भोपाल। सिमी आतंकियों के गढ़ रहे मध्यप्रदेश से एक बार फिर आतंकी गतिविधियों के तार जुड़े हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई से संबंध रखने वाले फुलबारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल के मामले में रविवार को छापामार कार्रवाई कर दो युवकों को हिरासत में लिया. हालांकि दोनों ही युवकों को एनआईए ने नोटिस देकर छोड़ दिया है. यह कोई पहला मामला नहीं है, जब प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के मामले में एमपी में कार्रवाई हुई हो. चार माह पहले भोपाल से जेएमबी के चार आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि प्रदेश में सिमी, जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी के प्रदेश के कई इलाकों में स्लीपर सेल सक्रिय हैं. प्रदेश में बढ़ती आतंकी गतिविधियांं के चलते एनआईए ने एमपी में अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है.
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#NIA ने बिहार के फुलवारी शरीफ केस में मध्यप्रदेश के भोपाल और रायसेन में छापेमारी कर दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।#MadhyaPradesh के सभी थानों को संदिग्धों की जानकारी लेने के लिए अलर्ट किया गया है। pic.twitter.com/CfEqMZxBcz
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 1, 2022#NIA ने बिहार के फुलवारी शरीफ केस में मध्यप्रदेश के भोपाल और रायसेन में छापेमारी कर दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।#MadhyaPradesh के सभी थानों को संदिग्धों की जानकारी लेने के लिए अलर्ट किया गया है। pic.twitter.com/CfEqMZxBcz
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सिमी के बाद जेएमबी, सूफा जैसे संगठन सक्रिय: मध्यप्रदेश में आतंकी गतिविधियां उजागर होने के बाद सिमी को प्रतिबंधित कर दिया गया था. इससे जुड़े आतंकियों के पकड़े जाने के बाद माना जा रहा था कि, इसका पूरी तरह से सफाया हो गया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो, सिमी के बाद जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश यानी जेएमबी, सूफा और पीएफआई जैसे संगठन प्रदेश में फिर सक्रिय हो गए हैं. जांच एजेंसियों को इनकी सक्रियता के पुख्ता इनपुट मिले हैं. जांच एजेंसियों को पता चला है कि, प्रदेश में इनकी सक्रियता को बढ़ाने के लिए फॉरेंन फंडिंग की भी कोशिश हो रही है. इस साल मार्च में राजधानी भोपाल में जेएमबी के चार सक्रिय आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. पता चला है कि इन संगठनों ने प्रदेश के कई इलाकों में अपने स्लीपर सेल बनाए हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए पढ़े-लिखे युवाओं में जेहादी जहर घोलने का काम कर रहे हैं. रिटायर्ड डीजी अरूण गुर्टू के मुताबिक, 'जिस तरह की गतिविधियां बढ़ रही है, उसको देखते हुए नेशनल एजेंसियों के अलावा स्टेट एजेंसियों और स्थानीय पुलिस को सामंजस्य के साथ काम करने की जरूरत है'.
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एनआईए ने बनाया स्थायी ठिकाना: प्रदेश में पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने भी तेजी से पैर पसारे हैं. हाल ही में इंदौर में चूड़ी वाले युवक की पिटाई के बाद पीएफआई की सक्रियता सामने आई थी. खुफिया विभाग को पता चला है कि प्रदेश के इंदौर, बुरहानपुर, रतलाम, खंडवा, नीमच आदि जिलों में पीएफआई तेजी से बढ़ा है. प्रदेश में बढ़ती आतंकी गतिविधियों को देखते हुए एनआईए ने एमपी में अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है. एनआईए प्रदेश में लगातार निगाह बनाए हुए है, यही वजह है कि फुलबारी शरीफ आतंकी मॉड्यूल मामले में एनआईए ने भोपाल से दो युवकों को हिरासत में लिया. हालांकि दोनों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक अब तक की पूछताछ में उनका आतंकी कनेक्शन नहीं निकला है. एनआईए आमतौर पर जानकारी सार्वजनिक नहीं करती, लेकिन उन्होंने हमारी सुरक्षा एजेंसी को जो जानकारी दी है, उसके अनुसार दोनों युवकों ने आईएसआईएस के नाम से टेलीग्राम बनाया था.