंगे फाइनल दंगल

रवि को विश्व स्तरीय पहलवान बनाने के पीछे उसके चाचा का सबसे बड़ा अहम रोल है. रवि की मौसी और चाची ने कहा कि रवि का जैसा नाम है, वो वैसे ही सूरज की तहर विश्व में देश का नाम रोशन करेगा. रवि दहिया से सिर्फ परिजनों को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद है.

सोनीपत : हरियाणा के पहलवान रवि दहिया (Wrestler Ravi Dahiya) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) अभियान की दमदार शुरुआत की है. रवि कुमार ने सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हरा दिया है. इसी के साथ उन्होंने फाइनल में जगह बना ली है. नाहरी गांव के किसान परिवार में जन्मे रवि दहिया की इस उपलब्धि पर देशवासियों को नाज है. फाइनल में पहुंचने के बाद उनके परिजनों में जश्न का माहौल है.

रवि के परिजनों ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि जैसा रवि का नाम है वैसा ही वो सूरज की तरह विश्व स्तर पर अपना नाम चमकाएगा. रवि दहिया की मां उर्मिला ने बताया कि रवि को बचपन से ही पहलवानी का शौक था. 7 साल की उम्र में ही रवि ने अखाड़े में कदम रख दिया था. इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. रवि की मां उर्मिला ने कहा कि रवि को पहलवान बनाने के लिए पूरे परिवार ने संघर्ष किया है. सुबह 4 बजे उठकर उसके पिता और वो प्रेक्टिस के लिए कड़ी मेहनत करते थे.

परिजनों में जश्न का माहौल

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रवि को विश्व स्तरीय पहलवान बनाने के पीछे उसके चाचा का सबसे बड़ा अहम रोल है. रवि की मौसी और चाची ने कहा कि रवि का जैसा नाम है, वो वैसे ही सूरज की तहर विश्व में देश का नाम रोशन करेगा. रवि दहिया से सिर्फ परिजनों को ही नहीं बल्कि पूरे देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद है.

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