नई दिल्ली : प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) का कहना है कि उनको प्रियंका से मिलने जाने से रोका गया है. वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) में लिखा- 'मुझे इस बात की हैरानी है कि किस तरह प्रियंका को आईपीसी की धारा 151 के तहत अरेस्ट अरेस्ट किया गया. मैं उनसे कल बात की थी.
रॉबर्ट वाड्रा ने पोस्ट में लिखा, प्रियंका ने बताया कि पुलिस ने किसी तरह का नोटिस या आर्डर उनको नहीं दिखाया था. उनको न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश किया गया और उनको कानूनी सलाहकार से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है.
वाड्रा ने आगे लिखा, मुझे प्रियंका के लिए बहुत चिंता है, मैंने लखनऊ जाने के लिए बैग भी पैक कर लिया था. बाद में मुझे बताया गया कि मुझे लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा. यह वाकई में हैरान करने वाली बात है कि एक पति को अपनी पत्नी के लिए उससे मिलने तक नहीं दिया जा सकता.
वाड्रा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आगे लिखा, प्रियंका गांधी को बहुत लोगों का सपोर्ट मिल रहा है. मेरे लिए मेरा परिवार और पत्नी सबसे पहले आते हैं. वाड्रा ने आशा जताई की प्रियंका गांधी को जल्दी ही छोड़ा जाएगा और वह सुरक्षित ङर वापस आएंगी.
बता दें कि, उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को प्रियंका गांधी वाद्रा, दीपेंद्र हुड्डा और अजय कुमार लल्लू समेत कांग्रेस के 11 नेताओं के खिलाफ शांति भंग करने की आशंका के चलते मामला दर्ज किया, जबकि विपक्षी नेताओं ने सीतापुर में प्रियंका को हिरासत में रखने जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की थी.
प्रियंका ने आरोप लगाया है कि बिना किसी कानूनी आधार के संवैधानिक अधिकारों का हनन करते हुए उन्हें सीतापुर पीएसी परिसर में हिरासत में रखा गया है.
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कांग्रेस द्वारा प्रियंका की हिरासत पर सवाल उठाए जाने के बीच अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उनके और 10 अन्य के खिलाफ शांति भंग की आशंका के चलते दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की हिरासत से जुड़ी धाराओं के तहत यहां मामला दर्ज किया गया है। सीतापुर के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) प्यारे लाल मौर्य ने यहां बताया कि कांग्रेस नेता प्रियंका समेत 11 नेताओं के खिलाफ चार अक्टूबर को सीआरपीसी की धाराओं 144, 151, 107 और 116 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.